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उमर ख़ालिद को सात दिनों के लिए ज़मानत मिली, छात्र नेता और सामाजिक कार्यकर्ता उमर ख़ालिद सितंबर 2020 से जेल में बंद हैं!

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद को अंतरिम ज़मानत दे दी है.

उमर ख़ालिद को यह ज़मानत सात दिनों के लिए मिली है. दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने ख़ालिद को उनके रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए 28 दिसंबर से तीन जनवरी तक के लिए ज़मानत दी है.

इसके लिए अदालत ने कुछ शर्तें भी रखी हैं.

अदालत ने कहा है कि ज़मानत के दौरान उमर ख़ालिद केवल अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मुलाकात कर सकेंगे. इस दौरान वो अपने घर या फिर जहां कार्यक्रम हो रहा है वहीं रहेंगे.

इसके अलावा अदालत ने उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करने और गवाहों से बात नहीं करने को कहा है. अदालत ने ज़मानत के लिए 20 हज़ार रुपये का बेल बॉन्ड और दो जमानतदारों से हस्ताक्षर करवाए हैं.

उमर ख़ालिद पर आतंकवाद विरोधी कानून ‘गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं.

छात्र नेता और सामाजिक कार्यकर्ता उमर ख़ालिद सितंबर 2020 से जेल में बंद हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा को भड़काया था. उनके ख़िलाफ़ दो एफआईआर दर्ज हैं.

एक मामले में उमर को अप्रैल 2021 में ज़मानत मिल गई थी. दूसरे मामले में उनके ख़िलाफ़ अनलॉफुल एंड ऐक्टिविटिज प्रिवेंशन एक्ट यानी यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं.

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उमंग पोद्दार, बीबीसी संवाददाता