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नेतनयाहू ने होलोकॉस्ट के लिए हिटलर के बजाए ग्रैंड मुफ़्ती अल-हुसैनी को बताया ज़िम्मेदार : रिपोर्ट

इस हफ़्ते इस्राईली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने एक बहुत ही अटपटा सा बयान देकर कि होलोकॉस्ट हिटलर की नहीं, बल्कि यरूशलम (बैतुल मुक़द्दस) के ग्रैंड मुफ़्ती के दिमाग़ की उपज थी, दुनिया भर में अपनी बहुत किरकरी करवाई।

बुधवार को जर्मनी के दौरे पर जाने से ठीक पहले नेतनयाहू ने अब तक का सबसे झूठा दावा करते हुए होलोकॉस्ट पर एक नया विवाद शुरू कर दिया।

नेतनयाहू ने कहाः हिटलर यहूदियों को यूरोप से निकालना चाहता था, लेकिन यरूशलम के तत्कालीन मुफ़्ती अल-हुसैनी ने हिटलर से कहा कि यह फिर वापस लौस आयेंगे, इस पर हिटलर ने उनसे पूछा कि फिर क्या करना चाहिए, तो अल-हुसैनी ने कहा कि इन्हें जला डालो।

1941 में बर्लिन की यात्रा के दौरान हिटलर से अल-हुसैनी की मुलाक़ात हुई थी। 28 नवंबर, 1941 को अल-हुसैनी और हिटलर के बीच हुई मुलाक़ात का पूरा रिकॉर्ड, आधी सदी पहले प्रकाशित हुआ था और आज भी यह ऑनलाइन उपलब्ध है। यह एक आकर्षक और महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। इससे न केवल यह स्पष्ट होता है कि नेतनयाहू का आरोप झूठा है, बल्कि यह होलोकॉस्ट के वास्तविक कारणों पर भी प्रकाश डालता है कि हिटलर ने ऐसा क्यों किया था।

इसे समझने और इसका संदर्भ जानने के लिए, इस मुलाक़ात का समय महत्वपूर्ण है। नवंबर 1941 के अंत में, जब द्वितीय विश्व युद्ध जारी था, जर्मन सैनिकों ने लेनिनग्राद को घेर लिया था और मॉस्को के बाहरी इलाक़े तक पहुंच गए थे। दुनिया भर में बड़ी संख्या में पर्यवेक्षकों ने उम्मीद की थी कि जून में हिटलर द्वारा किए गए हमले के दबाव में यूएसएसआर का पतन हो जाएगा। उस वक़्त तक अमरीका युद्ध में शामिल नहीं हुआ था। जब हिटलर और अल-हुसैनी मिले, तो दोनों नेताओं को विश्वास था कि जर्मनी जीतने जा रहा है और उनकी बातचीत का बड़ा हिस्सा इस बारे में था कि अरबों को इसके परिणामों का सामना कैसे करना चाहिए।

अल-हुसैनी स्पष्ट रूप से युद्ध के बीच में बर्लिन पहुंचे थे और संभवतः पहले से लिए गए निर्णयों पर कोई प्रभाव नहीं डाल सकते थे। न ही उन्होंने उन यहूदियों के भाग्य के बारे में कुछ कहा जिनमें से अधिकांश पोलिश और सोवियत नागरिक थे, जो पहले ही हिटलर के नियंत्रण में आ चुके थे। वह जो चाहता था और उसे हासिल नहीं कर सका, वह तुरंत रूप से मध्यपूर्व में औपनिवेशिक शक्तियों के ख़िलाफ़ विद्रोह शुरू करवाना था।