#HimanchalPradesh_Flood : 9 शव बरामद, नौ मकान ढह गए, 164 मकान व 105 गोशालाएं क्षतिग्रस्त, 1,318 सड़कें बंद : रिपोर्ट
Parvez KhanComments Off on #HimanchalPradesh_Flood : 9 शव बरामद, नौ मकान ढह गए, 164 मकान व 105 गोशालाएं क्षतिग्रस्त, 1,318 सड़कें बंद : रिपोर्ट
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हिमाचल प्रदेश में भले ही तीन दिन की भारी बारिश के बाद मौसम खुल गया हो, लेकिन दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कुल्लू की खराहल घाटी के बुरगणी नाला और लगघाटी की डुघीलग खणीपांद में बादल फटने से प्लम, जापानी फल और उपजाऊ भूमि को नुकसान हुआ है। जलस्तर कम होने से ब्यास में नौ शव मिले हैं। सेऊबाग में चार, भुंतर और जिया में दो-दो और टलोगी में एक शव बरामद हुआ है। जिले के मनाली, मणिकर्ण और बंजार घाटी में 17,000 पर्यटक अभी भी फंसे हैं। अब कुल्लू-मनाली के बीच वैकल्पिक मार्ग खुलने से पर्यटक धीरे-धीरे निकलने लगे हैं। शाम तक मनाली से 800 पर्यटक वाहन मंडी निकाले गए। सिरमौर जिले के उपमंडल संगड़ाह के डूंगी गांव में निर्मला देवी (35) उर्फ गुड्डी घर के समीप बने शौचालय के बाहर नल से हाथ धो रही थी कि पहाड़ी से गिरे मलबे की चपेट में आ गई, जिससे उसकी मौत हो गई। शिमला के रोहड़ू में ढहे घर के मलबे में दबने से भी एक महिला की मौत हो गई है।
VIDEO | Himachal Pradesh CM Sukhvinder Singh Sukhu conducted an aerial survey of flood-affected areas of the state earlier today. (Source: Third Party) #HimanchalPradeshpic.twitter.com/haQvp0TnGB
नौ मकान ढहे, 1318 सड़कें ठप मंगलवार को प्रदेश में नौ मकान ढह गए और 164 मकान व 105 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। प्रदेश में चार नेशनल हाईवे मनाली-लेह, मनाली-चंडीगढ़, आनी-कुल्लू, चंबा-भरमौर और 1,318 सड़कें अभी भी ठप हैं। पेयजल की 4,000 योजनाएं भी बंद हैं। हिमाचल परिवहन निगम के 1,284 बस रूट ठप हैं। जगह-जगह 396 से ज्यादा बसें फंसी हुई हैं। उधर, चंबा जिले के भरमौर में धनछौ के पास पुलिया पार करते हुए अनियंत्रित होकर नाले में एक व्यक्ति हरबंस सिंह पुत्र नानकू राम गांव सुप्पा ग्राम पंचायत पूलन गिर गया, जिसका कोई सुराग नहीं लग पाया है। उधर, कुल्लू में फंसे लोगों की दिक्कतें कम नहीं हो रही हैं। घाटी में फंसे लोगों को प्रशासन निकालने में जुटा है। पर्यटन नगरी मनाली और आसपास के इलाके तीन दिन से कटे हुए हैं। यहां बिजली, पानी और दूरसंचार सुविधा ठप है। कुल्लू से भुंतर तक ही निजी बसें चलीं।
स्कूलों में मानसून अवकाश का शेड्यूल बदला हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सरकारी, निजी स्कूलों में मानसून अवकाश को पुनर्निर्धारित और समय से पहले/समायोजित करने का निर्णय लिया है। छुट्टियों के दिनों की कुल संख्या समान रखने के लिए हरसंभव सावधानी बरती गई है, ताकि शिक्षण दिवस यथावत रहे। सरकार के आदेशों के अनुसार स्कूलों में मानसून ब्रेक 10 जुलाई से शुरू हो गया है। वहीं, राज्य में कार्यरत सीबीएसई, आईसीएसई व किसी अन्य शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सरकारी, निजी स्कूल अपने स्तर पर अवकाश का फैसला ले सकते हैं।
मंडी जिले में करीब 95 पर्यटक फंसे मंडी जिले में ब्यास नदी का जलस्तर कम हो गया है। इसी के साथ नुकसान की भयानक तस्वीरें सामने आ रही हैं। मंडी शहर में पंचवक्त्र मंदिर समेत आसपास ब्यास किनारे कई फीट सिल्ट जमा है। पंडोह बाजार में तबाही के बाद नदी की जद में आए घरों में कुछ नहीं बचा है। जिले में करीब 95 पर्यटक फंसे हुए हैं। ये सभी सुरक्षित हैं। जिले की सैकड़ों सड़कें, बिजली, पानी व अन्य सुविधाएं ठप हैं। कांगड़ा जिले के दुर्गम क्षेत्र छोटा भंगाल के 20 गांवों का संपर्क अभी भी उपमंडल से कटा हुआ है। मुल्थान घूमने पहुंचे धर्मशाला के 15 लोग यहां फंस गए हैं। प्रशासन ने उन्हें लोहारड़ी के रेस्ट हाउस में सुरक्षित ठहराया है। उधर, बारिश से राष्ट्रीय राजमार्ग धर्मशाला-शिमला मंगरोट के पास भूस्खलन से 12 घंटे बाधित रहा। किन्नौर की सांगला घाटी पांच दिन से देश-दुनिया से संपर्क कटी है।
