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कहानी – दाज्यू…….लेखक-✍ शेखर जोशी
चित्र गुप्त =============== · कहानी – दाज्यू ✍ शेखर जोशी **************** चैक से निकलकर बाईं ओर जो बड़े साइनबोर्ड वाला छोटा कैफे है वहीं जगदीश बाबू ने उसे पहली बार देखा था। गोरा-चिट्टा रंग, नीला श़फ्फ़ाफ़ आँखें, सुनहरे बाल और चाल में एक अनोखी मस्ती-पर शिथिलता नहीं। कमल के पत्ते पर फिसलती हुई पानी की […]
है दिवाना वो मगर ये ख़बर न थी मुझको!, जान दे कर के अपनी हद से गुज़र जायेगा!!…अम्बर बालमपुरी की ग़ज़ल
Amber Balrampuri ===================== हार कर ज़िन्दगी से अपने किधर जायेगा! लगाकर मौत को गले से अपने मर जायेगा!! भटक रहा है कोई दिल में आरज़ू लेकर! मिले ठिकाना कोई उसको वो ठहर जायेगा!! हुनर कोई भी हो किसी में हो आलिम भी! मिस्ले खुशबु वो फज़ाओं में बिखर जायेगा!! अब तलातुम में है कश्ती खो […]
सन्नाटा राक्षस बन कर उन्हें निगलने लगता….वे उन्हें भी मार देंगे…
Madhu Singh ================ · हैलो सर, आज औफिस नहीं आ पाऊंगी, तबीयत थोड़ी ठीक नहीं है,’’ रूपा ने बुझीबुझी सी आवाज में कहा. ‘‘क्या हुआ रूपाजी, क्या तबीयत ज्यादा खराब है?’’ बौस के स्वर में चिंता थी. ‘‘नहीं, नहीं सर, बस यों ही, शायद बुखार है.’’ ‘‘डाक्टर को दिखाया या नहीं? इस उम्र में लापरवाही […]