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पांच हज़ार अमेरिकी सैनिक ग़ज़ा में ज़मीनी ऑपरेशन में शामिल हैं : रिपोर्ट

ग़ज़ा में जंग को 23 दिन हो चुके हैं, इस्राइली सेना ने ग़ज़ा में ज़मीनी कार्यवाहियां शुरू कर दी हैं, इस्राइली सेना के इस अभियान में अमेरिका के पांच हज़ार सैनिक भी शामिल हैं, जानकारी के मुताबिक अमेरिका के 7000 हज़ार सैनिक इसराइल पहुंचे हुए हैं, जिनमे से पांच हज़ार सैनिक इस्राइली सेना के साथ मिल कर ग़ज़ा में ज़मीनी ऑपरेशन में शामिल है, अभी तक जब-जब इस्राइली सेना ने ग़ज़ा में घुसने की कोशिश की है हमास की तरफ भी उनके ऊपर बड़े हमले हो रहे हैं, हर बार इनको वहां कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली है बल्कि इसराइल को ही नुक्सान उठाना पड़ रहा है

हमास ने वीडियो जारी कर दिखाया है कि किस तरह से AGMT से इस्राइली टैंक मोरकावा को उड़ाया

ग़ज़ा में जंग अब बहुत खतरनाक हो चली है, वहां इस्राइली सेना के साथ मिलकर अमेरिकी डेल्टा यूनिट के सैनिक स्पेशल ऑपरेशन अंजाम दे रहे हैं, इस्राइली और अमेरिकी सैनिकों ने बीती रात ग़ज़ा में ज़मीनी रास्ते से ख़ुफ़िया एंट्री की कोशिश की थी, ये हमास के ज़रिये बंधक बनाये गए लोगों का पता लगाने के लिए अंदर घुसना चाहते थे, लेकिन जैसे ही ये लोग ग़ज़ा में दाखिल हुए हमास की तरफ से इनके ऊपर एंटी टैंक मिसाइलों से ताबतोड़ हमले शुरू हो गए, हमास के हमलों से इस्राइली सेना के पांच टैंक और कई बुलडोज़र तबाह हो गए, हमला इतना सटीक और ज़ोरदार था कि इस्राइली सेना के साथ मिलकर अमेरिकी डेल्टा यूनिट के सैनिक उलटे पॉंव वापस भाते बने

इसराइल की सेना का ये दूसरा प्रयास था जो नाकाम साबित हुआ है, हमास ग़ज़ा में थोड़ा मज़बूत इस्थिति में है यहाँ वो सुरक्षित पोजीशन होल्ड किये हुए है, उसके पास बचाव के लिए सुरंगों का जाल है, ये सुरंगे ज़मीन के 200 फिट नीचे हैं, मगर हमास के लिए बहुत लम्बे वक़्त तक जंग लड़ना आसान नहीं होगा, इसराइल एक देश है, उसकी मदद करने वाले अनेक देश मौजूद हैं, हमास के पास लगातार लड़ने के लिए आने वाले दिनों हथियारों के साथ-साथ खाने-पीने के सामना की भी कमी का सामना करना पड़ेगा, ऐसे वहां तक रसद का पहुंचना आसान नहीं होगा

अरब के देश दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह से युद्ध बंदी हो जाये, अगर जंग बंदी नहीं हुई तो न सिर्फ आम लोगों की जान जाती रहेगी बल्कि हमास के वजूद को भी ख़तरा पैदा हो जायेगा…parvez