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लाजवंती!

अरूणिमा सिंह
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लाजवंती!
बाहर इमली की तरह पत्तों वाली एक बेल न जाने कबसे लगी हुई थी।
धीरे धीरे उसमें छोटे छोटे, हल्के गुलाबी रंग के, मखमली फूल आने लगे।

फूलों को देखकर कौतूहल बस उनके पास जाकर फूलों को सहलाना चाहा परन्तु उंगलियों का स्पर्श पाते ही उसकी पत्तियां एक एक करके आपस में सिकुड़ने लगी।

ये देखकर मन ने कहा कि हाथ गलती कर बैठा है!
पत्तियों को सिकुड़ता देख एक दो पत्तियों को और छू दिया। हाथों की धृष्टता देखकर फूलों की रक्षा को तत्पर खड़े कांटे हरकत में आ गए और उंगली को बेध दिया और तब मन हंसा कि एक गलती से सीख नहीं ले सकते थे जो बार बार गलती कर रहे थे। अब सजा भुगतो!

उंगलियों से टपकते रक्त को देखकर स्वयं पर गुस्सा और हंसी भी आई कि ये मन के अंदर बसने वाला बच्चा न जाने कब बड़ा होगा?

May be an image of Calliandra

जी हां!
ये लाजवंती के फूल और बेल है जिसकी पत्तियां आपका स्पर्श पाते ही सिकुड़ जाती हैं और कुछ देर तक सिकुड़े रहने के बाद ही सामान्य होती है इसलिए इसे लजाधुर, लाजवंती या छुईमुई कहते हैं।

इनके गुण, दोष, उपयोग, अन्य कोई नाम आपको मालुम हो तो कॉमेंट में अवश्य बताएं।

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तस्वीरें Balcony Gardening Tips समूह में से सुधा शाह जी की पोस्ट से लिया है।
अरूणिमा सिंह