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Controversial Remarks : डीएमके सांसद राजा ने हिंदू धर्म के खिलाफ कही भड़काऊ बातें, भाजपा ने जारी किया वीडियो

राजा ने एक कार्यक्रम में कहा कि चुनाव आयोग, सीबीआई, सुप्रीम कोर्ट, प्रवर्तन निदेशालय और यहां तक कि संसद जैसे संस्थानों को सरकार ने बंधक बना लिया है। ऐसे में जनता को सच्चाई बताने के लिए ‘विदुथलाई‘ पत्रिका की बहुत आवश्यकता है।

हिंदू धर्म के खिलाफ विवादित टिप्पणी को लेकर भाजपा ने डीएमके सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा की कड़ी निंदा की है। राजा के बयान से विवाद पैदा हो गया है।

राजा ने एक पत्रिका के कार्यक्रम में कहा कि चुनाव आयोग, सीबीआई, सुप्रीम कोर्ट, प्रवर्तन निदेशालय और यहां तक कि संसद जैसे संस्थानों को इस सरकार ने बंधक बना लिया है। ऐसे में जनता को सच्चाई बताने के लिए ‘विदुथलाई‘ पत्रिका की बहुत आवश्यकता है। धर्मनिरपेक्षता, समाजवादी और संप्रभु गणराज्य वही हैं जो भारत के संविधान में वर्णित है।

दूसरों को खुश करने के लिए हिंदुओं का विरोध : भाजपा
भाजपा ने सांसद राजा की हिंदू धर्म के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की निंदा की।तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने ट्विटर पर कहा कि तमिलनाडु में राजनीतिक विमर्श की स्थिति दुखद है। द्रमुक सांसद ने एक बार फिर एक समुदाय के खिलाफ नफरत फैला दी है। इसका एकमात्र उद्देश्य दूसरों को खुश करना है। इन नेताओं की बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण मानसिकता है। लगता है कि वे तमिलनाडु के मालिक हैं। इन नेताओं की एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण मानसिकता है, जो सोचते हैं कि वे तमिलनाडु के मालिक हैं। सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए द्रमुक नेता राजा ने कहा कि संविधान के मूल ढांचे को बदला नहीं जा सकता है। यहां तक कि संसद भी संविधान में बदलाव का अधिकार नहीं है।

अन्नामलाई ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया है। इसमें सांसद ए.राजा को कथित तौर भड़काऊ टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है। अन्नामलाई ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया है। इसमें सांसद ए.राजा को कथित तौर भड़काऊ टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है।

यह कहा था राजा ने
भाजपा द्वारा साझा किए गए वीडियो में तमिल में सांसद राजा कथित तौर पर कहते हैं, ‘वेश्याओं की संतान हैं शूद्र, ये तब तक शूद्र बने रहेंगे जब तक हिंदू धर्म का पालन करते रहेंगे। जब तक आप हिंदू हैं तब तक शूद्र हैं। जब तक शूद्र हो तब तक तुम वेश्या के पुत्र हो। जब तक आप हिंदू हैं, तब तक दलित हो। जब तक हिंदू हो, तब तक आप अछूत हो।‘ विदुलथाई डीएमके का मुखपत्र है। राजा ने पत्रिका से आग्रह किया वह इन मुद्दों को उठाए।