देश

बाबरी मस्जिद पर शानदार फ़ैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेत्री नुपूर शर्मा की गिरफ़्तारी पर अगली सुनवाई तक रोक लगायी

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा को फौरी राहत देते हुए अगली सुनवाई तक उन्हें गिरफ़्तार न किए जाने का आदेश जारी किया है.

पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के मामले में नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ अलग-अलग राज्यों में कई एएफ़आईआर दर्ज की गई है. इसी मामले में नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में सभी एफ़आईआर को एक जगह करने और सुनवाई भी एक ही अदालत में करने की याचिका दायर की थी.

सर्वोच्च अदालत ने इस मामले की सुनवाई आगामी 10 अगस्त को करने का फ़ैसला किया है और कहा है कि अगली सुनवाई तक उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं होगी.

नूपुर शर्मा ने अपनी याचिका में कहा था कि कुछ अराजक तत्वों ने एक बार फिर उन्हें जान से मारने और बलात्कार की धमकी दी है.

इसके साथ ही उनके वकील ने नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ सभी एफ़आईआर को दिल्ली वाली एफ़आईआर से जोड़ने का आग्रह भी किया था.

मई महीने के आख़िर में एक टीवी डिबेट के दौरान नूपुर शर्मा ने पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके विरोध में देश के कई राज्यों में उनके ख़िलाफ़ लगभग एक दर्जन एफ़आईआर दर्ज कराई गई थीं.

इस बयान के विरोध में दर्जन भर से अधिक मुस्लिम देश आ गए थे और भारत सरकार के समक्ष आधिकारिक तौर पर विरोध दर्ज कराया था.

नूपुर शर्मा को फौरी राहत देने का फ़ैसला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पार्दीवाला की बेंच ने किया है.

इससे पहले जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पार्दीवाला की बेंच ने उनके आपत्तिजनक बयान पर फटकार लगाई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान नूपुर शर्मा की टिप्पणियों को “तकलीफ़देह” बताते हुए कहा था कि – “उनको ऐसा बयान देने की क्या ज़रूरत थी?”

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये भी सवाल किया था कि एक टीवी चैनल का एजेंडा चलाने के अलावा ऐसे मामले पर डिबेट करने का क्या मक़सद था, जो पहले ही न्यायालय के अधीन है.

सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की बयानबाज़ी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि, “अगर आप एक पार्टी की प्रवक्ता हैं, तो आपके पास इस तरह के बयान देने का लाइसेंस नहीं है.”