उत्तर प्रदेश राज्य

हिंदू कोई जाति, मत और मज़हब नहीं है, यह भारत की सुरक्षा, एकता और एकाग्रता की गारंटी है : मुख्यमंत्री योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पूर्व सीएम स्व. कल्याण सिंह की तृतीय पुण्यतिथि पर आयोजित ‘हिंदू गौरव दिवस’ कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने पूर्व सीएम को श्रद्धांजलि देने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज जब हम लोग ‘बाबू जी’ (कल्याण सिंह) की तीसरी पुण्यतिथि को ‘हिंदू गौरव दिवस’ के रूप में मना रहे हैं तो हमें हिंदू एकता के महत्व को भी समझना पड़ेगा। हिंदू कोई जाति, मत और मजहब नहीं है। यह किसी संकीर्ण दायरे का माध्यम नहीं है। यह भारत की सुरक्षा, एकता और एकाग्रता की गारंटी है। उन्होंने कहा कि हमें यह याद रखना होगा जब तक भारत का मूल सनातन हिंदू समाज मजबूत है, भारत की एकता और अखंडता को दुनिया की कोई ताकत चुनौती नहीं दे सकती। लेकिन जिस दिन यह एकता खंडित होगी उस दिन भारत को फिरके-फिरके में बांटने की विदेशी साजिशें सफल हो जाएंगी।

राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें इन साजिशों को सफल नहीं होने देना है। जो लोग आपको बांटने का काम कर रहे हैं, इनके चेहरे, चाल और चरित्र अलग है। ये बोलेंगे कुछ,दिखाएंगे कुछ और करेंगे कुछ। जब भी इन्हें अवसर मिला, उत्तर प्रदेश को इन्होंने दंगे की आग में झोंका है। जब भी इन्हें अवसर मिला है, इन्होंने हिंदुओं के नायकों को अपमानित किया है। मुख्यमंत्री ने कल्याण सिंह के संघर्षों और चुनौतियों की यात्रा को शिखर से शून्य की यात्रा करार देते हुए कहा कि कोई व्यक्ति कल्याण सिंह अचानक नहीं बन जाता। उनकी तरह बनने के लिए संघर्ष, चुनौती, त्याग और बलिदान का मार्ग चुनना पड़ता है। कल्याण सिंह ने उस समय की ताकतों का मुकाबला किया, विपरीत परिस्थितियों में काम किया, लेकिन श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन के मार्ग से कतई नहीं हटे।

इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, उप मुख्यमंत्री द्वय केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे, पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, उन्नाव के सांसद स्वामी साक्षी महाराज, मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह के अलावा कार्यक्रम के आयोजक पूर्व सांसद राजवीर सिंह (राजू भइया) और मंत्री संदीप सिंह समेत तमाम लोग मौजूद थे।

मफिया की मौत पर फातिया पढ़ना ही सपा का चरित्र
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सपा मुखिया पर भी हमला किया और पीडीए पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बाबूजी के दिवंगत होने पर श्रद्धांजलि देना तो दूर सपा के मुखिया के मुंह से तो संवेदना का एक भी शब्द नहीं निकला। वहीं, एक दुर्दांत माफिया मरा था तो वे फातिया पढ़ने उसके गांव तक चले गए थे। यही उनका पीडीए है। सैकड़ों हिंदुओं के खून से जिनके हाथ रंगे हुए थे, ऐसे माफिया के मरने पर ऐसे मातम मना रहे थे, जैसे इनका कोई सगा चला गया हो। यही सपा का वास्तविक चरित्र है। सीएम ने अयोध्या में एक निषाद बालिका के साथ हुए दुष्कर्म के अलावा कन्नौज और लखनऊ की घटना का जिक्र करते हुए सपा को कठघरे में खड़ा किया।

बाबू जी ने नहीं किया मूल्यों और आदर्शों से समझौता
सीएम ने कहा कि बाबूजी का पूरा जीवन राष्ट्रीयता के प्रति समर्पित था। उन्होंने जातिवाद को प्रश्रय नहीं दिया। समाज का विभाजन करने वाली ताकतों से उन्होंने दूरी बनाए रखी। उन्होंने मूल्यों पर जीवन जिया, राजनीति को आदर्शों को माध्यम बनाया। उन्होंने मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, सांसद, राज्यपाल किसी भी रूप में रहे हों, लेकिन मूल्यों और आदर्शों के साथ कोई समझौता नहीं किया।

कल्याण सिंह ने ही लागू की थी जीरो टॉररेंस की नीति
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को चिंतित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की जिस नीति को 1991 में बाबूजी ने लागू किया था, वो आज भी लागू है। डबल इंजन की सरकार अपराध और अपराधियों, भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ काम करेगी, चाहे इसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े। प्रदेश की जनता जनार्दन का बाल भी बांका नहीं होने दिया जाएगा।