वाया : जालोर सिरोही ताजा खबर =========== पत्नी के अंतिम संस्कार व तेरहवीं के बाद रिटायर्ड पोस्टमैन मनोहर गाँव छोड़कर मुम्बई में अपने पुत्र सुनील के बड़े से मकान में आये हुए हैं। सुनील बहुत मनुहार के बाद यहाँ ला पाया है। यद्यपि वह पहले भी कई बार प्रयास कर चुका था किंतु अम्मा ही […]
साहित्य
तू राम का नाम लेने के बाद बाद रेहड़ी को फलों से भरकर छोड़ कर आजा बस….!!!!
वाया : Lokesh Kumar Singh =============== कल बाज़ार में फल खरीदने गया, तो देखा कि एक फल की रेहड़ी की छत से एक छोटा सा बोर्ड लटक रहा था, उस पर मोटे अक्षरों से लिखा हुआ था… “घर मे कोई नहीं है, मेरी बूढ़ी माँ बीमार है, मुझे थोड़ी थोड़ी देर में उन्हें खाना, दवा […]
हिंदी भाषा शान है, हिंदी ही अभिमान…By…व्यंजना आनंद, बेतिया “बिहार”
Vyanjana Anand =============== हिन्दी दी हार्दिक बधाई आप सभी को 🙏 *हिन्दी भाषा* ************* हिंदी भाषा शान है, हिंदी ही अभिमान । मिलती हिंदी से हमें, सप्त सुरों की तान ।। व्यंजन स्वर अति भावने, प्राचिनता के स्त्रोत । भाव समाहित है सभी, हृदय मृदुलता बोत ।। राष्ट्र गान की पंक्ति में, हिंदी के हर […]
**तुमको** पागलख़ाने में दाख़िल दिलाने का इंतज़ाम हम करेंगे — सुमन मोहिनी
Suman Mohini ================ तुम दिन के उजाले में कहो ग़र कि दीपक जलाना है तो हम सवाल ना करेंगे तुम रात में कहो कि दिन है तो हम सवाल ना करेंगे तुम धूप में कहो कि चांदनी खिली है तो हम सवाल ना करेंगे तुम ग़र कहो कि हाथी उड़ता है तो हम सवाल ना […]
मेरी पत्नी मेरे बगल में सो रही थी… और अचानक….सुंदर कहानी ️
Syed Yahiya ============ 🌹सुंदर कहानी ️❤️ मेरी पत्नी मेरे बगल में सो रही थी… और अचानक मुझे एक सूचना मिली, एक महिला ने मुझे उसे जोड़ने के लिए कहा। तो मैंने उसे जोड़ा। मैंने मित्र अनुरोध स्वीकार कर लिया और एक संदेश भेजकर पूछा, “क्या हम एक दूसरे को जानते हैं?” उसने जवाब दिया: “मैंने […]
सादगी व्यक्ति को आंतरिक शक्ति प्रदान करती है, बुद्धि बल और विवेक को बढ़ाती है : लक्ष्मी सिन्हा की रचना
Laxmi Sinha ============= अपनी आवश्यकताओं व इच्छाओं में संतुलन बिठाना, सीमित संसाधनों में प्रसन्न रहना और स्वभाविक एवं सहज रहना ही सादगी है। सादगी व्यक्ति को आंतरिक शक्ति प्रदान करती है। बुद्धि बल और विवेक को बढ़ाती है। मनुष्य की प्रतिष्ठा और चरित्र का निर्माण करती है। सादगी का सबसे बड़ा लाभ यही है कि […]
मैं तुझे ढ़ूंडता फिरता हूँ ज़माने भर में…. शक़ील सिकंद्राबादी की दो ग़ज़लें
Shakeel Sikandrabadi =============== ग़ज़ल मेरी गुफ्तार सदाक़त का बयाँ ठहरी है मेरी हर बात यूँ ज़ालिम को गिराँ ठहरी है हाए ये कैसा रहे इश्क़ में आया है मक़ाम बात करने लगीं आँखें तो ज़बाँ ठहरी है मैं तुझे ढ़ूंडता फिरता हूँ ज़माने भर में ऐ ख़ुशी ये तो बता दे तू कहाँ ठहरी है […]
भजन : जुगनू की तीरथ यात्रा….By…देवराज बंसल
Dev Raj Bansal ================ · जुगनू की तीरथ यात्रा भजन एक जुगनू मैया तैयार हो रहा तेरे दर पर आने को जय माता की जय माता की जय बोलो जय माता की एक से एक धनवान है आते आते हैं सेठों के सेठ कहीं फसना जाए भगत तुम्हार चौड़ा कर ले गेट अकेला वह नहीं […]
है दिवाना वो मगर ये ख़बर न थी मुझको!, जान दे कर के अपनी हद से गुज़र जायेगा!!…अम्बर बालमपुरी की ग़ज़ल
Amber Balrampuri ===================== हार कर ज़िन्दगी से अपने किधर जायेगा! लगाकर मौत को गले से अपने मर जायेगा!! भटक रहा है कोई दिल में आरज़ू लेकर! मिले ठिकाना कोई उसको वो ठहर जायेगा!! हुनर कोई भी हो किसी में हो आलिम भी! मिस्ले खुशबु वो फज़ाओं में बिखर जायेगा!! अब तलातुम में है कश्ती खो […]
यहाँ से निकलने के बाद भी कोई ना कोई ज़िन्दगी तो होगी
Voice of indian muslim ===================== एक माँ की बच्चेदानी में दो बच्चे थे, दोनों आपस में बातें करने लगे, एक ने दूसरे से पूछा, “क्या तुम इस थैलीनुमा संसार के पश्चात भी किसी और संसार पर विश्वास रखते हो ?” दूसरे ने कहा, “अवश्य , यहाँ से निकलने के बाद भी कोई ना कोई ज़िन्दगी […]