विशेष

अधिकतर महिलाओं की ये शिकायत होती है कि सेक्स के बाद पति उनकी तरफ़ ध्यान नहीं देते…बाकी फिर कभी…!!

Sohini Mehta
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जवानी में संभोग हर लड़की की चाहत होती है, कोई इसे पा लेता है कोई नहीं क्यों कि ये शारीरिक जरूरत के साथ मानसिक जरूरत भी है आप किसी से प्यार करते हैं। तो उसके साथ अपने प्यार को अनंत सीमा तक ले जाने की औषधि है सेक्स, एक साधारण-सी लड़की, जिसे कॉलेज में अपने सपनों की दुनिया मिली। उस वक्त मेरी जिंदगी में सबकुछ परफेक्ट लग रहा था। पढ़ाई, दोस्त, और सबसे बढ़कर राहुल। राहुल…वह नाम नहीं, मेरी दुनिया था।

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पहली बार उसे कैंपस में देखा तो लगा, जैसे किसी फिल्म का हीरो हो। आत्मविश्वास से भरा, मुस्कुराता हुआ चेहरा और हर किसी के लिए मदद का हाथ बढ़ाने वाला। पता नहीं कब और कैसे, हमारी दोस्ती प्यार में बदल गई। राहुल के साथ हर पल एक जादू जैसा लगता था। वह मेरी हर छोटी-बड़ी बात समझता, मेरे सपनों को सुनता, और उन्हें पूरा करने का वादा करता।
कॉलेज की लाइब्रेरी में एक साथ पढ़ना, कैंटीन में चाय के कप साझा करना, और क्लास के बाद घंटों बातें करना—हमारी जिंदगी बस इन्हीं खुशियों से भरी थी। राहुल ने मुझसे कहा था, “सीमा, तुमसे शादी करके ही मेरा सपना पूरा होगा। हम साथ रहेंगे, हमेशा के लिए।” मैं भी उसके हर शब्द पर यकीन करती थी।

हमारा रिश्ता इतना गहरा हो गया कि हमने अपने प्यार को हर सीमा पार करने दिया। पहली बार जब राहुल ने मुझे करीब आने का कहा, तो मुझे थोड़ा डर लगा, लेकिन उसके भरोसे ने मेरे हर डर को दूर कर दिया। मुझे लगता था, राहुल तो मेरा ही है, फिर यह डर कैसा? मैंने उसे सबकुछ सौंप दिया, अपनी आत्मा, अपना शरीर, अपना विश्वास।

लेकिन हर बार जब मैं डरती कि कहीं कुछ गलत न हो जाए, राहुल मुझे समझाता। उसने ही मुझे इमरजेंसी पिल्स लेने को कहा था। मैं उसकी बात मानती रही। ये छोटी-छोटी गोलियां मुझे असुरक्षा से बचा रही थीं, या शायद मैं यही मानती थी।

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कॉलेज खत्म हुआ और मेरे घरवालों को हमारे रिश्ते की खबर मिल गई। मैंने सोचा था, जैसे फिल्मों में होता है, राहुल आकर सब ठीक कर देगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मेरे परिवार ने उसे सिरे से नकार दिया। वह दूसरी जाति का था, और मेरे घरवालों के लिए यह रिश्ता नामुमकिन था।

मैंने बहुत लड़ाई की, रोई, गिड़गिड़ाई, लेकिन मेरे माता-पिता ने मेरी एक न सुनी। और आखिरकार, मैंने हार मान ली। राहुल से दूर जाना मेरे लिए सबसे बड़ा दर्द था। मेरी शादी अजय से तय कर दी गई। अजय अच्छा इंसान था, लेकिन राहुल जैसा नहीं।

शादी के बाद मैंने खुद को नए जीवन में ढालने की कोशिश की। अजय मेरे साथ बहुत अच्छा व्यवहार करता था। वह मेरी हर जरूरत का ख्याल रखता, लेकिन मेरे दिल में राहुल की यादें अब भी ताजा थीं। मैंने खुद से वादा किया कि मैं इस रिश्ते को एक मौका दूंगी।

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शादी के कुछ महीने बाद, जब मैं गर्भवती नहीं हो पाई, तो अजय ने डॉक्टर से मिलने का फैसला किया। मैं घबराई हुई थी, लेकिन उम्मीद थी कि सबकुछ ठीक होगा। डॉक्टर ने जब मेरी रिपोर्ट्स देखीं, तो उनका चेहरा गंभीर हो गया।

