Vikas Sharma
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यह मटर गश्ती है बिल्कुल सस्ती। मटरगस्ती के बाद मिलेगा मटर के छिलकों पर ब्रम्हज्ञान, क्योंकि दाने से ज्यादा फायदा छिलकों में दिखेगा। तो है न केतली, चाय से भी गर्म…?
हमारे पातालकोट में तो बकायदा छिलकों की चटनी भी बनाई जाती है। यह छिलके कैसे हैं खास मधुमेह के रोगियों के लिए और क्या कहता है विज्ञान। इस पर भी चर्चा होगी बने रहियेगा।
आप सभी के लिए मटर नाम नया नही है। इसी मटर से दाल, बेसन, निमोना, आमटी, मुसैला, खिचड़ी, सब्जी और पोहा जैसे न जाने कितने व्यंजन तैयार होते हैं। जो प्रतिदिन हमारी रसोई में परोसे जाते हैं। इनमें से भूने हुये मटर और मटर का होला मड़ई मेलों खासकर महादेव और नागद्वारी मेलों की शान हैं।मटर की कीमतें अनुकूल समय मे 10 रुपये प्रति किलो से प्रतिकूल मौसम में 100 रुपये किलो रहती हैं। हमारा मध्यप्रदेश अन्य सभी दालों के साथ मटर उत्पादन और सेवन में भी अग्रणी है। पातालकोट की छोटी मटर जिसे बटरी कहा जाता है, उसकी चर्चा अगल से करूँगा।