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अब रेनू पति की कमी देवर से पूरा करना चाहती थी!!

कुँवारी दुल्हन
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मेरा नाम अमित है मेरी शादी 3 साल पहले रेनू से हुई, रेनू बहुत सुन्दर और पारिवारिक लड़की थी शायद इसीलिए मैंने उससे शादी की इसके अलावा घर मे मेरे मम्मी पापा और छोटा भाई भी है शादी के 5 माह बाद ही मेरी नौकरी गाँव से 500 km दूर शहर में लग गयी, जिससे मुझे जाना पड़ा मैंने अपनी पत्नी से कहा तुम घर पर ही रहो और मम्मी पापा की सेवा करो,  मेरा भाई सुमित 16 साल का था और पढ़ाई में भी बहुत अच्छा था ।

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रेनू घर के सभी काम करती और सभी की सेवा करती लेकिन पति के सुख से वंचित होने के कारण वो दुःखी रहने लगी, भाभी को दुःखी देख देवर सुमित ने भाभी से कारण पूछा लेकिन रेनू कुछ न बोली , फिर एक दिन रेनू छत से कपड़े उतार कर नीचे उतर रही थी तभी उसका पैर फिसल गया और रेनू गिर गयी जिससे उसके कमर में चोट आ गयी रेनू की चीख सुनकर देवर सुमित दौड़ कर आया और भाभी को कंधों का सहारा देकर उठाया और कमरे में पड़े बेड पर लिटा दिया, सुमित ने जल्दी से दर्द कि दवाई और पानी लाया और रेनू को खाने को दिया भाभी ने दवाई खाई और लेट गयी, रेनू ,सुमित के स्पर्श को एहसास कर रही थी रेनू का मन सुमित के लिए पागल हुआ जा रहा था अब उसे कमर में दर्द का एहसास नही हो रहा था बल्कि सुमित के उस जकड़न से हो रहा था जो कि सुमित ने उसे सहारा देते समय किया था, अब रेनू पति की कमी देवर से पूरा करना चाहती थी ।।

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शाम हुई तो सुमित ने कहा भाभी आप ठीक है तो भाभी ने कहा हम ठीक है लेकिन कमर में बहुत दर्द है और खाना भी बनाना है जिस पर सुमित ने कहा कि आप चिंता न करे मैं खाना बना दूंगा ,सुमित कीचन की ओर चल देता है और खाना बना कर मम्मी पापा को देता हैं फिर थाली में भाभी के लिए उनके कमरे में खाना ले जाता है भाभी ने देवर को देख दर्द से कहरने लगी और बोली कि कमर में बहुत दर्द है सुमित ने कहा भाभी आप खाना खा लो फिर मैं बाम लगा दूंगा ,सुमित ने भाभी को अपने हांथो से खाना खिलाया ,इस दौरान भाभी की आंखे सुमित की आंखों में प्यार खोज रही थी, 

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सुमित ने पहले तो उनकी आंखों के वार से बचना चाहा लेकिन सुमित भी जवानी की दहलीज पर खड़ा था इस लिए उसकी आंखें भी भाभी की नजरों में खो गयी अब आलम ये था कि दोनों एक दूसरे की आंखों के समंदर में गोते लगा रहे थे और चेहरे पर एक अजब से मुस्कान थी रेनू को एक साथी मिल गया था और सुमित को भी पहला प्यार मिल गया हो तभी सुमित की नजर हटी और वो बोला भाभी और खाना है भाभी ने कहा सुमित  बहुत भूख लगी है लेकिन इस खाने से भूख नही जाएगी सुमित भाभी की भावना समझ रहा था इसलिए वो हाथ धुलने किचन में चला गया, 

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रात के 12 बज रहे थे मम्मी पापा सो गए थे भाभी की नजर दरवाजे पर थी सुमित अपने कमरे में गया और विगोरा की एक गोली खायी और भाभी के लिए बाम लेकर उनके कमरे में पहुंचा भाभी सुमित को देख बहुत खुश हो गयी, सुमित ने भाभी के कमरे की कुंडी अंदर से लगा दी और भाभी के पास आ गया और बोला भाभी आपको कहा दर्द है रेनू ने कहा सुमित आज से तुम मुझे भाभी नही बुलाओगे मुझे तुम रेनू बुलाना सुमित ने कहा ठीक है, भाभी पेट के बल लेट गयी और सुमित को बताया कि कमर में दर्द है सुमित ने बाम निकाल कर जो ही भाभी के कमर पर लगाया भाभी पूरी तरह मचल सी गयी भाभी के अन्दर एक अजीब सी हलचल मची थी जिसको सुमित अपने हाथों के स्पर्श पर महसूस कर रहा था, फिर भाभी ने चुपके से नाडे को खोल दिया और सुमित से बोली कि थोड़ा नीचे दर्द है सुमित के हाथ नीचे के तरफ जा रहे थे भाभी ने जोर से सुमित को पकड़ कर लिपटा लिया और सुमित ने भी अपनी जवानी की ताकत दिखाई फिर क्रिकेट लगभग 45 मिनट चला उसके बाद बारिश की वजह से पिच गीली हो गयी ।। भाभी के चेहरे पर एक अलग ही खुशी थी जिसे सुमित आज पहली बार देख रहा था अब हम और भाभी इसी मजे के साथ रह रहे हैं ।।

