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स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं, लालकिले से क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी….

देश आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। पीएम ने गुरुवार को ध्वजारोहण किया और लाल किले से राष्ट्र के नाम अपना लगातार 11वां भाषण दिया। इस साल के उत्सव का विषय, ‘विकसित भारत@2047’ है, जिसका लक्ष्य देश को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ाना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर गुरुवार को लालकिले पर तिरंगा फहराया। पंडित नेहरू (17 बार) और इंदिरा गांधी (16 बार) के बाद सबसे ज्यादा 11 बार झंडा फहराने वाले तीसरे पीएम हैं।

ध्वजारोहण के बाद पीएम मोदी ने देश को लाल किले के प्राचीर से लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज शुभ घड़ी है। देश के लिए मर मिटने वाले और अपना जीव समर्पित करने वाले और आजीवन संघर्ष करने वाले जवानों को नमन करने का पर्व है।

पीएम मोदी लोगों और बच्चों से मिलते नजर आए। पीएम ने इस बार नारंगी, पीले और हरे रंग के कॉम्बिनेशन की पगड़ी पहनी। 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने राजस्थानी पगड़ी ही पहनी थी। लहरिया प्रिंट की कहानी राजस्थान की रेत से जुड़ी हुई है। राजस्थान के पश्चिमी इलाकों के रेगिस्तानी रेत पर बहने वाली हवा से डायगोनल पैटर्न (लहर) बन जाते हैं। लहरिया प्रिंट इन्हीं पैटर्न से प्रेरित माना जाता है। यह एक पारंपरिक कपड़ा टाई एंड डाई प्रिंट टेक्नीक है, जिसमें खूबसूरत रंगों का कॉम्बिनेशन होता है।

लालकिले से बोले PM मोदी

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर ये बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से कहा ‘हमारे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड की चर्चा चल रही है। देश की सुप्रीम कोर्ट भी हमें यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए कह रही है और देश के संविधान निर्माताओं का भी ये सपना था। जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, जो ऊंच नीच का कारण बनते हैं। वैसे कानूनों के लिए देश में कोई जगह नहीं हो सकती। हमने सांप्रदायिक सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सेक्युलर सिविल कोड की तरफ जाना होगा।’

बांग्लादेश के हालात पर जताई चिंता
‘बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है। पड़ोस देश होने के नाते हम हालात को लेकर चिंतित हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वहा हालात जल्द सामान्य होंगे। साथ ही वहां के हिंदू, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें। शांति के प्रति हम समर्पित हैं। हम आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा में हमेशा शुभचिंतक रहेंगे। हम मानव जाति के लिए सोचने वाले लोग हैं।’

प्रधानमंत्री ने अराजकता फैलाने वाले लोगों के प्रति देशवासियों को किया आगाह
‘हमारा सामाजिक दायित्व है जो लोग पीछे रह जाते हैं उन्हें भी साथ लेकर आगे बढ़ें। हम किसानों, आदिवासी भाई बहन, माता-बहनें, मजदूर, श्रमिक साथियों, सभी को हमारी बराबरी में लाने का प्रय़ास करना है। इसके बाद हमारी ताकत बहुत बढ़ जाएगी और बहुत संवेदना के साथ हमें इस काम को करना है। हमें पता है कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पहले भी हमारा एक आदिवासी ने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था। जिन्हें हम भगवान बिरसा मुंडा के रूप में पूजते हैं। वो हमारे लिए प्रेरणा का काम करते हैं। भगवान बिरसा मुंडा की जब हम 150वीं जयंती मनाएं तो हम हर वर्ग को लेकर साथ चलें। इस संकल्प को लेकर चलना है।’

