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पैग़ामे इत्तेहाद…*इत्तेहाद में जिंदगी है और इंतेशार में मौत है*….इसमाईल बाटलीवाला

इसमाईल बाटलीवाला
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*चिराग की जितनी तकात होती है उतने दूर तक अंधेरे को फाड कर ऊजाला कर देता है* मगर दूनीया का सारा अंधेरा मिलकर भी उस छोटे से चिराग को अंधेरे मे नही बदल सकता है।ठीक उसी तरह सारे इंतेशार करने वाले लोग आपस मे मिलकर भी इत्तेहाद के उस चिराग को नही बुझा सकते हैं जिसको इसमाईल बाटलिवाला ने जलाया हैI
*जुगनुवो यूँ तनहा,तनहा टिमटिमा कर क्या फ़ायदा?*
*ज़गमगाव मुत्तहिद होकर सहर हो जायेगी.*
इत्तेहाद मुहिम 2012 से
चल रही है और गांव-गांव और शहर-शहर और नगर-नगर इत्तेहाद मुहिम पहुंच चुकी है इसलिए इत्तेहाद के दीवाने इस चिराग मे तेल डालते रहेंगे और रोशनी फैलाते रहेंगे।
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*इत्तेहाद में जिंदगी है और इंतेशार में मौत है।*
कोई सुने ना सुने इन्कलाब की आवाज़।
पुकारने की हद तक तो हम पुकार आएं।।
इस्माईल बाटलीवाला

इसमाईल बाटलीवाला
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बहुत लोग जानकारी चाहते हैं की आज कल हम इत्तेहाद के लिए कोई मीटिंग और दौरा नही कर रहे हैं।इसका कारण है की हम ने तै किया था की मुस्लिम इत्तेहाद के लिए हम दस साल तक काम करेंगे जो कि 2012 से 2022 तक वह पूरा हो गया है इसलिए हम ने दौरा करना और मीटिंग करना बंद कर दिया है।
अब हम सोशल मीडिया पर लिखते और बोलते रहेंगे और *अगर कोई इत्तेहाद की कोशिश करेगा तो उसका सहयोग करेंगे।*
इस्माईल बाटलीवाला