Related Articles
**कबीर को, नानक को, रैदास को इसीलिए तकलीफें उठानी पड़ीं कि ये लोग सच बात कहते थे**
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय =========== अगर ये पढ़ कर किसी को भी बुरा लगे तो माफ करना, परन्तु ईस पर बहस मत करना।। आपको अच्छी लगे तो चिंतन करना, हमें असली बाबा नहीं चाहिए… मेरी मां गलती से असली बाबा के पास चली गई। मेरी पत्नी की शिकायत करने लगी। कहा कि बहू ने बेटे को […]
चन्द्ररूपायनम : आम की मिठास…..
संजय नायक ‘शिल्प’ ========== · चन्द्ररूपायनम (आम की मिठास…..) नीलम ने विजय से पानी मंगवाया। विजय जो कि न जाने कहाँ खोया हुआ था, नीलम की आवाज से ऐसे उठा जैसे किसी सालों से सोते हुए आदमी के कान के पास एटम बम का धमाका हुआ हो। उसने पास पड़े जग से एक पानी का […]
कुछ नाम कानों में मिश्री घोल देते हैं और कुछ गले में कड़वाहट!
Madhu Singh ============= गैस पर तवा रखकर रोटियां बनाने जा ही रही थी वसुधा कि तभी मोबाइल की घंटी घनघना उठी. फोन पासवाले कमरे में रखा था. काम के वक़्त किसी का भी फोन आने पर वसुधा को बड़ी कोफ़्त होती थी. घंटों फ़ुर्सत में बैठे रहो, तब किसी को याद नहीं आती, पर जब […]