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‘‘बहू….बाथरूम में दो दिन से तुम्हारे कपड़े पड़े है…
विवेक कुमार ================ ‘‘बहू….बाथरूम में दो दिन से तुम्हारे कपड़े पड़े है… उन्हें धो कर फैला तो दो।सुनयना ने आंगन में झाड़ू लगाते हुए कहा।‘‘अच्छा…फैला दूंगी, आप तो मेरे पीछे ही पड़ जाती है।बहू ने अपने कमरे से तेज आवाज में उत्तर दिया।‘‘इस में चिल्लाने की क्या बात है।‘‘चिल्लाने की बात क्यों नहीं है।कपड़े मेरे […]
इस अभाव और ग़रीबी से निकलना है, तो शिक्षा की मशाल जलानी होगी, अन्यथा यहीं छटपटाते हुए जीवन व्यर्थ हो जाएगा
Madhu Singh ==================== “मम्मीजी, आप ज़रा चाचाजी को कुर्सी पर बैठने को कहिए, देखिए तो, लॉन में कैसे बैठे हैं.” बहू सुप्रिया के कहने पर मालती ने लॉन की ओर देखा काका भैरोमल आराम से घुटने तक धोती खिसकाए मूंगफली टूंगते हुए धीरे-धीरे तेल से घुटने की मालिश कर रहे थे. वो कुछ कहती उससे […]
दफ़्तर-ए-लौह ओ क़लम या दर-ए-ग़म खुलता है…होंट खुलते हैं तो इक बाब-ए-सितम खुलता है—-वहीद अख़्तर
दफ़्तर-ए-लौह ओ क़लम या दर-ए-ग़म खुलता है होंट खुलते हैं तो इक बाब-ए-सितम खुलता है हर्फ़-ए-इंकार है क्यूँ नार-ए-जहन्नम का हलीफ़ सिर्फ़ इक़रार पे क्यूँ बाब-ए-इरम खुलता है आबरू हो न जो प्यारी तो ये दुनिया है सख़ी हाथ फैलाओ तो ये तर्ज़-ए-करम खुलता है माँगने वालों को क्या इज़्ज़त ओ रुस्वाई से देने वालों […]