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क़तर में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को फांसी की सज़ा की अहम् वजह नूपुर शर्मा जैसे बीजेपी नेताओं के ज़हरीले बयान भी हैं : रिपोर्ट

अरब के एक देश क़तर में भारत के 8 पूर्व नौ सैनिकों को मौत की सज़ा सुनाई गयी है जिसके बाद सवाल पैदा होता है कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी के अरब देशों से अच्छे सम्बन्ध होने के बावजूद ऐसा कैसे होगया कि भारत के नागरिकों को अरब देश ने इतनी बड़ी सज़ा सुना दी है, क्या यहाँ भारत की विदेश नीति कमज़ोर रही है, क्या बीजेपी के नेताओं का वक़्त-वक़्त पर इस्लाम धर्म और भारत के मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगलना है यहाँ तक कि पैग़म्बर मोहम्मद साहब को लेकर भी बीजेपी नेता अपमानित करने वाली बातें न्यूज़ चैनल्स पर करते रहे हैं, क्या इसकी वजह भारत का ग़ज़ा और इसराइल की जंग के दौरान भारत का इसराइल को समर्थन देना है, ऐसे कितने ही सवाल हैं जो लोगों के मन में उठ रहे होंगे,

अरब के देशों में कानून बहुत सख्त हैं, वहां पर अगर कोई मामला सामने आता है तो उस में उनके देशों का कानून पूरा काम करता है, भारत के नागरिकों की सज़ा के मामले में उनपर लगे आरोप इसराइल की जासूसी के लगे हैं, क़तर वो देश है जो अरब में इसराइल का सबसे बड़ा विरोधी है और वो फलस्तीन के संगठनों और लोगों की बहुत ज़्यादा मदद करता है, इसराइल के लिए जासूसी के आरोप इस मामले में सबसे बड़ी वजह हैं साथ ही अन्य बातें जिनमे बीजेपी के नेताओं के ज़हरीली बयान भी बड़ी वजह हैं

क़तर में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को फांसी की सज़ा सुनाए जाने पर बोले ओवैसी

क़तर में गिरफ़्तार आठ भारतीय नागरिकों को फांसी की सजा सुनाए जाने पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने भाषण के एक पुराने अंश को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि कतर में फंसे पूर्व नौसेना के अधिकारियों का मुद्दा अगस्त महीने में उन्होंने संसद में उठाया था.

ओवैसी ने लिखा, “आज उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई है. नरेंद्र मोदी दावा करते हैं कि इस्लामिक देश उन्हें कितना प्यार करते हैं. उन्हें चाहिए कि वे हमारे पूर्व नौसेना के अफसरों को वापस लाएं. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें फांसी की सज़ा का सामना करना पड़ा है.”

जो भाषण का अंश ओवैसी ने शेयर किया है, जिसमें वे कहते हुए सुने जा सकते हैं- “कुलभूषण यादव पाकिस्तान में बैठा है. आप क्यों नहीं लेकर आते. आप विश्व गुरु-विश्व गुरु कहते हैं. कुलभूषण यादव को भूल गए आप. क़तर में आठ नेवी ऑफिसर एक साल से जेल में हैं, आप उन्हें नहीं ला सके.”

सितंबर 2022 में क़तर सरकार ने आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को गिरफ़्तार किया था.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़, गिरफ़्तार किए गए कर्मचारियों पर जासूसी के आरोप हैं और उन्होंने संवेदनशील जानकारी इसराइल को दी थी.

भारतीय मीडिया और अन्य अंतराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक़, इन पूर्व नौसैनिकों पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर अति उन्नत इतावली पनडुब्बी को ख़रीदने से संबंधित क़तर के ख़ुफ़िया कार्यक्रम के बारे में इसराइल को जानकारी दी थी.

यानी इन नौसैनिकों पर इसराइल के लिए जासूसी करने के आरोप हो सकते हैं.

क़तर में आठ भारतीयों को फांसी की सजा सुनाए जाने पर कांग्रेस नेता ने कहा

क़तर में गिरफ़्तार आठ भारतीय नागरिकों को फांसी की सज़ा सुनाई गई है.

ये आठ भारतीय नेवी के रिटायर्ड अधिकारी हैं और पिछले साल अगस्त से ही क़तर की जेल में हैं. क़तर ने उन पर लगे आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया है.

इस पूरे मामले पर कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि जब उन्होंने ये मुद्दा संसद में उठाया था तो विदेश मंत्री ने कहा था ज़रूरी क़दम उठाया जा रहा है लेकिन ज़ाहिर है वो क़दम पर्याप्त नहीं थे.

उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “7 दिसंबर 2022 को मैंने ये मुद्दा लोकसभा में उठाया था. उस समय ये आठ वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारी 120 दिनों तक एकांत कारावास में थे. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 26 दिसंबर 2022 को एक चिट्ठी लिख कर बताया था कि भारत सरकार इस मामले में क्या कुछ कर रही है, लेकिन स्पष्ट रूप से वह पर्याप्त नहीं था.”

भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है, “हमारे पास शुरुआती जानकारी है कि क़तर की अदालत ने अल दाहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में अपना फ़ैसला सुनाया है.”

बयान के अनुसार, “हम फांसी दिए जाने के फैसले से स्तब्ध हैं और विस्तृत फैसले का इंतज़ार कर रहे हैं. हम उनके परिजनों और क़ानूनी टीम से संपर्क में हैं. हम ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ से इस मामले को देख रहे हैं और इस मामले को क़तरी प्रशासन के सामने उठाएंगे.”

मंत्रालय ने कहा है कि अभी वो इस केस पर और कोई टिप्पणी नहीं कर सकता.