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Farmers Protest : शंभू बॉर्डर पर पूरा दिन हुआ टकराव, किसानों पर चलाए आंसू गैस के गोले, हरियाणा के किसान नेता नजरबंद, कई भूमिगत हुए!

एमएसपी गारंटी कानून और कर्जमाफी समेत 12 मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे पंजाब के किसानों ने सरकार से वार्ता विफल होने के बाद मंगलवार सुबह दिल्ली के लिए कूच किया। पंजाब के विभिन्न इलाकों से ट्रैक्टर ट्रॉलियों में टेंट व राशन लेकर निकले किसानों को हरियाणा के बॉर्डर पर रोक दिया गया।

सील किए गए पटियाला के शंभू और जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों की बीच कई बार टकराव हुआ। पथराव कर रहे और बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे किसानों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले, वाटर कैनन और रबड़ की गोलियां चलाईं।

जींद में लाठियां बरसाई गईं। दोनों बॉर्डर पर हुए टकराव में लगभग 100 किसान व अंबाला के नारायणगढ़ के डीएसपी आदर्शदीप समेत पुलिस व अर्धसैनिक बलों के 27 जवान घायल हुए हैं। पंजाब-हरियाणा सीमा के 14 में से तीन एंट्री प्वांइट्स पर करीब 20 हजार किसान जमा हैं।

उनको रोकने के लिए हरियाणा में अर्धसैनिक बलों की 64 कंपनियां और पुलिस की 50 कंपनियां तैनात हैं। मंगलवार रात 8 बजे तक पंजाब के किसान कहीं से भी हरियाणा में प्रवेश नहीं कर पाए । तब किसानों ने एलान किया कि अब वे बुधवार को कूच करेंगे। रात को किसानों ने जहां हैं, वहीं डेरा डाल दिया।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर पंजाब के फतेहगढ़ साहिब, लाडोवाल और अमृतसर से 10 बजे किसानों के जत्थे दिल्ली कूच के लिए निकले। प्रदर्शनकारियों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं।

किसान बॉर्डर पर लगे बैरिकेड हटाने के लिए जेसीबी मशीन भी साथ लेकर निकले हैं। हरियाणा पुलिस की ओर से बॉर्डर पर जैमर लगाने के कारण पंजाब की तरफ भी इंटरनेट सेवाएं बंद हो गई हैं। कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है।

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर ने सीमाओं पर बैरिकेडिंग करने की निंदा की। कहा कि ऐसा नहीं लगता कि पंजाब और हरियाणा दो राज्य हैं। ऐसा लगता है कि उनकी अंतरराष्ट्रीय सीमा है।

हरियाणा को कश्मीर घाटी में बदल दिया गया है। हम सरकार के साथ किसी भी टकराव में शामिल नहीं होंगे। सरकार हम पर गोलियां चला सकती है या लाठीचार्ज कर सकती है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान भी हमारे भाई हैं। हमारा मार्च शांतिपूर्ण होगा।

किसानों के पथराव करने पर चलाए आंसू गैस के गोले : हरियाणा पुलिस

हरियाणा पुलिस की प्रवक्ता व एआईजी मनीषा चौधरी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया गया। भारी पथराव किया, जिसके जवाब में हरियाणा पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। प्रदर्शन की आड़ में किसी को भी उपद्रव फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे लोगों पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

शंभू बार्डर पर अमृतसर से कई किसान जेसीबी और मिट्टी की ट्रॉलिया लेकर पहुंचे। किसान कंटीली तारों और कीलों पर मिट्टी बिछाकर दिल्ली कूच करने की येाजना बना रहे हैं।

हरियाणा के किसान नेताओं को किया नजरबंद…कई भूमिगत हुए

पुलिस ने हरियाणा के किसान नेताओं के घर पर दबिश दी और करीब एक दर्जन किसान नेताओं को उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया गया। बापौली थाना पुलिस मंगलवार सुबह गांव गढ़ी भलौर में किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष सूरजभान रावल के घर पहुंची। पुलिस ने उनको घर पर ही नजरबंद कर दिया है। इसके अलावा कई किसान नेता पुलिस की पकड़ से बचने अपने मोबाइल फोन बंद करके भूमिगत हो गए हैं।

प्रदर्शनकारी किसानों के रुख को देखते हुए दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ के बॉर्डर मंगलवार सुबह से ही सील कर दिए गए थे। हरियाणा के पंजाब से जुड़े शंभू, ट्यूकर, चीका, दातासिंह वाला, खनौरी, डबवाली, कालांवाली, रोड़ी, रतिया, जाखल और टोहाना बॉर्डर पर आवाजाही पूरी बंद कर दी गई थी।