‘हम संकल्प के साथ आगे बढ़ तो रहे हैं लेकिन कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते। कुछ लोग हैं जो भारत का भला देख नहीं देख सकते, जब तक उनका भला न हो तब तक वे किसी का भला नहीं देख सकते। ये निराशा की गर्त में डूबे लोग हैं। जब उन लोगों की गोद में विकृति पलती है तो वह विनाश का कारण बन जाती है। अराजकता का मार्ग ले लती है। इससे बहुत बड़ी हानि हो जाती है। इसलिए ऐसे छिटपुट तो तत्व हैं। उनकी गोद में विकृति पल रही है। ये विकृति विनाश के सपने देख रही है। देश को इसे समझना होगा। मैं देशवासियों कहना चाहता हूं कि हम नेकनीयत से राष्ट्र के प्रति अपने समर्पण से, हम विपरीत मार्ग पर जाने वाले लोगों के दिल जीतेंगे। साथियों चुनौतियां हैं, चुनौतियां भीतर भी हैं, चुनौतियां बाहर भी हैं। जैसे जैसे हमारा तवज्जो बढ़ेगा तो चुनौतियां बढ़ने वाली हैं लेकिन ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आएगा। हम विश्व में जब समृद्ध थे, तब भी हमने दुनिया को युद्ध नहीं दिया। मैं विश्व समुदाय को विश्वास दिलाता हूं कि आप भारत के संस्कारों को समझिए, भारत के हजारों साल के इतिहास को समझिए। हमें संकट मत मानिए। इस भूमि में विश्व कल्याण का सामर्थ्य है। देशवासियों को कहना चाहता हूं कि चुनौतियों को चुनौती देना हमारी फितरत में है। हम संकल्पों की पूर्ति के लिए, देशवासियों का भाग्य बदलने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हम नेक नीयत से जीतेंगे।’

पीएम मोदी ने डिजाइनिंग इंडिया का दिया मंत्र
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मैं राज्य सरकारों से अपील करता हूं कि निवेशकों को अपने राज्यों में बुलाएं। इसके लिए कानून व्यवस्था बेहतर बनाएं और अन्य नीतियों में सुधार करें, जिससे निवेशक आएं। इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा। सिर्फ भारत सरकार से काम होता नहीं है। राज्य सरकारों को आगे आना होगा।’

‘साथियों भारत अपनी बेस्ट क्वालिटी के लिए जाना जाएगा। इसके लिए हमने डिजाइनिंग इंडिया पर बल देना है। हमें कोशिश करनी है कि अब इंडियन स्टैंडर्ड, इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बनेंगे, ये हमारा लक्ष्य होना चाहिए। डिजाइनिंग इंडिया और डिजाइनिंग फॉर वर्ल्ड पर हमारा फोकस होना चाहिए। गेमिंग की दुनिया आज तेजी से उभर रही है। हम गेमिंग की दुनिया में नया टैलेंट लेकर आ सकते हैं। मैं चाहता हूं कि भारत के बच्चे, भारत के नौजवान, आईटी, एआई प्रोफेशनल्स गेमिंग की दुनिया में अपना नाम करें और गेम विकसित करें।’

‘हमने रिन्यूबल एनर्जी का विस्तार किया है। आने वाले कुछ वर्षों में हम नेट जीरो भविष्य की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। जो जी20 देश नहीं कर पाए, वो मेरे देशवासियों ने करके दिखाया है। पर्यावरण के लिए जो नेट जीरो के लक्ष्य तय किए गए थे, उन्हें पूरा करने वाला सिर्फ भारत है। 500 गीगावाट सोलर ऊर्जा को हम पाकर रहेंगे। हमने 2030 तक हमारे रेलवे को नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। ग्रीन हाइड्रोजन मिशन लेकर हम चल रहे हैं। बहुत तेजी से नीतियां बनाई जा रही हैं। आज भारत ग्रीन हाइड्रोजन की दिशा में जाना जाता है। इस क्षेत्र में ग्रीन जॉब्स की बहुत संभावनाएं हैं।’

‘मेरे प्यारे देशवासियों, इस तिरंगे के झंडे के नीचे जो खिलाड़ी बैठे हैं, जिन्होंने ओलंपिक में देश का परचम लहराया है। मैं देशवासियों की तरफ से इन खिलाड़ियों को बधाई देता हूं। आने वाले कुछ दिनों में भारत का बड़ा दल पैरालंपिक के लिए जाएगा। मैं उन्हें बधाई देता हूं।’