गिरी नदी में टापू पर फंसे पांच लोग सुरक्षित बचाए, बीमार व्यक्ति के लिए ड्रोन से भेजीं दवाइयां वहीं, सिरमौर जिले के डोरियोंवाला में गिरि नदी के बीच बने टापू में फंसे पांच मजदूरों को वायुसेना के हेलिकाप्टर की मदद से सुरक्षित बचाया। ये मजदूर पिछले चार दिन से फंसे थे। जिला प्रशासन ने इसके लिए फर्स्ट पैरा नाहन से मदद मांगी। इसके बाद फर्स्ट पैरा ने चंडीगढ़ से वायु सेना का हेलिकाप्टर मंगवाकर उसे टापू पर एक छोटी सी जगह पर लैंड कराया। पांचों मजदूरों को एयरलिफ्ट कर तारूवाला पहुंचाया गया।
हर तरफ से संपर्क जोड़ा जा रहा: मुकेश अग्निहोत्री मंगलवार सुबह मंडी पहुंचे उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 24 घंटों में हम आगे बढ़ पाएंगे। मंडी में कुछ जगह पीने का पानी की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में 1300 से 1400 बस रूट से निलंबित हैं। कुल्लू में स्थिति सबसे गंभीर बनी हुई है, कुल्लू में सभी रूट बंद हैं। राज्य सरकार की बसें सुरक्षित जगहों पर खड़ी हैं जिस कारण से बसों को किसी प्रकार की हानि नहीं हुई है। कुल्लू को बहाल करने के लिए काम किया जा रहा है और मंडी में जलभराव की स्थिति को सही किया जा रहा है। जहां भी लोग फंसे हुए थे उन्हें निकाल लिया गया है। हर तरफ से संपर्क जोड़ा जा रहा है।
शिमला-कालका एनएच बहाल, दो रेल ट्रैक अभी बंद शिमला-कालका नेशनल हाईवे को मंगलवार दोहपर 3:30 बजे पूर्ण रूप से बहाल कर दिया गया है। करीब आधे घंटे बाद बस सेवा भी सुचारू रूप से बहाल हो गई। इससे कालका, शिमला और सोलन में फंसे हजारों लोगों को बड़ी राहत मिली है। जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति भी अब नियमित होगी। कालका-शिमला रेल ट्रैक मंगलवार तक बंद रखा है। बुधवार को इस पर अंबाला मंडल फैसला लेगा। उधर, नंगल से अंब-दौलतपुर चौक तक लगातार चौथे दिन ट्रेनों के रूट रद्द रहे। इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुई जब इतने लंबे समय तक ट्रेनों के रूट बंद रहे हों। रेल प्रशासन का कहना है कि पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा में कई स्थानों पर रेल पटरियों को नुकसान पहुंचा है। इस कारण ट्रेनों का संचालन हाल फिलहाल संभव नहीं। बुधवार तक ट्रेनों के आवाजाही की कोई संभावना नहीं है।
140 लोगों को एनडीआरएफ की टीम सुरक्षित निकाला लाहौल के चंद्रताल में बर्फ के बीच 300 पर्यटक, तीन विदेशी और स्थानीय लोगों को निकालने के लिए टीमें लगातार काम कर रही हैं। गर्भवती महिला समेत चार लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए हेलिकाप्टर भेजा, लेकिन खराब मौसम के चलते लौट आया। अब दोबारा प्रयास किया जाएगा। सबसे पहले 60 से ज्यादा आयु के लोगों, महिलाओं और बच्चों को एयरलिफ्ट किया जाएगा। लाहौल के तेलिंग और पागलनाला के बीच तीन दिन चार एचआरटीसी बसों और गाड़ियों में वक्त गुजार रहे 140 लोगों को एनडीआरएफ की टीम ने सोमवार देर शाम सुरक्षित बचाया। वहीं, गुपचुप तरीके से मणिमहेश यात्रा पर गए 60 यात्रियों में से 26 को सुरक्षित निकाल लिया है।
आज कुंजुम टॉप से चार किलोमीटर पीछे से चंदरताल की और रोड खोला जाएगा। करीब 30 किलोमीटर से ज्यादा की सड़क बर्फ से बाधित पड़ी है। स्पीति प्रशासन, आईटीबीपी, बीआरओ और पुलिस की सदस्य भी बचाव दल में शामिल है। भरमौर-पठानकोट हाईवे बग्गा के पास 200 मीटर धंस गया है। इससे परेशानी बढ़ गई है। ग्रामीणों को पैदल ही आवाजाही करनी पड़ रही है। तीसा-चंबा मार्ग कल्हेल के पास अवरुद्ध हो गया है।
