कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने आईसीएआई और आईसीएसआई से इस संबंध में शिकायत की है, जिसके बाद कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हुई है। अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय ने संस्थानों को उनके संबंधित सदस्यों का विवरण प्रदान किया है, जिन पर कथित तौर पर कंपनी कानून का उल्लंघन करने का आरोप है।
भारत में कुछ चीनी कंपनियों और उनकी हिमायती कंपनियों की स्थापना के संबंध में कंपनी कानून के कथित उल्लंघन को लेकर कई चार्टर्ड एकाउंटेंट्स , कंपनी सचिव और कॉस्ट अकाउंटेंट्स इस समय नियामकीय जांच के दायरे में हैं। आईसीएआई और आईसीएसआई को इस संबंध में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स और कंपनी सचिवों की लगभग 400 शिकायतें मिली हैं। इतना ही नहीं इन लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई शुरू भी कर दी गई है। इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने भी इस मामले में अपने कुछ सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने आईसीएआई और आईसीएसआई से इस संबंध में शिकायत की है, जिसके बाद कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हुई है। अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय ने संस्थानों को उनके संबंधित सदस्यों का विवरण प्रदान किया है, जिन पर कथित तौर पर कंपनी कानून का उल्लंघन करने का आरोप है। आईसीएआई के अध्यक्ष देबाशीष मित्रा ने कहा कि सरकार यह देख रही है कि चीनी कंपनियों और उनकी सहायक कंपनियों ने भारत में आने और कारोबार करने के लिए सभी नियमों का पालन किया है या नहीं।
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) ने सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स इंडिया ने भी अपने कुछ सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अधिकारियों ने बताया कि कंपनी कानून का उल्लंघन करने के मामले में उनके खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इन सदस्यों को अलग-अलग चीनी कंपनियों और उनकी सहायक कंपनियों की स्थापना के लिए कंपनी कानून के कथित उल्लंघन के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है।
आईसीएआई के अध्यक्ष देबाशीष मित्रा ने बताया कि मंत्रालय ने संस्थान से अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के लिए पहले ही कहा था। इसका ऑडिट से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने बताया कि संस्थान को करीब 200 मामलों की जानकारी मिली है। आईसीएसआई के अध्यक्ष देवेंद्र वी देशपांडे ने कहा कि हाल के दिनों में प्रवर्तन एजेंसियों ने कुछ कंपनियों के कामों पर नजर बना रखी है। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनियों, उसके निदेशकों को भी नोटिस जारी किया है। उन्होंने बताया कि आईसीएसआई को निगमन की प्रक्रिया के दौरान पेशेवरों द्वारा किए गए कामों पर सवाल उठाने वाली लगभग 200 शिकायतें भी मिली हैं। जहां तक इन नए मामलों का संबंध है, संस्थान ने अपने सदस्यों को पहले ही नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।