‘आज हम दुनियाभर में खिलौने निर्यात कर रहे हैं’
‘हमारे देश के प्रति गौरव का भाव कम था। आज हमारे देश के खिलौने दुनिया भर में जगह बना रहे हैं। पहले हम मोबाइल फोन आयात करते थे। आज मोबाइल फोन हम दुनिया में निर्यात करते हैं। यह भारत की ताकत है। भविष्य के साथ सेमीकंडक्टर, एआई जुड़ा है। हमने सेमीकंडक्टर की दिशा में काम किया है। अब सेमीकंडक्टर का उत्पादन भी भारत में होगा।’

‘पहले टू जी के लिए कैसा संघर्ष करते थे। आज 5 जी जिस तेजी से पहुंच रहा है। हम रुकने वाले नहीं हैं। हम 6जी पर भी मिशन मोड में काम कर रहे हैं। हम उसमें भी अपनी धाक जमाएंगे। डिफेंस सेक्टर में भी हमारा फोकस है। आज हम देश में ही रक्षा उत्पादन कर रहे हैं। डिफेंस सेक्टर में हम आत्मनिर्भर होते जा रहे हैं। दुनियाभर में भारत की डिफेंस सेक्टर में पहचान बनी है। हम डिफेंस में मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहे हैं।’

राष्ट्रीय पोषण मिशन शुरू किया
‘देशवासियों विकसित भारत 2047 स्वस्थ भारत भी होना चाहिए। इसके लिए बच्चों के लिए पोषण पर भी ध्यान देना चाहिए। हमने राष्ट्रीय पोषण मिशन शुरू किया है। देशवासियों, हमारी कृषि व्यवस्था को बदलना जरूरी है। हम सदियों से जिस सोच से जकड़े हुए हैं, उससे मुक्ति पानी होगी। हम किसानों को मदद भी दे रहे हैं। आज तकनीक की मदद दे रहे हैं। मार्केटिंग में मदद कर रहे हैं। उस दिशा में हम काम कर रहे हैं। आज जब धरती माता के प्रति सारा विश्व चिंतित है। जैसे उर्वरकों की वजह से धरती माता की सेहत लगातार बिगड़ रही है। मैं उन किसानों को बधाई देता हूं जिन्होंने प्राकृतिक खेती की राह पकड़ी है। इसके लिए हम बजट में भी प्रावधान कर रहे हैं। आज विश्व के लिए आर्गेनिक फूड के लिए कोई फूड बास्केट बन सकता है तो वो मेरे देश का किसान बना सकता है। हम इस सपने को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। किसानों का जीवन आसान बने गांवों में इंटरनेट कनेक्टिविटी मिले। गांव में स्मार्ट स्कूल बने। सड़कों का जाल बिछे। नौजवानों को स्किल मिले। इसका प्रयास हम कर रहे हैं।’

‘इतने वर्षों में हमने महिला केंद्रित विकास पर काम किया है। आज हर क्षेत्र में महिलाओं के कदम बढ़ रहे हैं। आज महिलाएं नेतृत्व भी दे रही हैं। हमारी एयरफोर्स, आर्मी, नेवी या स्पेस सेक्टर हर क्षेत्र में महिलाएं शानदार काम कर रही हैं। हालांकि कुछ क्षेत्रों से चिंता की बातें भी आ रही हैं। हमें समाज के तौर पर गंभीरता से सोचना पड़ेगा कि महिलाओँ के प्रति अत्याचार बंद होना चाहिए। इसे लेकर एक आक्रोश है मैं इसे महसूस कर रहा हूं। महिलाओँ के विरुद्ध अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी प्रवृत्ति करने वालों को जल्द कड़ी सजा मिले। मैं ये भी बताना चाहूंगा कि जब बलात्कार की घटनाएं होती हैं तो उसकी बहुत चर्चा होती है तो वो मीडिया में छाया रहता है। लेकिन जब अपराधियों को सजा होती हो तो उसकी खबरें प्रमुखता से नहीं छपती। इसे बदलना चाहिए। अपराधियों में डर पैदा करना जरूरी है।’