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कुँवारी दुल्हन
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मसाज वाली लड़की ने इशारे से उसे कपड़े उतार कर बिस्तर पर लेटने को कहा।

मेरा नाम अमित है मैं एक बार मसाज पार्लर पर गया और वहां के जादुई माहौल में खो गया। मैंने अपने कपड़े एक ओर रखकर बिस्तर पर लेट गया यह पहली बार था तो मन मे बहुत से सवाल थे बिस्तर की चादर इतनी मुलायम और मखमली थी कि उसने पहले कभी ऐसा अनुभव नहीं किया था वहां का वातावरण जैसे यह एक अनोखी, रूमानी दुनिया थी फिर उस लड़की ने एक सुगंधित तेल उसकी पीठ पर लगाया और धीरे-धीरे मसाज करना शुरू कर दिया उसके स्पर्श से मैं मदमस्त हो गया और मुझ पर नशा सा छाने लगा।

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बंद कमरे में, एक जवान लड़की के साथ इस तरह का अनुभव उसका पहला था। मसाज करवाते समय वह सोच रहा था कि पैसे वसूल हो गए , मसाज का मजा लगभग एक घंटे तक चला। इस दौरान हम दोनों ने काफी बाते की जैसे कि “तुम्हारा नाम क्या है?” अमित ने पूछा। लड़की ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेघा।” अमित ने मेघा के जीवन के बारे में जानना चाहा। उसने बताया कि वह 25 साल की ग्रेजुएट लड़की है। उसके माता-पिता बूढ़े हैं और घर का खर्च चलाने के लिए वह यह काम कर रही है, फिर मैंने पूछा “क्या तुमने कभी कुछ और करने की कोशिश की ?
“हां, पर यह काम सबसे ज्यादा पैसे देता है। मैं चाहती हूं कि मेरे माता-पिता आराम से रह सकें।”

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उसकी बात सुनकर अमित के अंदर एक अजीब सी कशमकश पैदा हुई। और जो दिल मे था वह बात अमित ने रखी कि उसे अब क्रिकेट खेलना हैं लड़की ने कहा कि इसके लिए आपको टिप देनी पड़ेगी अमित ने कहा ठीक है अमित के शरीर मे जो लावा उबाल मार रहा था वो और तीव्र हो गया उसने उसे अपने अघोस मे ले लिया और गुफा में डाल दिया , अमित का यह पहली बार था इस लिए उसे यह सुख किसी स्वर्ग के सुख की भांति ही लग रहा था लेकिन लड़की इसकी पुरानी खिलाड़ी थीं लेकिन उसे भी एक अजीब आनंद मिल रहा था लड़की ने विभिन्न कलाएं दिखाई जो कि अमित के लिए और आनंद बड़ा दिया फिर एक ऐसा समय आया कि दोनों की दोनों की आग एक दूसरे के पानी से शांत हो गयी ।। दोनों के आंखों में एक अलग ही आनंद की छवि चमक रही थी अमित ने उस लड़की से नंबर मांगा तो लड़की ने भी हँसी खुशी दे दिया अब जब भी अमित जाता तो फोन करके पहले से ही उस लड़की को बोल देता ।।

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यौवन से भरपूर नईनवेली दुलहन सिया के हावभाव इतने ठंडे थे कि आदित्य को अपनी मर्दानगी पर शक होने लगा था. आखिर क्यों थी सिया ऐसी…
शादी के बाद जब सारे मेहमान विदा हो गए, तो आदित्य थकावट से चूर था। शादी में खूब रौनक थी, लेकिन अब घर सूना और शांत हो चुका था। उसने अपनी मां सुजाता को आवाज लगाई,
“मां, एक कप चाय बना देंगी?”
चाय का ख्याल आते ही आदित्य ने सोचा कि सिया से भी पूछ ले। नई-नवेली दुल्हन थी, पता नहीं नए घर में कैसा महसूस कर रही होगी।
सिया का ठंडा व्यवहार
आदित्य ने सिया के कमरे का दरवाजा धीरे से खटखटाया। अंदर से सिया की धीमी आवाज आई,
“कौन है?”

