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BJP Hindutva Agenda : माहौल और हालात दे रहे यही संकेत, 2024 में हिंदुत्व ही होगा भाजपा का चुनावी एजेंडा!

BJP Hindutva Agenda: वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक एसएन ठाकुर कहते हैं कि जब राम मंदिर को भक्तों के लिए खोला जाएगा, उसके बाद ही लोकसभा का चुनाव होना है। ऐसे में भाजपा के बगैर कुछ कहे ही माहौल उसके पक्ष में बनने के राजनैतिक कयास लगाए जा रहे हैं…

2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी की चुनावी पिच तैयार होने लगी है। माहौल और हालात को देखते हुए तस्वीर साफ होने लगी है कि भारतीय जनता पार्टी के चुनावों का एजेंडा हिंदुत्व का ही रहने वाला है। यह बात अलग है कि हिंदुत्व के एजेंडे के साथ ‘विकास का तड़का’ लगाकर चुनावी दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे। फिलहाल भारतीय जनता पार्टी का पूरा फोकस दक्षिण के राज्यों पर है। लेकिन दक्षिण के राज्यों को ‘खाद-पानी’ उत्तरी भारत के शहरों से ही मिलने का पूरा अनुमान लगाया जा रहा है।

राम मंदिर से बनेगा भाजपा के पक्ष में माहौल

2024 में होने वाले लोकसभा के चुनावों से ठीक पहले अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वैसे तो भव्य राम मंदिर को सूर्य के उत्तरायण में होने के साथ मकर संक्रांति जैसे शुभ मुहूर्त में ही दर्शन के लिए खोला जाएगा, लेकिन इसका राजनीतिक महत्व बहुत बड़ा है। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक एसएन ठाकुर कहते हैं राम मंदिर सिर्फ मंदिर ही नहीं है, बल्कि एक भावनात्मक अंग बनकर जुड़ा हुआ है। ठाकुर कहते हैं कि जिस राम मंदिर के लिए भाजपा को विपरीत परिस्थियों में भी जमकर लोगों का समर्थन मिलता था, वह तो अब बनकर तैयार हो रहा है। ऐसे में उसका चुनाव में फायदा नहीं होगा, राजनीतिक रूप से यह तो सोचने वाली बात ही नहीं है। ठाकुर का कहना है कि जब राम मंदिर को भक्तों के लिए खोला जाएगा, उसके बाद ही लोकसभा का चुनाव होना है। ऐसे में भाजपा के बगैर कुछ कहे ही माहौल उसके पक्ष में बनने के राजनैतिक कयास लगाए जा रहे हैं।

राम मंदिर और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से बनेगी पहुंच

भारतीय जनता पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ महीनों में ही दक्षिण भारत के राज्यों से भाजपा के समर्थकों का हुजूम न सिर्फ अयोध्या बल्कि बनारस पहुंचना शुरू करेगा। जानकारों का कहना है कि दक्षिण भारत से आने वाले लोगों का मकसद अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर और काशी में बने भव्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की सुंदरता को देखना है। लेकिन सुंदरता को देखने के साक्षात दक्षिण भारत में भारतीय जनता पार्टी की मजबूत नींव भी रखी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी का पूरा फोकस 2024 में लोकसभा चुनाव के दरमियान दक्षिण भारत में ही है। शुक्ला कहते हैं कि शुरुआती दौर से दक्षिण भारत के लोगों का अयोध्या में रामलला के दर्शनों के लिए खूब आना रहा है। वह कहते हैं कि अब जब भव्य राम मंदिर बनकर तैयार होने वाला है, तो दक्षिण भारत से आने वाले लोगों में आस्था निश्चित तौर पर उस राजनीतिक पार्टी के लिए और बढ़ेगी, जिसने मंदिर आंदोलन के लिए अगुवाई की है। शुक्ला कहते हैं कि इससे भारतीय जनता पार्टी को न सिर्फ दक्षिण भारत में फायदा मिलेगा बल्कि आगे की रणनीति में उसको सहूलियत भी होगी।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सिर्फ अयोध्या में बनने वाले राममंदिर से ही भारतीय जनता पार्टी का हिंदुत्व मजबूत नहीं हो रहा है, बल्कि बनारस में जिस तरीके से ज्ञानव्यापी मामले में माहौल बनना शुरू हुआ है, वह भी 2024 के चुनावों में मतलब भर का ‘खाद-पानी’ तैयार कर देगा। कानूनी जानकारों का कहना है कि मामला अब कोर्ट में सुनवाई के लिए चला गया है, तो निश्चित तौर पर इसमें वक्त भी लग सकता है। ऐसे में राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इसका लाभ भाजपा को मिल सकता है। सिर्फ यही नहीं मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के विवाद का मामला भी कोर्ट में है। इस मामले को भी हिंदुत्व के एजेंडे के साथ जोड़कर देखा जा रहा है।

राम मंदिर, काशी, मथुरा सब आस्था से जुड़े

राजनैतिक जानकार 2024 में होने वाले लोकसभा के चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को अयोध्या, काशी और मथुरा से हिंदुत्व के लिहाज से अच्छी खासी बढ़त, पकड़ और मजबूती मिलने का अनुमान लगा रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि 2024 में हिंदुत्व के इस सबसे बड़े एजेंडे के साथ भारतीय जनता पार्टी न सिर्फ उत्तर में बल्कि दक्षिण में भी अपनी राजनैतिक पिच को मजबूत कर लेगी। भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा से अपनी संस्कृति और विरासत को बचाने के लिए आगे ही आती रही है। राम मंदिर, काशी, मथुरा यह सब हमारी आस्था के साथ जुड़े हैं। इसको चुनावी एजेंडा कहना सरासर गलत है। अब ज्ञानव्यापी मामले में दोनों पक्षों को धैर्य और संयम रखने की आवश्यकता है। जो भी तथ्य, तर्क और साक्ष्य हैं, वह कोर्ट के सामने रखे जा सकेंगे। पोषणीयता को लेकर चल रहे सवाल अब समाप्त हुए। भारत के न्यायालय समर्थ हैं जो इन सवालों का जवाब आसानी से दे सकते हैं।