दिल्ली से जुड़े सोनीपत के कुंडली और बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर को दिल्ली पुलिस ने पूरी तरह से सील कर दिया है। कुंडली पर आवाजाही पूर्ण रूप से बंद करने के बाद केएमपी-केजीपी एक्सप्रेस वे के जीरो प्वाइंट से निकाला गया। इससे एनसीआर में जाम लगता रहा।

आंसू गैस के गोलों पर डाल रहे गीली बोरियां

शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस का असर खत्म करने के लिए किसानों ने गोलों पर पानी से भीगी बोरियां डालीं। आंखों व चेहरे पर जलन न हो इसके लिए पानी में भीगे कपड़े चेहरे पर डाल आगे बढ़े।

शंभू बॉर्डर पर पूरा दिन हुआ टकराव , 10 हजार किसान जमा

शंभू बॉर्डर पर सुबह 10.30 बजे से किसान जमा होने लगे थे। करीब 11 बजे किसानों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जो पंजाब सीमा में 300 मीटर अंदर तक गिराए गए। सुरक्षाबलों ने ड्रोन से खेतों और घग्गर किनारे जमा किसानों की भीड़ पर भी आंसू गैस के गोले दागे।

सुबह 11 बजे से शाम छह बजे के बीच किसानों और सुरक्षाबलों में कई बार टकराव हुआ। शंभू बॉर्डर पर 10 हजार किसान पहुंचे हैं। आंसू गैस की वजह से मची भगदड़ में कुछ किसान घायल भी हुए हैं और कुछ की हालत बिगड़ गई। घायल किसानों को राजपुरा के अस्पताल, जबकि पुलिसकर्मियों को अंबाला के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालात बेकाबू होते देख हरियाणा पुलिस और अधैसैनिक बलों की टुकड़ी ने शंभू बॉर्डर पर करीब कई किसानों को हिरासत में ले लिया।

दातासिंह वाला: कीलें निकालने लगे तो खदेड़ा, 9 हजार किसान जमा

पंजाब के खनौरी से आने वाले किसानों का जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर दोपहर 2.40 बजे टकराव हुआ। पंजाब के किसान सड़क पर बिछाई गई कीलें निकाले लगे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें कीं। यहां काफी संख्या में हरियाणा के किसान भी पंजाब की तरफ पहुंच गए और प्रदर्शनकारियों का साथ देने लगे।

शाम चार बजे पंजाब से एक और जत्था पहुंचने के बाद फिर आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले चलाए। यहां करीब आठ हजार किसान जमा हैं। देर शाम हिसार रेंज के एडीजीपी रवि किरण ने बॉर्डर पर पहुंच स्थिति का जायजा लिया।

सात जिलों में 15 फरवरी तक ठप रहेगा मोबाइल इंटरनेट

सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट व बल्क एसएमएस भेजने पर प्रतिबंध 15 फरवरी रात 12 बजे तक बढ़ा दिया है। आदेश अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा व डबवाली में लागू रहेगा।

पंजाब की सीमा में ड्रोन की मार, पंजाब पुलिस ने रुकवाया

आंदोलनकारियों की उग्र होती भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने ड्रोन से भी आंसू गैस के गोले छोड़े। देखते ही देखते वह ड्रोन से पंजाब की सीमा में घुस गए और पंजाब पुलिस की चौकी के कुछ ही दूरी तक जाकर भीड़ को खदेड़ना शुरू कर दिया। यह मामला पंजाब के आलाधिकारियों तक पहुंचा तो हरियाणा पुलिस से बातचीत कर उस पर रोक लगाई। उसके बाद ड्रोन ने निर्धारित सीमा तक ही आंसू गैस के गोले दागे।

एमएसपी जल्दबाजी में नहीं ला सकते : मुंडा

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि फसलों पर एमएसपी की गारंटी का कानून जल्दबाजी में नहीं बनाया जा सकता। इसके लिए सभी पक्षों से परामर्श करना होगा। उन्होंने प्रदर्शनकारी किसान संगठनों से इस मुद्दे पर सरकार के साथ रचनात्मक बातचीत के लिए आगे आने का अनुरोध किया। उन्होंने किसानों को आगाह भी किया कि उनके बीच कुछ ऐसे तत्व हैं जो अपनी राजनीतिक फायदे के लिए उनके प्रदर्शन को बदनाम कर सकते हैं।