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आंदोलन कर रहे 100 से अधिक किसान और महिलाओं को पुलिस ने परी चौक से गिरफ़्तार कर जेल भेजा, शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने दाग़े आंसू गैस के गोले, अंबाला में इंटरनेट बंद : रिपोर्ट

नोएडा।गौतम बुद्ध नगर में भूमि अधिग्रहण समेत कई मुद्दों को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान 10 प्रतिशत आबादी भूखंड, बढ़ा हुआ 64.7 प्रतिशत मुआवजे और नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग कर रहे हैं।

पुलिस और किसानों के बीच जमकर धक्का-मुक्की
पुलिस ने किसानों की घेराबंदी करके बसों में भर दिया। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस और किसानों के बीच जमकर धक्का-मुक्की और नोंकझोंक भी हुई। इस दौरान परी चौक पर कई आने जाने वाले युवकों ने वीडियो बनाने का प्रयास किया। उनको भी पुलिस ने पकड़ कर किसानों के साथ जेल भेज दिया।

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‘जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा’
शुक्रवार सवेरे से ही संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सोशल मीडिया पर आंदोलन जारी रखने का आह्वान कर रहे थे। जीरो पाइंट पर पहुंचकर दिल्ली कूच करने का एलान किया जा रहा था। जिसके चलते यमुना एक्सप्रेस-वे के जीरो पाइंट पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। वहां पर किसी को जाने नहीं दिया जा रहा था। दोपहर करीब 12 बजे महिलाओं के साथ करीब पचास से अधिक किसान नारेबाजी करते हुए परी चौक पर पहुंचे। परी चौक पर पहले से एडीपीसी अशोक कुमार भारी पुलिस बल के साथ मौजूद थे। पुलिस, पीएसी और आरपीएफ के जवानों ने किसानों और महिलाओं को घेर लिया। आंदोलनरत किसानों ने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करने के बजाए आवाज को दबा रही है। किसान आंदोलन को कूचलने का काम किया जा रहा है। आंदोलन को किसी भी कीमत पर कूचलने नहीं दिया जाएगा। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा।

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किसानों को गिरफ्तार कर भेज जेल
अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे पचास से अधिक किसान और महिलाओं को पुलिस ने परी चौक से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गिरफ्तारी के दौरान महिलाओं के साथ काफी देर तक धक्का-मुक्की हुई। गिरफ्तारी के दौरान राह चलते कई लोगों को वीडियो बनाने के चलते पकड़ कर जेल भेजा। किसानों के पहुंचने के बाद भी सारा दिन परी चौक पर भारी पुलिस बल तैनात रहा।

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किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया
ग्रेटर नोएडा के परी चौक पर ‘दिल्ली चलो’ मार्च निकाल रहे किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया।

किसान परी चौक पर इकट्ठा हो रहे
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को जेल भेजने के विरोध में किसानों ने आज महा पंचायत बुलाई है। इसी के तहत किसान परी चौक पर इकट्ठा हो रहे हैं। यहां से किसान जीरो प्वाइंट की ओर कूच करेंगे। किसानों का कहना है कि वह गिरफ्तारी देने के लिए यहां पहुंचे हैं।

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दनकौर सहित अन्य देहात इलाकों में ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पहुंचने का आह्वान किया। इस दौरान पहले से अलर्ट पुलिस ने महिला सिपाहियों की मदद से महिला समेत 100 से अधिक किसानों को हिरासत में लेकर जेल पहुंचाया गया। हालांकि जेल पहुंचने के बाद पुलिस ने महिला किसानों को छोड़ दिया, लेकिन उनके साथ आए 42 पुरुष किसानों को जेल में दाखिल किया गया है। जहां सभी किसानों को सामान्य बैरक में रखा गया है। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना रहा कि बिना अनुमति के धरना करने के लिए जीरो पाइंट से दलित प्रेरणा स्थल नोएडा की ओर निकले किसानों को गिरफ्तार किया गया है।

