सूडान के हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं, देश पर नियंत्रण हासिल करने के लिए सूडान की सेना और अर्द्धसैनिक बल के बीच खुनी संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में सूडान की आम जनता गृह युद्ध की आग में जल रही हैं. इसी बीच रविवार को राजधानी खार्तूम में हुए ड्रोन हमले ने पूरे देश को दहला कर रख दिया. रिपोर्ट के अनुसार, खार्तूम के एक बाजार में हुए हवाई हमले में कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई.
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, खार्तूम के एक बाजार में हुए हवाई हमले में कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि ड्रोन हमले के कारण 36 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं. घायलों को इलाज के लिये बशीर विश्वविद्यालय अस्पताल ले जाया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि रविवार के ड्रोन हमले के पीछे कौन सा पक्ष शामिल है. लेकिन इस हवाई हमले के बाद इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है. गौरतलब है कि 5 अप्रैल से सूडान में शुरू हुए गृह युद्ध के बाद नागरिकों की मौत का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है.
आरएसएफ के कब्जे वाले इलाके में हुआ है हमला
दक्षिणी खार्तूम आपातकालीन कक्ष (Southern Khartoum Emergency Room) नामक स्थानीय स्वयंसेवकों के एक समूह द्वारा साझा की गई तस्वीरों में कई महिलाएं और पुरुष घायल दिख रहे हैं और कपड़े में ढके हुए शव दिखाई दे रहे हैं. द गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में रॉयटर्स के हवाले से लिखा कि जिस इलाके में हवाई हमले हुए हैं, वह ख्य रूप से आरएसएफ के कब्जे में आता है.
सूडानी सेना पर आरएसएफ ने लगाया आरोप
रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना के बाद आरएसएफ ने एक बयान में सूडानी सेना पर हमले का आरोप लगाया. हालाँकि सूडानी सेना ने जिम्मेदारी से इनकार करते हुए आरएसएफ को दोषी ठहराया. ब्रिगेडियर जनरल नबील अब्दुल्ला ने रॉयटर्स को बताया कि हमारा लक्ष्य केवल विभिन्न क्षेत्रों में दुश्मन के समूहों और स्टेशनों पर हमला करना है.
यूएन के अगस्त के आंकड़ों के अनुसार, सेना और आरएसएफ के संघर्ष में 4,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. जारी संघर्ष के बीच भारी संख्या में लोग देश छोड़ जा चुके हैं. हिंसा के कारण लगभग 71 लाख लोग घर छोड़ चुके हैं, वहां, 11 लाख लोगों ने विदेशों में शरण ली है.