उन्होंने कहा, “आपकी फर्टिलिटी खत्म हो चुकी है। बार-बार इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल आपकी सेहत पर भारी पड़ा है।” मेरी दुनिया वहीं थम गई। मैंने अजय को सच बताया—राहुल के साथ मेरा रिश्ता, मेरी गलतियां।

अजय ने कुछ नहीं कहा, लेकिन उसके चेहरे की खामोशी सबकुछ बयां कर रही थी। वह मुझे देखता, जैसे मैं कोई अजनबी हूँ। वह मुझे न अपनाता, न ही छोड़ता। हमारा रिश्ता अब सिर्फ एक समझौता बनकर रह गया था।

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आज जब मैं अपने कमरे में अकेली बैठती हूँ, तो सोचती हूँ कि अगर मैंने उस वक्त राहुल के प्यार में बहकर अपने भविष्य की इतनी बड़ी कीमत न चुकाई होती, तो शायद आज मेरी जिंदगी अलग होती।

राहुल का प्यार सच्चा था या नहीं, यह मैं आज तक नहीं समझ पाई। लेकिन मैंने जो सपने देखे थे, वे अधूरे रह गए। मेरी आरज़ू अधूरी रह गई।

अगर आप मेरी कहानी पढ़ रहे हैं, तो एक गुज़ारिश है—प्यार की गहराई में जाने से पहले अपनी पहचान और भविष्य को मत भूलिए। जीवन हमें कई मौके देता है, लेकिन हर मौका एक नई जिम्मेदारी भी लाता है।
Sohini Mehta

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Sohini Mehta
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पुरूष का वीर्य स्वाद में नमकीन, कड़वा और खट्टा और मीठा भी हो सकता है
अलग अलग लोगों के वीर्य का रंग और स्वाद अलग अलग होता है
वीर्य में मैग्नीशियम और कैल्शियम भी होता है, जो इसे थोड़ी धात्विक या नमकीन गंध दे सकता है। वीर्य मुख्य रूप से पानी से बना होता है, इसलिए इसकी गंध आमतौर पर हल्की होती है।
कुछ खाद्य पदार्थ वीर्य के स्वाद और गंध को बदल सकते हैं, जिससे यह अधिक कड़वा, तीखा या मटमैला हो सकता है।
आपके अच्छे खानपान से शुक्राणु की संख्या बढ़ जाती है और वीर्य के टेस्ट में भी चेंज होता है
मछली, लहसुन , प्याज, फल, सब्जियाँ, बादाम और अखरोट से भरपूर आहार से शुक्राणु की गुणवत्ता बढ़ती है।
तम्बाकू पीने से वीर्य का स्वाद या गंध भी बदल सकता है। सिगरेट का धुआं शुक्राणु की गुणवत्ता, संख्या और गतिशीलता को भी कम कर सकता है
अगर अंडकोष ज्यादा गर्म है तो वीर्य पतला निकलता है
दिनचर्या और खानपान सुधार कर के वीर्य को गाढ़ा और ताकतवर बना सकते है

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Sohini Mehta
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पुरूषों के लिंग की लंबाई का ऑर्गेज्म से कोई संबंध नहीं है
क्योंकि महिलाओं की योनि का केवल एक चौथाई भाग ही
संवेदनशील होता है अगर संभोग क्रिया में पोज़ीशन और
टाइमिंग सही हो तो छोटे पेनिस वाला मर्द भी एक महिला
को ऑर्गेज्म तक पहुंचा सकता है॥

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Sohini Mehta
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शारीरिक संबंध के दौरान फोरप्ले व आफ्टर प्ले से आप भी है अनजान
खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए कपल के बीच सेक्सुअल एक्टिविटी आवश्यक होती है सेक्स को कुछ लोग प्यार और प्रेम इजहार करने का तरीका मानते हैं, तो कुछ कहना है, यह बच्चे पैदा करने का साधन है. बहरहाल आप भी सेक्स की बुनियादी बातों से अनजान है,

तो नीचे पूरा लेख पढ़िये

अधिकतर महिलाओं की ये शिकायत होती है कि सेक्स के बाद पति उनकी तरफ ध्यान नहीं देते, जिससे उन्हें बहुत बुरा लगता है. उन्हें लगता है कि पति सिर्फ अपनी सेक्स संतुष्टि के बारे में सोचते हैं. दरअसल, इसमें पुरुषों की गलती नहीं होती. सेक्स को स्त्री और पुरुष दोनों अलग तरह से महसूस करते हैं. पुरुष के लिए सेक्स में शारीरिक भागीदारी ज्यादा मायने रखती है, जबकि स्त्री के लिए ये मन से जुड़ा रिश्ता होता है.