जबरन उठाकर जेल भेजे गए किसान
किसानों को बुधवार देर शाम रिहा हुए किसानों ने महापंचायत में पहुंचकर आंदोलन को तेज करने की बात कही थी। बुधवार रात करीब 11 बजे जब जीरो प्वाइंट पर किसान सो रहे थे तो पुलिस ने उन्हें जबरन उठाकर बस, पुलिस वैन आदि में भरकर जेल पहुंचा दिया। रात करीब डेढ़ बजे तक किसान सुखबीर खलीफा, सोरन प्रधान समेत 34 किसान नेताओं को हिरासत में लेकर जेल पहुंचाया गया। वहीं गुरुवार सुबह किसान नेताओं को जेल भेजे जाने के विरोध में किसान नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।

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हरियाणा-पंजाब बार्डर (शंभु) में फिर से एक बार किसानों पर आंसू गैस के गोले दाग कर उन्हें रोक दिया गया है

चंडीगढ़।पंजाब के किसान अपनी मांगों के लिए फरवरी से शंभू बाॅर्डर पर मोर्चा लगाकर बैठे हैं। अब किसानों ने पैदल दिल्ली जाने का एलान किया है। शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे संगठन से जुड़े 100 सदस्य शंभू बॉर्डर से आगे बढ़े। पुलिस उन्हें आगे नहीं जाने दे रही।

पंधेर ने मरजीवड़े जत्थे को वापस बुलाया
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मंच से एलान कर मरजीवड़े जत्थे को वापस बुला लिया है। पंधेर उन्हें खुद लेने पहुंचे। अब मीटिंग के बाद निर्णय लिया जाएगा। सभी किसान वापस मंच पर लौट आए हैं।

वापस लाैटा जत्था
पुलिस की तरफ से गोले छोड़े जाने का सिलसिला जारी है। अब तक करीब 26 से ज्यादा गोले छोड़े जा चुके हैं। दूसरी तरफ 101 किसानों का जो जत्था बाॅर्डर पर की गई बैरिकेडिंग तक पहुंचा था, वह अब वापस लौट आया है।

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प्लास्टिक की गोलियां भी चलाई जा रही हैं
हरियाणा पुलिस की तरफ से प्लास्टिक की गोलियां भी चलाई जा रही हैं। अब तक चार किसान जख्मी हो चुके हैं। अमृतसर के स्वर्ण सिंह टांग पर प्लास्टिक की गोली लगने से घायल हुए हैं।

एक साथ दागे गए 11 गोले
पुलिस ने एक साथ किसानों पर 11 गोले दागे। अब तक कुल 21 गोले हरियाणा पुलिस की तरफ से दागे गए हैं। दो किसानों को चोट आई है।

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आंसू गैस के पांच गोले दागे गए, एक किसान घायल
पुलिस अब तक आंसू गैस के पांच गोले दाग चुकी है। इस दाैरान एक किसान जख्मी हो गया है। उसे एंबुलेंस द्वारा नजदीकी अस्पताल ले जाया गया।

हरियाणा पुलिस कर रही वीडियोग्राफी
हरियाणा की और से लगातार किसानों की वीडियोग्राफी की जा रही है। माैके पर घोषणा भी की गई कि सरकारी संपत्ति का नुक्सान न करो, पुलिस कार्रवाई की जाएगी। किसान आगे बढ़ने को अडिग हैं।

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लोहे की कीलें लगाई गई
हरियाणा पुलिस की तरफ से किसानों को रोकने के लिए लोहे की कीलें लगाई गई हैं। यह कीलें सीमेंट में गाड़ रखी हैं ताकि गाड़ियां आगे ना जा सकें।

पुलिस कर रही वापस जाने की अपील
किसानों को हरियाणा की तरफ से वापस जाने की अपील की जा रही है। वहीं किसानों का कहना है कि हमें अपनी राजधानी में जाने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं है।

पुलिस की तरफ से किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं। बैरिकेड पर लगी जाली हटाने पर पुलिस ने कार्रवाई की।

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Saurabh shukla
@Saurabh_Unmute
हरियाणा-पंजाब बार्डर (शंभु)में फिर से एक बार किसानों पर आंसू गैस के गोले दाग कर उन्हें रोक दिया गया है…

101 किसान पैदल दिल्ली की तरफ़ मार्च कर रहे थे

उनमें से कुछ घायल हैं और कुछ पस्त होकर बैठे हैं

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