नालंदा/समस्तीपुर।केंद्र सरकार द्वारा मोटर वीकल एक्ट में संशोधन किया गया है। ट्रांसपोर्ट करबारियों ने इसके खिलाफ सोमवार को नालंदा के दीपनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत बख्तियारपुर रजौली फोरलेन के देवी सराय चौक को जाम कर दिया। इसके कारण वाहनों के आवागमन पर रोक लग गई। दूर-दराज जाने वाले यात्री गाड़ियां ने चलने से परेशान दिखे।
‘चरणबद्ध तरीके से आंदोलन जारी रहेगा’
जाम कर रहे ट्रक चालकों ने कहा कि मोटर वीकल एक्ट में किए गए संशोधन के खिलाफ उन लोगों ने चक्का जाम किया है। जब तक केंद्र सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है। तब तक चरणबद्ध तरीके से आंदोलन जारी रहेगा और किसी भी प्रकार के वाहनों को चलने नहीं दिया जाएगा। ट्रक चालक सजा और पैसे क्यों भरेगा।
जाम में फंसी बीपीएससी शिक्षिका ने कहा कि वाहनों का परिचालन नहीं हो रहा है। वे तय समय पर बस स्टैंड पहुंच गई थीं। लेकिन उन्हें पता चला कि आज ट्रक चालकों के द्वारा हड़ताल कर दी गई है। इसके कारण किसी भी प्रकार के वाहनों को चलने नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में वह अब कैसे स-समय स्कूल पहुंच पाएंगी।
आखिर क्यों मचा है हंगामा
दरअसल, मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन किया गया है। दुर्घटना होने पर वाहन चालक को 12 साल की सजा का प्रावधान है। साथ ही उस पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा। वहीं, इस मामले में दीपनगर थाना अध्यक्ष ने बताया कि पुलिस मौके पर पहुंच गई है और जाम कर रहे लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास कर रही है।
नए मोटर अधिनियम का विरोध : समस्तीपुर में हड़ताल पर टैक्सी चालक; बस स्टैंड से नहीं खुले वाहन
केंद्र सरकार द्वारा दिसंबर महीने में लाए गए नए मोटर अधिनियम (मोटर वीकल एक्ट में संशोधन) का विरोध बिहार भर में किया जा रहा है। इसे लेकर राजव्यापी आह्वान के तहत जिला परिवहन मजदूर यूनियन के बैनर तले समस्तीपुर जिले के टैक्सी और बस चालकों ने आज सोमवार से हड़ताल शुरू कर दी है। इस कारण समस्तीपुर के कर्पूरी बस पड़ाव से सुबह से ही पटना और मुजफ्फरपुर समेत विभिन्न जगहों के लिए बसें नहीं खुलीं। इस वजह से आम यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मौके पर बस स्टैंड में जिला परिवहन मजदूर यूनियन के बैनर तले एक सभा का भी आयोजन किया गया है।
सभा को संबोधित करते हुए यूनियन के महामंत्री एसए इमाम ने कहा कि गत दिसंबर महीने में केंद्र सरकार नया मोटर अधिनियम लाई है। उसके मुताबिक जिस वाहन या चालक से सड़क हादसे में किसी व्यक्ति की मौत होती है तो उस चालक पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। साथ ही चालक को 10 साल की सजा दी जाएगी। वहीं, वाहन चालक को सात लाख रुपये मुआवजा भी देना होगा। इमाम ने कहा कि अधिनियम के मुताबिक बिना लाइसेंस धारी वाहन के चालक से दुर्घटना होने और इस दौरान मौत होने पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। साथ ही चालक को मृत्यु दंड अथवा उम्र कैद की सजा दी जाएगी।
एसए इमाम ने कहा कि जब भारत में अंग्रेजों का शासन था, तब भी ऐसा काला कानून लागू नहीं किया गया। अब केंद्र की भगवा सरकार इस तरह का कानून लाकर आम मजदूर के पेट पर लात मारने का काम कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द इस अधिनियम को वापस ले, चूंकि हादसा तो हादसा है। पांच से दस हजार रुपये महीना कमाने वाला चालक इतनी बड़ी मुआवजा राशि किसी भी कीमत पर चुका नहीं पाएगा।
इस सभा को सुरेंद्र राय, प्रमोद कुमार भारती, मनोज कुमार, मुनचुन, सीटू नेता मनोज कुमार गुप्ता, सत्यनारायण सिंह, संजय राय, सुनील कुमार और मदन मोहन समेत बड़ी संख्या में परिवहन मजदूर ने भी संबोधित किया।
परिवहन मजदूर ने निकाला जुलूस
इस मौके पर जिला परिवहन मजदूर यूनियन के बैनर तले परिवहन मजदूर ने शहर में जुलूस निकाला। फिर बस स्टैंड के पास सभा का आयोजन किया। जुलूस के दौरान लोग केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए परिवहन कानून को वापस लेने की मांग कर रहे थे। लोगों का कहना था कि यह काला कानून है। केंद्र सरकार इसे जल्द से जल्द वापस ले।
नहीं खुली बसें, लोग हुए परेशान
समस्तीपुर शहर के कर्पूरी बस पराग से सोमवार को एक भी बस नहीं खुली। इस कारण बस से पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और बेगूसराय आदि जगहों के लिए सफर करने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बाद में लोग स्टेशन की ओर चले गए परिवहन नेताओं का कहना है कि यहां आंदोलन अगले तीन दिनों तक जारी रहेगा।