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“बाढ़, सूखा और टेन परसेंट”
सुनो रे किस्सा, Suno Re Kissa =============== · “बाढ़, सूखा और टेन परसेंट” जोर लगा बे ” शैतान जने”, तखत पर अधनंगे, औंधे मुँह पड़े, “विधायक डब्बू भइया” ,और उनकी तेल मालिश करता “सज्जन” बदमाश, समझता है न “सज्जन”, “भगीरथी” कल्क्टर साहब का करैक्टर, हमसे पूछते हैं बाढ़ पीड़ित फंड के बारे में, अरे बाढ़ […]
वीरांगनाएं पैदा नहीं होती, वीरांगनाएं पैदा की जाती हैं!!
Shikha Singh ========= वीरांगनाएं पैदा नहीं होती वीरांगनाएं पैदा की जाती हैं। जिस तरह नृत्यांगना पैदा नहीं होती बानाई जाती हैं। स्त्री के साहस और उसकी कला को प्रखर करने के लिये पुरुष को भी साथ देना होता है। जिस तरह अपने मनोरंजन के लिये उसका साथ प्राप्त करते हो तुम ,उसी तरह उसकी कला […]
भगवान तो मात्र भाव के भूखे होते हैं,,,,,, लक्ष्मी सिन्हा की रचना पढ़िये!
Laxmi Sinha =============== जब ईश्वर का वास हृदय में माना गया है तो मंदिर जैसे उपासना स्थल क्यों बनाए जाते हैं? मंदिरों की स्थापना के पीछे उद्देश्य था कि पूजा, अर्चना और यज्ञ आदि द्वारा पवित्र तन्मात्राओं यानी पंचभूतों के सूक्ष्म रूप की सृष्टि की जाए। किसी साधु हृदय व्यक्ति हो पूजा का कार्यभार सौंपा […]