कश्मीर राज्य

Anantnag Encounter : एक आतंकवादी मारा गया, मुठभेड़ शुरू हुए क़रीब 70 घंटे से अधिक समय बीत गया, अभी भी गोलाबारी जारी है : रिपोर्ट

भारत नियंत्रित कश्मीर के बारामूला के उरी, हथलंगा इलाके में शनिवार को सेना की कार्यवाही में एक आतंकवादी मारा गया जबकि 2 से ज्यादा छापामारों की तलाश जारी है।

इस इलाके में सुबह 3 आतंकवादियों के देखे जाने के बाद सेना-पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये वही इलाका है जहां दिसम्बर 2022 में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के एक बड़े ठिकाने का भंडाफोड़ किया था। तब एक गुफा से हथियारों का भंडार बरामद किया गया था।

पिछले 6 दिनों में यह तीसरी कार्यवाही है। 11 सितम्बर को राजौरी में 2 छापामार और 1 सुरक्षाकर्मी मारा गया था। 13 सितम्बर को अनंतनाग के कोकेरना में 4 सुरक्षाकर्मी मारे गये थे जबकि 2 छापामारों की तलाश जारी है।

कश्मीर में अनंतनाग के गडूल कोकेरनाग में पांचवे दिन भी आतंकियों से मुठभेड़ जारी है।

कश्मीर में पिछले तीन साल में यह सबसे बड़ा हमला है, जिसमें इतने बड़े अफसर मारे गये। इससे पहले कश्मीर के हंदवाड़ा में 30 मार्च 2020 को 18 घंटे चले हमले में कर्नल, मेजर और सब-इंस्पेक्टर समेत पांच अफसर मारे गये थे। इस साल जनवरी से अब तक जम्मू-कश्मीर में 40 छापामार मारे गए हैं।

Anantnag Encounter

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षाबलों का आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन गडूल शनिवार को चौथे दिन भी जारी है। जिले के कोकरनाग के गडूल के घने जंगल और पहाड़ों के बीच ऑपरेशन चल रहा है। यहां कई प्राकृतिक गुफाएं बनी हुई हैं, जिनमें दहशतगर्दों को पनाह मिल रही है। ऐसे में सुरक्षाबल आधुनिक तकनीक और हथियारों के साथ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं। ड्रोन की मदद से पहले टारगेट सेट किया जा रहा है और फिर बम की बरसात से ठिकाना ध्वस्त किया जा रहा है।

ड्रोन कैमरे में भागता हुआ दिखा आतंकवादी

ड्रोन कैमरे में एक आतंकवादी भागता हुआ नजर आया है। शुक्रवार को कई यूबीजीएल, कई रॉकेट लॉन्चर और आईईडी लगा कर आतंकियों के संदिग्ध ठिकाने ध्वस्त किए गए। मौके पर पूरा कमांड सेंटर स्थापित किया गया है। सेना कुछ दूरी बना कर आतंकी ठिकानों को नष्ट कर रही है। सुरक्षाबलों ने आतंकियों के करीब चार ठिकानों को ध्वस्त किया। करीब छह प्राकृतिक गुफाएं नष्ट की गई हैं। बताया जा रहा है कि यहां एक प्राकृतिक गुफा काफी बड़ी है, जिस पर बार-बार निशाना साधा जा रहा है। सेना ने बताया है कि छुपे हुए आतंकवादियों का पता लगाने के लिए नई पीढ़ी के हथियारों और उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें हमला करने में सक्षम हेरॉन ड्रोन और क्वाड कॉप्टर शामिल हैं।

यहां आतंकियों की संख्या दो-तीन से ज्यादा होने की संभावना है। इनमें उजैर खान भी शामिल है, जो पिछले साल लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था। अधिकारियों ने कहा कि आतंकियों को इलाके के बारे में पूरी जानकारी है, जिसका फायदा आतंकियों को हो रहा है।

सूत्रों के अनुसार, ‘साधारण आतंकवादी किसी मुठभेड़ को इतने लंबे समय तक नहीं खींच सकते। ये अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। इनके पास अच्छे हथियार हैं। यह भी अंदेशा लगाया जा रहा है कि किसी तरह की सुरक्षा सूचना में सेंध लगी हो। जो भी हो, सुरक्षाबल पूरे मुस्तैदी के साथ ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं और जल्द ही आतंकियों को खत्म कर दिया जाएगा।

कब शुरू हुआ ऑपरेशन

सूत्रों ने बताया कि सुरक्षाबलों को मंगलवार रात कोकेरनाग के गडूल जंगलों में आतंकवादियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिली। पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान चलाया, लेकिन आतंकियों का पता नहीं चल सका। तभी टीम को सूचना मिली कि आतंकवादी एक पहाड़ी की चोटी पर हैं। बुधवार को सुरक्षाबल आगे बढ़े पहाड़ी की चोटी पर पहुंचने के लिए बलों को जो रास्ता अपनाना पड़ा, जो कि काफी चुनौतीपूर्ण है। यह बहुत संकरा है। एक तरफ पहाड़ और घने जंगल से घिरा है। इसके दूसरी तरफ गहरी खाई है।