मंडी में बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मंगलवार तड़के मंडी शहर, पंडोह और आसपास के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर हालात का जायजा लिया। इस दौरान और सीपीएस संजय अवस्थी, एपीएमसी मंडी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया तथा जिलाधीश अरिंदम चौधरी भी उनके साथ रहे।
उन्होंने मंडी में हनुमान घाट तथा अन्य क्षेत्रों में बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच जाकर उनसे बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ से पीड़ित सभी लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। सबकी सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है। मंत्री ने प्रभावितों के लिए राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा भी की तथा जिला प्रशासन को जरूरी निर्देश दिए।
कालका-शिमला रेल ट्रैक 16 जुलाई तक बंद रखा है। उधर, नंगल से अंब-दौलतपुर चौक तक लगातार चौथे दिन ट्रेनों के रूट रद्द रहे। इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुआ, जब इतने लंबे समय तक ट्रेनों के रूट बंद रहे हों। रेल प्रशासन का कहना है कि पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा में कई स्थानों पर रेल पटरियों को नुकसान पहुंचा है। इस कारण ट्रेनों का संचालन हाल फिलहाल संभव नहीं।
प्रदेश में पेयजल की स्थिति का जायजा लेने के लिए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक की। बैठक में सचिव जल शक्ति अमिताभ अवस्थी, प्रमुख अभियंता धर्मेंद्र गिल, मुख्य अभियंताओं सहित प्रदेश के सभी अधीक्षण अभियंता व अधिशाषी अभियंता शामिल रहे। बैठक में उप मुख्यमंत्री ने जिलावार व वृत्तवार पूरे प्रदेश की पेयजल योजनाओं की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सभी पेयजल स्कीमों को शीघ्र बहाल करने और जलापूर्ति को सुचारू रूप से चलाने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कीमों की बहाली के लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। इसके लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से भी मदद ली जाएगी।
प्रदेश भर में अभी तक पेयजल स्कीमों सहित सिंचाई एवं सीवरेज योजनाओं में लगभग 350 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां पेयजल स्कीमों को अधिक नुकसान हुआ है और जल्दी बहाल किए जाने की संभावना नहीं है, वहां पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अन्य स्कीमों से वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। उन्होंने क्षतिग्रस्त हुईं 59 सीवरेज योजनाओं की शीघ्र मरम्मत के आदेश भी दिए ताकि जल जनित रोगों का खतरा पैदा न हो। अमिताभ अवस्थी ने जानकारी दी कि प्रदेश में कुल 4000 स्कीमें आंशिक और पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुई थीं, जिनमें से 2181 स्कीमों को बहाल कर दिया गया है। सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेयजल उपलब्ध करवाने के साथ-साथ यह भी आवश्यक है कि पेयजल की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जाए। सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि कार्य के मामले में कोई ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविंद के साथ ओडिशा के प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर में कथित ‘बदसलूकी’ का मामला सामने आया है. राष्ट्रपति और उनकी पत्नी करीब तीन महीने पहले यानी 18 मार्च को मंदिर दर्शनके लिए गए थे, लेकिन इस घटना का खुलासा मंदिर प्रशासन की बैठक के मिनट्स […]