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अपनी पेंशन से पैसा आंटी घर में ख़र्च करती है तब जाकर घर चल पाता है
दिन के 11 बजे दरवाजे पर एक आटो आकर रुका । जिसमें से देवकी आंटी लठिया टेकती हुई निकली और अंदर आकर सोफे पर धम्म से बैठ गई और रोने लगी ।मैं उस समय बाथरूम में थी ।पति महोदय बैठे थे डांइग रूम में । उन्होंने देवकी आंटी से पूछा क्या हुआ आंटी आप रो […]
तुम इक बार हमसे मरासिम तो जोड़ो…शकील सिकंद्राबादी की दो ग़ज़लें एक साथ पढ़िये!
Shakeel Sikandrabadi =========== ग़ज़ल असर मुझ पे होता नहीं है बला का करिश्मा है ये मेरी माँ की दुआ का किया अज़्म का जब दिया मैंने रौशन इधर से उधर फिर गया रुख़ हवा का मेरे मौला उनको हिदायत अता कर चलन छोड़ बैठीं जो शरमो हया का तू गाता है जिस शौक़ से फिल्मी […]
क़ाशिफ़ अहसन क़ाश कन्नौजी की एक ग़ज़ल : ज़र्द चेहरे पे मर मिटा था मैं….
काशिफ अहसन काश कन्नौजी ================ ___________💐💐ग़ज़ल // غزل💐💐_________ जब बुरा वक़्त टल गया मेरा दिल ज़रा में उछल गया मेरा جب برا وقت ٹل گیا میرا دل ذرا میں اچھل گیا میرا बेवफाई तो उसने की लेकिन पर ये चेहरा बदल गया मेरा بے وفائی تو اس نے کی لیکن پر یہ چہرہ بدل گیا […]