Kranti Kumar
@KraantiKumar
HINDURASHTRA में RSS सरसंघचालक देश का सुप्रीम लीडर होंगे.
पार्लियामेंट से भी ज्यादा ताकतवर Guardian Council होगी जिसमें 90% सदस्य ब्राह्मण होंगे. इनकी नियुक्ति सीधे सुप्रीम लीडर द्वारा होगी.
हर बिल का ड्राफ्ट पहले Guardian Council में जाएगा. वहां से हरी झंडी मिलने के बाद पार्लियामेंट में पेश किया जाएगा.
चुनाव आयोग, सेना, परमाणु हथियार, रेडियो, विदेश नीति पर सीधा नियंत्रण सुप्रीम लीडर का होगा. प्रधानमंत्री के पास सीमित शक्तियां होंगी.
सामाजिक संरचना मनुस्मृति के नियमों के अनुसार बनाई जाएगी. रेल के डिब्बे वर्ण अव्यवस्था के अनुसार होंगे.
अगड़ी जाति और पिछड़ी जाति का अलग अलग सार्वजनिक टॉयलेट, पार्क में बेंच और वेटिंग रूम होगा. शायद स्कूल भी अलग अलग खोल दिए जाएंगे.
जो वर्ग मनु महाराज का विरोध नही करता.
जो वर्ग मनु स्मृति का विरोध नही करता.
जो वर्ग जाति वर्ण अव्यवस्था को बुरा नही मानते.
जो वर्ग जाति वर्ण अव्यवस्था को मीठा मीठा मानता है.
और आपके आरक्षण का विरोध करता है. जाति जनगणना का विरोध करता है.
और येही वर्ग HINDU RASTRA की पैरवी कर रहा है,
क्या आप इनके उद्देश्यों का समर्थन करेंगे ?
Kranti Kumar
@KraantiKumar
90 लाख भारतीय मध्य पूर्व में काम करते हैं, जिनमें से अधिकांश खाड़ी देशों में रहते हैं.
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) : में लगभग 35.54 लाख भारतीयों काम करते हैं.
सऊदी अरब : लगभग 25.9 लाख भारतीयों के साथ दूसरा सबसे लोकप्रिय गंतव्य है.
कुवैत : यहां करीब 10.2 लाख भारतीय हैं.
कतर: यहां करीब 7.4 लाख भारतीय हैं.
ओमान: यहां करीब 7.7 लाख भारतीय हैं.
बहरीन: यहां करीब 3.2 लाख भारतीय हैं.
भारत में करोड़ परिवारों की रोजी रोटी सऊदी दुबई क़तर आदि मिडिल ईस्ट देशों के कमाई के सहारे चलती है.
अगर इन देशों के शेख हर भारतीय को काम देने या वेतन देने पर जबरन अल्लाह हूँ अकबर बोलने को मजबूर करेंगे तब कैसे लगेगा ?
मुंबई के टाटा कैंसर अस्पताल के बाहर 20 रुपए का खाना बाटने पर एक शख्स गरीब मुस्लिम को खाना देने के बदले जय श्रीराम बोलने को मजबूर कर रहा था.
इस विषय पर मित्रों आप लोगों को क्या मत है ?
Kranti Kumar
@KraantiKumar
भरहुत स्तूप पर एक राजा का नाम वेशभूषा सहित उत्कीर्ण है.
राजा का नाम है —चकवाक नागराज, धम्म लिपि में लिखा है चकवाको नागराज.
जाहिर है कि चकवाक नागराज नागवंशीय राजा थे और सिर पर बुद्धिज्म का प्रतीक पंचनाग धारण करते थे.
यही नागवंशी राजा-गण बुद्ध के संरक्षक थे, सो अनेक बौद्ध प्रतिमाओं के सिर पर यह पंचनाग प्रतीक दिखाई पड़ता है.
कहाँ है भारत के राजनीतिक इतिहास में राजा चकवाक नागराज का इतिहास?
आपने तो उन्हें साँप समझकर छोड़ दिया है, जबकि ये राजा साँप नहीं बल्कि मनुष्य हैं.
ऐसे अनेक नाग राजाओं की मौजूदगी भारत के इतिहास में सिरे से गायब है, जबकि चकवाक नागराज कोई मामूली राजा नहीं रहे होंगे.
भरहुत स्तूप पर चकवाक नागराज की उपस्थिति ही उनकी गरिमा और शोहरत को रेखांकित करने के लिए काफी है.
Post Credit : Dr Rajendra Prasad Singh
@563Rajendra
डिस्क्लेमर : ट्वीट में Kranti Kumar के अपने निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है