सुरक्षाबलों ने घने जंगलों के बीच पहाड़ी की तरफ चढ़ाई शुरू की। जैसे ही दल गुफा के पास पहुंचा तो वहां छिपे आतंकवादियों को उनकी स्पष्ट झलक मिल गई। उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। संकरे रास्ते पर फंसे होने के कारण कर्मियों के पास जाने के लिए कोई जगह नहीं थी, जिसके चलते दो सेना के अधिकारी और एक पुलिस अधिकारी घायल हो गए। घायल अधिकारियों मुठभेड़ स्थल से बाहर निकालना भी काफी चुनौतीपूर्ण रहा। अन्य कर्मियों और हेलीकॉप्टर दोनों द्वारा उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। शुरुआती गोलीबारी के दौरान 19 आरआर के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोंचक और पूर्व डीआईजी कश्मीर गुलाम मोहम्मद भट के बेटे डीएसपी हुमायूं भट वीरगति को प्राप्त हुए।

मुठभेड़ शुरू हुए करीब 70 घंटे से अधिक समय बीत गया है। रात में अंधेरे को देखते हुए हाई बीम लाइटें लगाई गई हैं। पुलिस, सीआरपीएफ, सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने पहाड़ी को घेर लिया है। सूत्रों ने कहा कि ड्रोन का उपयोग करके विस्फोटक गिराए जा रहे हैं। रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल किया जा रहा है। जवान, पैरा कमांडो गोलीबारी कर रहे हैं।

गुरुवार सुबह एक बार फिर ऑपरेशन शुरू हुआ। अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ क्षेत्र के करीब रहने वाले नागरिकों को मौके से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसके साथ ही घेराबंदी की सभी परतें सख्त कर दी गई हैं, ताकि आतंकी भाग न पाएं। आतंकी छुपने के लिए घने जंगल और प्राकृतिक गुफाओं का सहारा ले रहे हैं, जिन्हें लगातार टारगेट किया जा रहा है। गुरुवार को पूरे दिन ऑपरेशन जारी रहा। इसके बाद शुक्रवार को सेना के और जवान का पार्थिव शरीर मुठभेड़ स्थल से बरामद किया गया, जो कि गुरुवार से लापता हो गया था।

जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि कोकरनाग के जंगल क्षेत्र में हाइडआउट को 10 से अधिक टीमों ने घेर रखा है। यही कारण है कि आतंकवादी अभी तक वहां से निकल नहीं पाए हैं। जांबाजों की शहादत को सलाम करते हुए कहा कि कुछ ऑपरेशन ऐसे होते हैं, जहां पर रिस्क बड़ा होता है।

इसके बावजूद आगे बढ़ने वाले लोग बहादुर होते हैं। ऐसी सूरतों में नुकसान हो जाता है। कोई टैक्टिकल एरर वाली बात नहीं है। वहीं पुलिस के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा कि कुछ समय से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी पहाड़ों, जंगलों और गुफाओं का इस्तेमाल कर गुरिल्ला वारफेयर का टैक्टिक अपना रहे हैं, ताकि सुरक्षाबलों को भारी नुकसान पहुंचा सकें। इसके लिए हमें रणनीति तैयार करनी होगी।

एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि कोकरनाग मुठभेड़ को लेकर कुछ पूर्व सैन्य व पुलिस अधिकारी अनुमान के आधार पर टिप्पणियां कर रहे हैं। इससे बचा जाना चाहिए। इस ऑपरेशन को सटीक सूचना के आधार अंजाम दिया गया है। दो से तीन आतंकी घिरे हुए है उन्हें शीघ्र मार गिराया जाएगा।

बारामुला मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर
उधर, उत्तरी कश्मीर के बारामुला में भी शनिवार को मुठभेड़ शुरू हो गई। कश्मीर जोन पुलिस ने बताया कि बारामुला के उड़ी के हथलंगा के अग्रिम इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई है। इस ऑपरेशन में दो दहशतगर्द ढेर कर दिए गए हैं। पुलिस और सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला हुआ है। अभी यहां ऑपरेशन जारी है।

इससे पहले शुक्रवार को बारामुला में आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस और और सेना की संयुक्त टीम ने यहां दो आतंकवादी मददगारों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी घाटी में लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहे थे। उनके पास से हथियार और आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है।

वहीं, मंगलवार को जम्मू संभाग के राजोरी जिले में मुठभेड़ हुई, जिसमें दो आतंकी मारे गए। मंगलवार शाम को शुरू हुई मुठभेड़ में एक आतंकी को मारा गया था। इसके बाद देर रात को गोलीबारी रुक गई थी। बुधवार सुबह एक बार फिर ऑपरेशन शुरू हुआ, जिसमें सुरक्षाबलों को सफलता मिली है। हालांकि, मुठभेड़ में सेना का एक जवान भी शहीद हुआ है। इसके अलावा एक पुलिस एसपीओ सहित तीन घायल हुए हैं। आतंकियों के पास से दो एके 47 राइफल, सात मैगजीन व अन्य सामान बरामद किया गया है।