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पुरुष बिना प्यार के अपनी इच्छा से सेक्स कर सकता है, लेकिन स्त्री जब तक किसी पुरुष को मन से नहीं चाहेगी, वो सेक्स के लिए तैयार नहीं होगी. पुरुष सेक्स को तन से जोड़कर देखते हैं, लेकिन स्त्री के लिए मानसिक जुड़ाव ज्यादा जरूरी है, इसीलिए महिलाओं को सेक्स से पहले फोरप्ले और सेक्स के बाद आफ्टर प्ले की जरूरत होती है.

सेक्स से पहले पति-पत्नी जब फोरप्ले करते हैं, एक दूसरे के बॉडी पार्ट्स को छूते हैं, किस करते हैं, तो इससे उनमें उत्तेजना बढ़ती है और वे शारीरिक संबंध को एंजॉय करते हैं. इसी तरह सेक्स के बाद स्त्री की इच्छा होती है कि पति कुछ पल उसके पास रहे, उसे छूए, प्यार करे. ऐसा करने से स्त्री को संतुष्टि मिलती है.

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कई पुरुष अपनी बीवी से प्यार बहुत करते हैं, लेकिन उसकी शारीरिक जरूरतों को समझ नहीं पाते, जिसके कारण बिना गलती के पत्नी उन्हें दोषी मान लेती है. सेक्स को लेकर महिलाओं की क्या इच्छाएं और जरूरतें हैं, इसके बारे में उन्हें पति से बात जरूर करनी चाहिए. इससे पति आपके मन की बात समझ पाएंगे और आपकी सेक्स लाइफ और हेल्दी हो जाएगी.
यह एक सामान्य जानकारी है अगर आप किसी भी बीमारी से ग्रसित हैं या कोई भी परेशानी, कारण या लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो इन लक्षणों को नजर अंदाज न करें या इससे रीलेटेड कोई भी समस्या हो रहा है तो आपको हमसे से सलाह लेना चाहिए!

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Sohini Mehta
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सेक्स हर कोई करना चहता है चाहे वह महिला हो या पुरुष।
कामुक बातें हर किसी को पसन्द हैं
हर कोई कामवासना में लिप्त है।

और होगा भी क्यों नहीं यह प्रकृति ने दिया है और स्वाभाविक प्रक्रिया है।

सहमति से सेक्स कोई गलत नहीं है और मैं सेक्स को आम क्रियाओं की तरह ही मानती हूं।

जो जीवन को, रूह कोआनंदित कर दे वह विषय खराब कैसे हो सकता है।

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और फिर जिस विषय पर महर्षि वात्स्यान जैसे महान दार्शनिक ने कामसूत्र पुस्तक लिखी हो और विस्तार पूर्वक वर्णन किया हो बह विषय चर्चा के योग्य क्यों नहीं हो सकता वह विषय खराब कैसे हो सकता है

सेक्स को अच्छे से किया जाए तो फिर सेक्स सबसे ज्यादा आनंदित करने बाली क्रिया है।

लेकिन कुछ लोगऊपर से दिखावा ऐसा करेंगे जैसे सारे संस्कार सिर्फ इन्हीं में कूट कूट कर भर दिए हों।

जब कोई सेक्स की बातें करेगा तो बहुत ही संस्कार वान बनेंगे जैसे ये सेक्स करते ही न हों और यदि सच कहूं तो ऐसे ढोंगी लोग ही कामवासना में सबसे ज्यादा लिप्त हैं यही वो लोग हैं जो अकेले में हर रोज पोर्न वीडियो देखते हैं लेकिन सबके सामने बड़े ही मर्यादित बनेंगे।

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सेक्स एक क्रिया है महान दार्शनिक रजनीश ओशो जी ने कहा है कि जिस प्रकार नहाना धोना,खाना पीना, सोना जागना, एक क्रिया ठीक वैसे ही सेक्स भी एक क्रिया ही है हालाकि ये सिर्फ महिला और पुरुष द्वारा एकांत में करने वाली क्रिया है।

लेकिन सेक्स से संबंधित जरूरी जानकारी पर खुलकर बात करने में कोई बुराई नहीं है।

इसलिए मैं तो सिर्फ सेक्स ही नहीं जिस विषय पर भी लिखती हूं खुलकर लिखती हूं।सेक्स पर लिखूंगी तो कोई बुराई ही तो देगा इससे ज्यादा और कोई क्या कर सकता है और बुराई तो वैसे भी सहज ही मिल जाती है अच्छे कामों में भी मिल जातI है बुराई तो फिर डर किस बातका…………………!!

