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दुःख सबके एक जैसे नहीं होते है…किसी के बहुत “छोटे” तो किसी के बहुत “बड़े” होते है!
वाया : कामसूत्र – स्वामी देव द्वितीय ============== · “चरित्रहीन – एक यात्रा वैश्यालय की” यौवन के मद में अनियंत्रित, सागर में खो जाने को आज चला था पैसो से मैं यौवन का सुख पाने को दिल की धड़कन भी थिरक रही थी यौवन के मोहक बाजे पे अरमानों के साथ मैं पंहुचा उस तड़ीता […]
हर शाख़ पे उल्लू बैठा है…..By – डॉ अंजना गर्ग
हर शाख पे उल्लू बैठा है…..डॉ अंजना गर्ग ========= समय का दान “मीना इतवार को तो तेरी छुट्टी होती है फिर कहां से आ रही है। पिछले रविवार भी मैंने देखा था सुबह सुबह भाग रही थी ।”सरोज ने अपनी पड़ोसन मीना से पूछा । “बस कुछ खास नहीं । मैं हर इतवार को महिला […]
है धरती तो आकाश नहीं…..सब कुछ तो सबके पास नहीं….,,,,#उलझन_सुलझे_ना….By-मनस्वी अपर्णा
मनस्वी अपर्णा ============ #मेरी_दुनिया है धरती तो आकाश नहीं सब कुछ तो सबके पास नहीं हम बस मन की सुन सकते हैं या दुनिया को चुन सकते हैं विपरीत सदा ये चलते हैं दोनों कब किसको मिलते हैं मन की अपनी इक दुनिया है दुनिया का अपना मन है इक किसको छोड़ें, किसको पकड़ें दोनों […]