Shivani Kumari
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अपनी ही बेटी को मैने लड़के को चुंबन करते देख लिया था, एक तरफ मन में गुस्सा था l, दूसरी तरफ मन में ग्लानि की ये क्या देख लिया
मैंने अपनी बेटी पर हमेशा भरोसा किया, और जब उसने बड़े शहर में पढ़ने की इच्छा जताई, तो मैंने सोचा कि उसकी शिक्षा के लिए यह अच्छा होगा। पत्नी की चिंता थी कि हमारी बेटी छोटे शहर की है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास था कि वह अपनी पढ़ाई और जिंदगी संभाल लेगी। हम दोनों ने मिलकर उसे दिल्ली में पढ़ाई के लिए भेजने का फैसला किया।
जब उसे कॉलेज का हॉस्टल नहीं मिला, तो हमने प्राइवेट फ्लैट दिलाने का निर्णय लिया। अपने सीमित साधनों से उसके लिए हर वह सुविधा जुटाई जो उसकी पढ़ाई में मदद कर सके—गद्दा, कूलर, फ्रिज, और अन्य आवश्यक सामान। बेटी का भविष्य हमारी प्राथमिकता थी।
कुछ महीने बाद मैं उसे मिलने गया। मुझे पता था कि उसके कुछ लड़के दोस्त भी हैं, लेकिन मैंने कभी उसके फैसलों पर सवाल नहीं उठाया। एक दिन उसके दोस्त के साथ उसे देखकर मैं उसके कमरे में गया, और मैंने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में पाया। यह देख कर मैं स्तब्ध था। मुझे खुद पर शर्म आई कि मैंने बेटी के निजी पलों में अनजाने में दखल दिया।
बेटी ने तुरंत मुझसे सवाल किया कि मैंने नॉक क्यों नहीं किया? उसका कहना था कि यह उसका स्पेस है और उसकी प्राइवेसी का सम्मान किया जाना चाहिए। उसके इस व्यवहार से मैं हैरान था। मुझे उसकी बात सही लगी, लेकिन मेरे मन में यह ख्याल भी आया कि हमने अपनी मेहनत और त्याग से उसे यह सब दिया है, तो यह स्पेस हमारा भी है।