धर्म

“ऐ ईमान वालों सब्र करो और मुक़ाबले के लिए तैयार रहो और डट जाओ और अल्लाह का तक़वा इख्तियार करो ताकि निजात पा जाओ”

Mohd Taseen Azad
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क्या सब्र बुजदिली है
यह नागफनी के पौधे हैं जो रेगिस्तानी वनस्पति है नागफनी को इंग्लिश में Cactus कहते हैं अरबी भाषा में इस का नाम सब्बार صبار है

सब्बार का मतलब है बहुत ज्यादा सब्र करने वाला, नागफनी का नाम सब्बार इस लिए पड़ा कि यह पौधा विपरीत परिस्थितियों में पनपता है कई कई महीने पानी न मिलने पर भी मुरझाता नहीं है गर्म मौसम हो गर्म आंधियां आएं सब बर्दाश्त करता है कभी कभी रेतीले तूफ़ान आते हैं कई मीटर रेत के नीचे दब जाता है लेकिन जब वह रेत उड़ जाते हैं यह फिर से लहलहा उठता है हर तरह की मुसीबतें झेलता है हर तरह की परिस्थितियों का सामना करता है लेकिन अपने वजूद को बाक़ी रखता है

यही माना सब्र का है खामोशी से विपरीत परिस्थितियों का सामना करना कैसी भी मुसीबतें आएं उन्हें बर्दाश्त करते हुए अपने वजूद को बाकी रखना सब्र है
सब्र बुजदिली नहीं है बल्कि सब्र बड़ी बहादुरी का काम है नागफनी का पौधा जिस तरह से अपने वजूद को बाक़ी रखता है क्या उसे बुज़दिली कहा जा सकता है?

शायद अब सब्र का मतलब समझ में आ गया होगा, सब्र का मतलब अगर बुजदिली होता तो कुरआन में उस की तालीम नहीं दी जाती कुरआन गलत चीज़ों की तालीम नहीं देता है

लोग वालीवुड डायलॉग बोलने वाले मौलवियों की तकरीर से प्रभावित हो कर सब्र को एक गाली जैसा समझने लगे हैं सब्र का नाम सुनते ही बुजदिली का ताना मारने लगते हैं डायलॉग बाज़ों के चंगुल से बाहर आइए कुरआन पर हमारा ईमान है तो इतना यकीन होना चाहिए कि कुरआन हमें बुजदिली की तालीम नहीं देगा

कुरआन सूरा आल इमरान आयत नंबर 200 में है कि “ऐ ईमान वालों सब्र करो और मुकाबले के लिए तैयार रहो और डट जाओ और अल्लाह का तकवा इख्तियार करो ताकि निजात पा जाओ”

इस आयत में मुकाबले के लिए डट जाने को सब्र करने के साथ मिलाया है अगर सब्र बुजदिली होता तो दोनों एक साथ इस्तेमाल नहीं होता क्योंकि मुकाबले में डटने वाले बुजदिल नहीं होते,

उम्मीद है कि सब्र सुन कर गाली सुनने जैसा रिएकट करना बंद करेंगें,