साहित्य

यह कहानी एक बड़े घर की बेटी अनुपमा और उसके ससुराल के रिश्तों पर आधारित है…लेखक : मुंशी प्रेमचंद

लेखक: मुंशी प्रेमचंद
कहानी का सारांश:
यह कहानी एक बड़े घर की बेटी अनुपमा और उसके ससुराल के रिश्तों पर आधारित है। अनुपमा एक ज़मींदार की बेटी है, जो अपनी सुंदरता, शालीनता और बुद्धिमानी के लिए जानी जाती है। उसका विवाह एक मध्यमवर्गीय परिवार के बड़े बेटे शिवनाथ से होता है।
शिवनाथ का परिवार काफी साधारण है और उनके छोटे भाई लखन में गुस्सा और लड़ाई-झगड़े की प्रवृत्ति है। अनुपमा, अपने बड़े घर की बेटी होने के बावजूद, ससुराल के सभी सदस्यों के साथ प्रेम और सम्मानपूर्वक व्यवहार करती है।
घटना:
एक दिन लखन और शिवनाथ के बीच किसी छोटी सी बात को लेकर झगड़ा हो जाता है। लखन गुस्से में शिवनाथ से अपमानजनक शब्द बोलता है, और शिवनाथ भी अपना आपा खो देता है। झगड़ा इतना बढ़ जाता है कि दोनों एक-दूसरे से बात करना बंद कर देते हैं। घर का माहौल तनावपूर्ण हो जाता है।
अनुपमा की भूमिका:
अनुपमा, जो समझदार और शांत स्वभाव की है, स्थिति को संभालने की जिम्मेदारी लेती है। वह अपनी चतुराई और विनम्रता से दोनों भाइयों को समझाती है। वह परिवार के महत्व और रिश्तों की अहमियत पर जोर देती है।
नतीजा:
अनुपमा के समझाने के बाद, शिवनाथ और लखन दोनों अपनी गलती को समझते हैं और एक-दूसरे से माफी मांगते हैं। पूरे परिवार में फिर से खुशी और शांति का माहौल बन जाता है।
कहानी का संदेश:
यह कहानी सिखाती है कि रिश्तों में प्यार और समझदारी सबसे महत्वपूर्ण हैं। परिवार में छोटे-मोटे झगड़े स्वाभाविक हैं, लेकिन उन्हें सुलझाने के लिए सहनशीलता और धैर्य की आवश्यकता होती है। “बड़े घर की बेटी” के रूप में अनुपमा ने सास-बहू के रिश्ते का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है।
मुंशी प्रेमचंद की यह कहानी आज भी परिवार और रिश्तों के महत्व को दर्शाने के लिए प्रासंगिक है।