इतिहास

#इतिहास_की_एक_झलक : शाहजहाँ के पांचवें और सबसे छोटे भाई, शाहर्यार मिर्ज़ा

शाहजहाँ के पांचवें और सबसे छोटे भाई, शाहर्यार मिर्जा, 6 जनवरी 1605 को जन्मे थे। जहाँगीर के शासनकाल के अंतिम दिनों में, शाहर्यार ने अपनी सौतेली माँ और शक्तिशाली बेगम, नूर जहाँ के समर्थन से, गद्दी हासिल करने का प्रयास किया। हालांकि, उत्तराधिकार को लेकर संघर्ष हुआ। शाहर्यार, लाहौर में रहकर, 7 नवंबर 1627 से […]

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#इतिहास_की_एक_झलक : वह स्थान जहाँ बहादुर शाह जफ़र दफ़न होना चाहते थे, अपने आप में एक दिल दहला देने वाली कहानी बयान करती है!

वह स्थान जहाँ बहादुर शाह जफ़र दफन होना चाहते थे, अपने आप में एक दिल दहला देने वाली कहानी बयान करता है। **शायर- बादशाह के नाम से मशहूर,** बहादुर शाह जफ़र को अपने पूर्वजों, जिनमें बहादुर शाह प्रथम (1701-1712), शाह आलम द्वितीय (1759-1806), अकबर शाह द्वितीय (1806-1837) शामिल हैं, के साथ दफनाने की ख्वाहिश थी। […]

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#इतिहास_की_एक_झलक : बंगाल के दूसरे सुल्तान ”नासीर-उद्दीन नसरत शाह”

नासीर उद्दीन नसरत शाह (शासनकाल 1519-1533), जिन्हें नुसरत शाह के नाम से भी जाना जाता है, हुसैन शाह वंश के अंतर्गत बंगाल के दूसरे सुल्तान थे। उन्होंने अपने पिता की विस्तारवादी नीतियों को जारी रखा, लेकिन 1526 तक उन्हें घाघरा के युद्ध में मुगल साम्राज्य के उदय से जूझना पड़ा। इसी समय, नसरत शाह के […]

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#इतिहास_की_एक_झलक : मेरठ के नवाब अबू मोहम्मद ख़ान का आख़िरी ठिकाना ”आबू का मक़बरा”

आबू का मकबरा, मेरठ के नवाब और शहंशाह औरंगजेब के दाहिने हाथ, अबू मोहम्मद खान का आखिरी ठिकाना है। उनके ज़माने में, अवध से शाही दिल्ली तक का सफर मेरठ से होकर ही हुआ करता था, ये शहर एक अहम पड़ाव बन गया था। अबू मोहम्मद खान, मेरठ के नवाब होने के साथ-साथ, औरंगजेब के […]

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#इतिहास_की_एक_झलक : नजीबाबाद का इतिहास नवाब नजीब-उद-दौला से जुड़ा हुआ है!

नजीबाबाद का इतिहास 18वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है और नवाब नजीब-उद-दौला से गहराई से जुड़ा हुआ है, जो एक रोहिल्ला नेता थे जो मुगल साम्राज्य के पतन के दौरान प्रमुखता से उभरे। नजीब खान, जैसा कि उन्हें जाना जाता था, ने 1740 के दशक में कभी नजीबाबाद की स्थापना की थी। शहर का नाम […]

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#इतिहास_की_एक_झलक : हुजूर सैय्यद मुबारक़ अली ख़ान द्वितीय, जिन्हें **हुमायूं जाह** के नाम से जाना जाता है!

हुजूर सैय्यद मुबारक अली खान द्वितीय, जिन्हें आम तौर पर **हुमायूं जाह** के नाम से जाना जाता है, का जन्म 29 सितंबर 1810 को अहमद अली खान और नज़ीब उन-निसा बेगम के यहां हुआ था। वे 1824 से 1838 तक बंगाल के नवाब रहे। उनकी गद्दी के बाद उनके बेटे मंसूर अली खान ने संभाली। […]

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सुल्तान इल्तुमिश का मक़बरा

दिल्ली के सुल्तान इल्तुमिश का मकबरा आज भी बिना छत के आम तौर पर सुल्तानों के मकबरे बहुत खास होते हैं, लेकिन दिल्ली में एक सुल्तान का मकबरा ऐसा है जिसमें कोई छत नहीं है। गुलाम वंश के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक के दामाद इल्तुमिश का मकबरा बिना छत का है। दिल्ली के एक सुल्तान का […]

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अमीर खुसरो का जीवन इतिहास

Abul Hasan Yaminuddin Khusro (1253 to 1325), अमीर खुसरो:- मध्यकालीन भारत के सबसे बहुमुखी व्यक्तित्वों में से एक, का जन्म 1253 में उत्तर प्रदेश के पटियाली नामक स्थान में हुआ था। उनका असली नाम अबुल हसन यामीन अल-दीन खुसरो था जबकि अमीर खुसरो उनका उपनाम था। अमीर खुसरो देहलवी के रूप में भी जाने जाने […]

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डॉ मग़फ़ुर अहमद अजाज़ी- भारत की जंग-ए-आज़ादी के क़द्दावर नेता

Ataulla Pathan ======== 3 मार्च यौमे पैदायिश डॉ मग़फ़ुर अहमद अजाज़ी- भारत की जंग ए आज़ादी के क़द्दावर नेता ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆●◆ 3 मार्च 1900 को मुज़फ़्फ़रपुर बिहार के एक मुहज़्ज़ब घराने मे पैदा हुए डॉ मग़फ़ुर अहमद अजाज़ी भारत की जंग ए आज़ादी के क़द्दावर नेता थे। मग़फ़ुर अहमद के वालिद मौलवी हफ़ीज़उद्दीन हुसैन (र.अ.)और दादा […]

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ग़दर पार्टी के संस्थापक क्रांतिकारी लाला हरदयाल

Ataulla Pathan ============ 4 मार्च पुण्यतिथी ग़दर पार्टी के संस्थापक क्रांतिकारी लाला हरदयाल ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ लाला हरदयाल उन अज़ीम क्रांतिकारीयों में से थे जिन्होंने विदेश में रहने वाले भारतीयों को हिन्दुस्तान की आज़ादी की लड़ाई में योगदान के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित किया। इसके लिये उन्होंने ना सिर्फ़ अमरीका में जाकर ग़दर पार्टी की स्थापना की […]