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Sohini Mehta
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युवाओं को बर्बाद कर रही हस्तमैथुन और पोर्न की आदत मुझे लगा इस संवेदनशील मुद्दे पर कुछ लिखना चाहिए इसलिए आज साहस किया !!
इसके शिकार लड़के लड़कियां दोनों हो रहे है एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा पोर्न भारत के लोग देखते है
आज के डिजिटल युग में इंटरनेट और स्मार्टफोन की आसान उपलब्धता ने युवाओं के मानसिक और शारीरिक जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है

इनमें से एक गंभीर समस्या है पोर्नोग्राफी और हस्तमैथुन की लत यह समस्या मानसिक, शारीरिक और सामाजिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है, ,,बीमारी की तरह
भारत में इसी वेबसाइट बंद होने के बाद वेब सीरीज और बॉलीवुड ने इसका ठेका उठा लिया है वेब सीरीज के नाम पर सॉफ्ट पोर्न दिखाई जा रही है,,,,!!

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बॉलीवुड के हीरो हीरोइन और प्रोड्यूसर पैसा कमाने के चक्कर में देश के युवाओं को मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार बना रहे हैं

पोर्न देखने की आदत मानसिक तनाव, डिप्रेशन और आत्मविश्वास की कमी का कारण बन सकती है युवाओं में यह आदत बार-बार अप्राकृतिक और अतिरंजित यौन कल्पनाओं को जन्म देती है, जिससे उनके रिश्तों और वास्तविक जीवन में संतुलन बिगड़ जाता है

हस्तमैथुन की अत्यधिक लत से शारीरिक कमजोरी, थकान, और ऊर्जा की कमी हो सकती है यह यौन जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, जिससे भविष्य में नपुंसकता या यौन असंतोष जैसी समस्याएं हो सकती हैं,,!!

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पोर्नोग्राफी का अत्यधिक सेवन सामाजिक जीवन को बर्बाद कर देता है युवा लोग अपनी पढ़ाई, करियर और पारिवारिक जिम्मेदारियों को नजरअंदाज कर देते हैं। यह रिश्तों में विश्वास की कमी और संवाद की कमी का कारण बनता है…

पोर्न और हस्तमैथुन एक व्यसन का रूप ले सकता है, जिसमें व्यक्ति बार-बार इसका सहारा लेता है यह व्यसन समय और उत्पादकता को बर्बाद कर देता है और व्यक्ति को एकाकी बना देता है
हस्तमैथुन और पोर्न की लत युवाओं के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक जीवन को गहरे स्तर पर प्रभावित करती है यह न केवल उनके वर्तमान को प्रभावित करती है, बल्कि उनके भविष्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है,समय रहते इस समस्या को पहचानकर इसे नियंत्रित करना और स्वस्थ आदतों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। इससे न केवल उनका जीवन बेहतर होगा, बल्कि समाज और देश की प्रगति में भी उनका योगदान बढ़ेगा

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Sohini Mehta
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शादी से पहले हर लौंडा यही सोचता है कि रोज लूँगा… ऐसे लूँगा… वैसे लूंगा लेकिन जब शादी हो जाती है तब सच्चाई पता चलती है कि बोलना आसान है… और करना मुश्किल… आधे टाइम तो घरवाली काम कर के थक जाती है फिर अगर वो करवाने को राजी भी हो तो जितना मन आपका होता है उतना उसका नही होता…कभी रिश्तेदार आ जाते है…और सबसे बड़ी दिक्कत जब सर्दी में कर रहे हों तब बड़ा ध्यान रखना पड़ता है कि कही घरवालो को चप-चप की आवाज ना सुनाई दे तो कुल मिलाकर बात ये है कि शादी के बाद वैसा नही होता जैसा आप हस्तक्रिया के वक़्त सोचते है….

