साहित्य

मत दुःखा दिल को तू मेरे इतना….कि तुझे याद करने का भी मन ना करें…

Geeta Baisoya ·
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मत दुःखा दिल को तू मेरे इतना….
कि तुझे याद करने का भी मन ना करें…
था कभी तू मेरी जिंदगी का हसीन लम्हा..
इस बात पर भी मुझे अफसोस होने लगे….
कभी याद करती थी तुझे, तो मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट खिल जाती थी…
अब सोच कर ही तुझे मेरी आंखें नम हो जाती है….
तोड़ दिया है मुझे कुछ इस कदर तूने….
कि अब तेरी याद भी मुझे याद नहीं आती है….
कसूर तेरा नहीं मेरा था, जो पागल हुई मैं तेरे पीछे…
अफसोस होता है मुझे अब अपने हर उस लम्हें पे….
जब पहली दफ़ा मिली थी मैं तुझसे….
देर से ही सही भरम मेरा अब टूट गया….
तेरे जैसे इंसान से पीछा जो मेरा छूट गया….
जानती हूं कुछ दिन निकलेंगे मेरे दिन रात बस रोने में….
मगर एक दिन ऐसा भी आएगा जब नहीं होगा
तु मेरे दिल के किसी भी कोने में…….
Geeta Baisoya… ✍️