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“मैं हूं, आदित्य,” उसने कहा।
अंदर जाकर देखा, सिया हल्के बादामी रंग का सूट पहने खड़ी थी। न होंठों पर लिपस्टिक, न आंखों में काजल, और न ही कोई सजावट। ऐसा नहीं था कि आदित्य को सिया के सजने-संवरने की उम्मीद थी, लेकिन उसके चेहरे पर खुशी की कोई झलक नहीं थी।
आदित्य ने चिंतित स्वर में पूछा,
“सब ठीक है, सिया? चाय पीओगी?”
सिया ने सपाट स्वर में जवाब दिया,
“नहीं, मुझे चाय नहीं चाहिए।”
उसका रूखा व्यवहार देखकर आदित्य उलझन में पड़ गया और बिना कुछ कहे कमरे से बाहर आ गया।
शादी के बाद का पहला दिन
रात में आदित्य कई अरमान लेकर सिया के पास गया था। उसने सोचा था कि वे ढेर सारी बातें करेंगे, अपने भविष्य के सपनों को साझा करेंगे। लेकिन जब वह कमरे में पहुंचा, तो सिया गहरी नींद में सो रही थी।
आदित्य को थोड़ा अजीब लगा, लेकिन उसने सोचा,
“शायद शादी की थकावट की वजह से सो गई होगी।”
सिया की उलझन का कारण
अगले दिन भी सिया का व्यवहार वैसा ही ठंडा रहा। वह ज्यादा बात नहीं करती थी और घर के लोगों से भी दूर-दूर रहती थी। आदित्य ने महसूस किया कि वह न सिर्फ उससे, बल्कि पूरे माहौल से अलग-थलग महसूस कर रही थी।

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आखिरकार, आदित्य ने सिया से बात करने का फैसला किया। उसने शाम को उसे बैठाया और पूछा,
“सिया, क्या तुम खुश नहीं हो? तुम मुझसे खुलकर बात क्यों नहीं करती?”
सिया ने सिर झुका लिया और कुछ देर चुप रहने के बाद बोली,
“आदित्य, मुझे इस शादी के लिए मानसिक रूप से तैयार होने का मौका नहीं मिला। मेरे माता-पिता ने मेरे लिए यह फैसला किया। मैं अब भी खुद को इस बदलाव के लिए तैयार करने की कोशिश कर रही हूं।”
आदित्य की समझदारी
सिया की बात सुनकर आदित्य को उसकी परेशानी समझ आई। उसने सिया का हाथ पकड़ते हुए कहा,
“सिया, मैं तुम्हें समझने और इस बदलाव के लिए समय देने के लिए तैयार हूं। यह हमारा घर है, और मैं चाहता हूं कि तुम इसे अपना घर मानो। अगर तुम्हें कभी मुझसे बात करनी हो, तो झिझको मत।”
सिया की आंखों में पहली बार नरमी और कृतज्ञता की झलक आई। उसने धीमे स्वर में कहा,
“धन्यवाद, आदित्य। मैं कोशिश करूंगी।”
धीरे-धीरे बढ़ती नजदीकियां
आदित्य ने सिया को खुश करने के लिए छोटे-छोटे प्रयास किए। उसने सिया के पसंदीदा फूल लाकर दिए, उसके साथ उसकी पसंदीदा फिल्म देखी, और कभी-कभी चुपचाप उसके लिए चाय बना लाया। सिया ने भी अपने मन के डर और उलझनों को पीछे छोड़ते हुए घर को अपनाना शुरू कर दिया।
एक नई शुरुआत
कुछ हफ्तों के भीतर, सिया और आदित्य के बीच की दीवारें टूटने लगीं। सिया ने अपने दिल की बात साझा करना शुरू किया और आदित्य ने उसकी हर भावना को सम्मान दिया।
निष्कर्ष
सिया और आदित्य की यह कहानी हमें सिखाती है कि रिश्ते धैर्य, समझ और आपसी सम्मान से मजबूत होते हैं। सिया ने जहां नए रिश्ते को अपनाना सीखा, वहीं आदित्य ने उसकी भावनाओं को समझते हुए एक सच्चे साथी का फर्ज निभाया। धीरे-धीरे उनकी शादी एक खूबसूरत साझेदारी में बदल गई।