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यह भी एक मनोरंजन का ज़रिया है, इसमें अश्लीलता कहां है ?

Kranti Kumar
@KraantiKumar
B-ग्रेड फिल्में बनती थी. आपके दादाजी, ताऊजी, पिताजी 5 रुपए का टिकट खरीदकर इन फिल्मों को चोरी से देखते थे.

जवानी की दहलीज पर हमलोग भी दोस्तों के साथ ऐसी फिल्मों का लुफ्त उठाते थे.

B-ग्रेड फिल्मों में काम करने के लिए हीरोइन को प्रोड्यूसर और डिरेक्टर के ऑफिस के धक्के खाने पड़ते थे. काम मांगना पड़ता था.

प्रोड्यूसर और डिरेक्टर बोलते थे काम मिलेगा लेकिन बिस्तर पर सोना होगा. काम के बदले रात गुजारनी होगी.

फ़िल्म में काम पाना आसान नही था. B-ग्रेड फ़िल्म हो या A-ग्रेड फ़िल्म हो, नई हीरोइन से जमकर अंगप्रदर्शन कराया जाता है.

महिला क्रिएटर्स ने अपने काबिलियत के सहारे वीडियो बनाती हैं. ना इसमें कोई प्रोड्यूसर का पैसा लगता है, ना किसी डिरेक्टर जरूरत पड़ती है.

वे खुद अपने कंटेंट की प्रोड्यूसर, डिरेक्टर और एडिटर होती हैं. अपने लाइट और कैमरे से वीडियो शुटकर, अपने वीडियो को इंस्टाग्राम पर रिलीज करती हैं.

लाखों करोड़ों लोग देखते हैं. यह भी एक मनोरंजन का जरिया है. इसमें अश्लीलता कहां है ?

महिला क्रिएटर्स आपको वही छोटे पर्दे पर परोस रही हैं जो हिंदी सिनेमा बड़े पर्दे पर परोसता है.

आप अश्लीलता का नाम देकर इनकी रोजी रोटी नही छीन सकते.

Photo : Sofia Ansari एंड Medha Shukla

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Kranti Kumar
@KraantiKumar
इंस्टाग्राम पर महिला क्रिएटर अश्लीलता नही फैला रही हैं. अश्लीलता आपके दिमाग में हैं.

इंस्टाग्राम, फेसबुक, X और यूट्यूब ने महिला मॉडल क्रिएटर्स को अपने वीडियो ब्रॉडकास्ट करने के लिए सबसे सस्ता और आज़ाद प्लेटफार्म मुहैया कराया है.

वे अपने वीडियो खुद शूट करती हैं, एडिटिंग करती हैं और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म रिलीज़ करती हैं.

आप उत्सुकता से देखते हैं. जवाब बूढ़े सभी देखते हैं. कोई खुलेआम देखता है, तो कोई चोरी से देखता हैं.

इन महिला क्रिएटर्स के लाखों करोड़ों फॉलोवर्स हैं. बिना किसी प्रोडक्शन हाउस और डिरेक्टर के मदद के इन महिलाओं ने अपना मुकाम हासिल किया है.

यह महिलाएं क्रिएटर्स सोशल मीडिया पर सुपरस्टार हैं. अश्लीलता के नाम पर आप इन पर अंकुश नही लगा सकते.

Photo : Medha Shukla एंड Urfi Javed