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संजय नायक ‘शिल्प’ ================== · कहानी “मरीज” अंतिम किश्त ‘…………आज भी वो मुस्कान वैसी ही थी जैसे पांच साल पहले थी’ उसने मन ही मन सोचा और सीने से तस्वीर को लगा आँखें बंद कर ली । तभी दरवाजे पर जोर जोर से दस्तक हुई “दरवाजा खोलिए लेक्चरर साहब कब तक सोते रहेंगे ?” बाहर […]
सारा दिन न जाने किस उधेड़बुन में लगे रहते हैं
अरूणिमा सिंह ======== एक बेटी का पिता! एक दिन शाम को सभी बैठकर बात कर रहे थे! बातों बातों में बाबू जी बोले कि…… ए मालकिन एक बात बताओ! बेटी के विवाह में व्रत रखते हैं का?(क्या बेटी के विवाह में व्रत रखा जाता है) मां तनिक गुस्से में झिड़कती हुई बोली… तो का खाकर […]
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Arvind Verma ============== फ़ैशन के नाम पर अंगप्रदर्शन, आधुनिकता के नाम पर फूहड़ता और लिव इन रिलेशनशिप का समर्थन करने वाली अधिकतर 16 वर्ष से 66 वर्ष की लड़कियों ने अपना मत रखा कि “पुरुष भी तो करते हैं, ताली एक हाथ से नहीं बजती है”…हम भी अपनी मर्जी के मालिक हैं, हमें भी आजादी […]