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शबरी झूठन खाय के, राघव हुए निहाल…By-संजय नायक ‘शिल्प’
संजय नायक ‘शिल्प’ ============= शबरी झूठन खाय के, राघव हुए निहाल। राम लुटाए कुछ नही , शबरी मालामाल।। दुपहरी की नींद में सोई बूढ़ी शबरी अचानक कोलाहल से जाग उठती है। वो देखती है कि सारी चिड़ियाँ जोर जोर से चिर्र् पिरर्र कर रहीं है । इधर जोर जोर से गाय रंभा रही है और […]
*मायके वाले आ रहे हैं*
Laxmi Kumawat ======= * मायके वाले आ रहे हैं * इस कहानी की प्रमुख किरदार है काव्या। काव्या राजेन्द्र जी और रजनी जी की बहू, विराज की पत्नी है। काव्या की एक दो साल की बेटी नायरा भी है। छोटा सा परिवार है। काव्या की शादी को चार साल पूरे हुए हैं। इसी उपलक्ष्य में […]
*मेरे पापा के पास अलादीन का चिराग नहीं, जिसे घिसकर पैसे निकाल कर दे दिए*
Laxmi Kumawat ============== * मेरे पापा के पास अलादीन का चिराग नहीं, जिसे घिसकर पैसे निकाल कर दे दिए * रात के 10:30 बज रहे थे। श्रेया को बहुत नींद आ रही थी। पर फिर भी सासु मां की साड़ी को इस्त्री किए जा रही थी। सुबह से घर के और ऑफिस के काम करते […]