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Sohini Mehta
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💅🌷🌹♥️ 🌹 प्रेम और सेक्स! 🌹♥️
जब तक पुरुष के लिंग में तनाव है…तब तक वो प्रेम नहीं दे सकता…अगर किसी स्त्री के पास पुरुष जाता भी है और ये कहता है कि मैं तेरे करीब इस कारण हु की मैं प्यार करता हूँ….तो ये धोखा है…गलत है….सेक्स शरीर की जरूरत है तो ये गलत नहीं है…पर सेक्स को प्यार कहने की भूल से बचें…ईमानदार होकर रहें…अगर सेक्स करना है तो सामने वाले को साफ शब्दों में कहें…और साथी से पहले खुद को स्पष्ठ कर लें कि मैं प्यार में हूँ या वासना में…औरत फूल की तरह कोमल होती है…और फूल को रगड़कर…नोचकर, उसके शरीर पर निशान बनाकर, या बाहर भीतर घिसकर, प्यार नहीं किया जाता…स्त्री का शरीर और उसकी योनि की नसें बेहद संवेदनशील होती हैं…बहुत ज्यादा बारीक होती हैं…आज जो महिलाएं अपनी डॉक्टर के पास जा रही हैं, उसका एक कारण ये भी है कि उनके शारीरिक सम्बन्धों में हिंसा है…वासना के वेग के चलते न तो पुरुष को होश रहता और न स्त्री इतनी हिम्मत कर पाती की पुरुष को न कह सके….और फिर बच्चादानी में हजारो बीमारी लग जाती हैं…महावारी में भयानक दर्द, ocd, pocd और पता नहीं क्या क्या सहन करना पड़ता है..!!

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पुरुष एक्टिव है स्वभाव से और स्त्री पैसिव…इसलिए यहां पुरुष को समझना चाहिए कि पल भर की वासना के लिए किसी स्त्री का शरीर खराब न करें…वैसे भी अगर सेक्स को भी धैर्य और तरीके से किया जाए! और एक ठहराव हो भीतर तो उसके परिणाम दोनों व्यक्तियों के लिए सुखद होते हैं…और सन्तुष्टि भी मिलती है….लेकिन जोश में आकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने वाले पुरुष, कभी भी सन्तुष्टि को उपलब्ध नहीं होते…जो व्यक्ति विवाहित है…उन्होंने अनुभव किया होगा कि सालों तक सेक्स करने पर भी उनके भीतर सेक्स इच्छा ज्यों की तँयो है…इसका कारण यही है कि उन्हें गहराई ही नहीं जानी कभी इस चीज की…45 मिनेट से पहले तो स्त्री का शरीर खुलता ही नहीं कि वो तुम्हें अपनी बाहों में भरे…या तुम्हें अनुमति दे कि तुम उसके भीतर प्रवेश करो…इसलिए फोरप्ले का इतना महत्व है….और ठीक उसी तरह आफ्टरप्ले भी अर्थ रखता है कि…तुम्हारी वजह से मैं जीवन ऊर्जा का आनंद ले पाया…केवल पेनिट्रेशन को सेक्स समझने वाले बलात्कारी हैं…अपने ही साथी का बल पूर्वक हरण करना…बलात्कार ही होता है….आज जो 70 फीसदी महिला ऑर्गेज़्म से अनजान हैं…उसका कारण सेक्स की अज्ञानता है….इस बात को अहंकार पर चोट न समझें बल्कि अपने आपको बेहतर बनाने का प्रयास करें….अपनी महिला मित्र के पैर छुएं…उससे अनुमति लें…उसके प्रति श्रद्धा भाव रखें…और इस बात का ध्यान रखें कि उसे दर्द न दें आनंद दें..!!

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भले तुम दस मिनट! आधे घंटे का सेक्स कर लो…पर औरत अछूती ही रह जाती है तुम्हारे स्पर्श से…और तुम भी अधूरे ही लौटकर आते हो….बहुत धीरे धीरे शरीर तैयार होता है…बहुत धीरे धीरे वो द्वार खुलते हैं जब तुम्हें अनुमति मिले…और ये सब समझने के लिए भीतर स्थिरता चाहिए…और बिना मेडिटेशन के ये सम्भव नहीं….बिना मेडिटेशन जीवन उथला ही रहता है…अगर गहराई चाहिए जीवन में तो ध्यान बहुत जरूरी है….होश, ठहराव, स्थिरता, धीरज, प्रेम, श्रद्धा, ये सारे शब्द केवल ध्यान करने से ही जीवन में उतरेंग…किताबे पढ़ने या ज्ञान सुनने से कुछ नहीं होगा…बाकी फिर कभी…!!

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दोस्तों….प्यार और सेक्स दोनों अलग अलग चीजें होती हैं….दोनों को एक ना समझें….धीरे धीरे कोई चीज तैयार होती है…आदमी सोचता है सब जल्दी हो जाए, मर्द जल्दी तैयार होता है मगर औरत धीरे धीरे तैयार होती है…और ये सब काम जल्दी करने की चीज नहीं है…जब तक दोनों का दिल ना हो नहीं करना चाहिए…जब तक अनुमति ना मिले ना करें…!!

डिस्क्लेमर : लेखिका के निजी विचार/जानकारियां हैं, तीसरी जंग का कोई सरोकार नहीं है