साहित्य

“पति-पत्नी दोनों पेन और पेपर लेकर अलग-अलग जगह बैठ गए, लेकिन थोड़ी देर बाद….

रंगबाज सेना
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संयुक्त परिवार में रहने वाले एक पति-पत्नी के बीच एक गंभीर झगड़ा हो गया। यह उन छोटे-मोटे विवादों से कहीं ज्यादा बड़ा था, जो अक्सर दांपत्य जीवन में होते हैं। बात इतनी बिगड़ गई कि दोनों ने तलाक लेने की बात तक कर डाली। परिवार के बाकी सदस्य इस स्थिति से बेहद परेशान हो गए और हर संभव कोशिश करने लगे कि किसी तरह दोनों के बीच सुलह हो जाए। लेकिन कोई भी तरीका काम नहीं आया, तो आखिरकार वे दंपत्ति को घर के सबसे बुजुर्ग सदस्य, यानी दादाजी के पास ले गए।

दादाजी के कमरे में पहुंचते ही उन्होंने दोनों से बैठने को कहा और पूछा, “बताओ, तुम्हारी समस्या क्या है?” पति और पत्नी दोनों ने एक साथ बोलना शुरू कर दिया और एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप करने लगे। पत्नी ने पति की कई कमियां गिनाईं, तो पति ने भी उससे ज्यादा आरोप लगा दिए। दोनों ने कई मिनट तक गुस्से में एक-दूसरे की आलोचना की।

दादाजी ने दोनों को चुप कराने की कोशिश नहीं की और उन्हें अपनी भावनाएं बाहर निकालने दीं। जब दोनों के मन का गुस्सा शांत हुआ और वे थककर चुप हो गए, तब दादाजी ने मुस्कुराते हुए कहा, “अब एक-दूसरे की कुछ अच्छाइयां बताओ।” इस पर दोनों के चेहरे पर अचानक चुप्पी छा गई। शायद गुस्से में उन्हें किसी भी अच्छाई की याद नहीं आ रही थी, या फिर वह अहंकार के कारण एक-दूसरे की तारीफ नहीं करना चाहते थे।

दादाजी ने स्थिति को भांपते हुए उन्हें एक और तरीका सुझाया। उन्होंने कहा, “चलो, यह लो पेपर और पेन, और एक-दूसरे की अच्छाइयां इसमें लिखो।” पति-पत्नी दोनों पेन और पेपर लेकर अलग-अलग जगह बैठ गए। पहले तो दोनों ने कुछ नहीं लिखा, लेकिन थोड़ी देर बाद पति ने लिखना शुरू किया, और उसे देखकर पत्नी ने भी अपने पेपर पर लिखना शुरू कर दिया। ऐसा लग रहा था जैसे दोनों के बीच अच्छाइयां लिखने का मुकाबला चल रहा हो। काफी देर तक दोनों लिखते रहे, और जब पेपर पूरी तरह भर गए, तो वे वापस दादाजी के पास गए।

दादाजी ने मुस्कुराते हुए कहा, “अब अपने-अपने पेपर एक-दूसरे को दो और पढ़ो।” दोनों ने एक-दूसरे को अपना-अपना पेपर दिया और पढ़ना शुरू किया। जैसे-जैसे उन्होंने अपने बारे में लिखी अच्छाइयां पढ़ीं, उनकी आंखों में आंसू आ गए। पत्नी तो रो पड़ी, और उसे देखकर पति भी दौड़कर उसके पास पहुंचा, माफी मांगने लगा। पत्नी ने भी माफी मांगते हुए उसे गले से लगा लिया। ऐसा लगा जैसे उनके बीच कभी कोई झगड़ा हुआ ही नहीं था।

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इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हर इंसान में कमियां और खूबियां होती हैं। यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम कमियों पर ध्यान देकर जीवन को नर्क बनाएं या खूबियों पर ध्यान देकर उसे स्वर्ग जैसा सुंदर बना दें।