स्किल डेवलेपमेंट पर सरकार का फोकस
‘देशवासियों, जिस तरह से विश्व का बदलाव नजर आ रहा है। अब स्किल का महत्व बढ़ गया है इसलिए हम स्किल डेवलेपमेंट पर ध्यान दे रहे हैं। बाजार में युवाओं की ताकत दिखाई दे तो उस लिहाज से हम देश के युवाओं को स्किल्ड बनाना चाहते हैं। देश का युवा ग्लोबल जॉब मार्केट में अपनी धमक बनाए। हम उस सपने को लेकर आगे बढ़ रहा है। आज दुनिया जिस तेजी से बढ़ रहा है तो हमें विज्ञान पर ध्यान देना चाहिए। हम रिसर्च पर फोकस कर रहे हैं। रिसर्च के लिए एक लाख करोड़ रुपये देने का फैसला किया गया है। जिससे नए अविष्कार हो। आज देश के युवा मेडिकल की पढ़ाई के लिए बाहर जा रहे हैं। इसलिए हमने पिछले दस साल में मेडिकल सीटों को एक लाख कर दिया है। करीब 25 हजार युवा मेडिकल एजुकेशन के लिए विदेश जा रहे हैं। इसलिए हमने तय किया है कि अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी।’

25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला
‘ममभाव हमारे काम की शैली है। ममभाव भी चाहिए और समभाव भी। मैं जब कोरोना को याद करता हूं तो कोरोना महामारी के बीच सबसे तेजी से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाला देश है तो वो भारत है। आज पूरा देश तिरंगा है, हर घर तिरंगा है। न कोई जात है न कोई ऊंच है न कोई नीच है। जब हम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालते हैं। हमने गति को बनाए रखा है। जब राज्य स्पर्धा करने लगे हैं तो हमें लगता है कि हमारी दिशा सही है। जब संवेदनशीलता से काम करते हैं तो बहुत संतोष मिलता है।’

जल जीवन मिशन से 18 करोड़ परिवारों तक पहुंचा जल
पीएम मोदी ने कहा कि ‘जब लालकिले से कहा जाता है कि बिजली समयसीमा में पहुंचाएंगे, तो हिंदुस्तान सो जाता है। जब ढाई करोड़ घरों में बिजली पहुंच जाती है तो सामान्य मानवी का भरोसा बढ़ जाता है। परिवार के अंदर स्वच्छता का वातावरण बन जाए, भारत में आई नई चेतना का प्रतीक हैं। तीन करोड़ परिवार ऐसे हैं जिन्हें नल से जल मिलता है। जल जीवन मिशन के तहत कम समय में 18 करोड़ परिवारों तक पानी पहुंच रहा है। दलित, पीड़ित, आदिवासी, गरीब भाई-बहन इन चीजों के अभाव में जी रहे थे। हमने प्राथमिक आवश्यकताओं को पूरा करने का जो प्रयास किया, परिणाम मिला है। लोकल फॉर वोकल का मंत्र दिया, आज वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट का माहौल बना है। भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने, ग्लोबल वार्मिंग की चिंता किए बगैर हमने काम किया है। यही देश है जहां आततायी आतंकी आकर हमें मारकर चले जाते थे, आज देश की सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है, सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।’

‘कभी ये कहने की नौबत न आए कि लोग कहें कि ये उसका हक था और उसे मिला नहीं’
‘मैंने सपना देखा है कि जब देश विकसित भारत हो तो सामान्य मानविकी में सरकार का दखल कम हो। मेरे प्यारे देशवासियों, हम छोटी छोटी जरूरतों और आवश्यकताओं पर भी ध्यान देते हैं। गरीब का चूल्हा जलता रहा, गरीब के इलाज की सुविधा दी गई है। जब सैचुरेशन होता है तो जाति-धर्म का भेद नहीं होता है। लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो, उसके लिए हमने कई कदम उठाए हैं। हमने देशवासियों के लिए डेढ़ हजार से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया है। हमने छोटे-छोटे कानूनों से जेल जाने के प्रावधान से बाहर कर दिया है। सदियों से हमारे पास जो आपराधिक कानून थे, उन्हें आज हमने न्याय संहिता के रूप में पेश किया है। दंड नहीं न्याय को आधार बनाया है। मैं जनप्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि हमें मिशन मोड में ईज ऑफ लिविंग के लिए कदम उठाने चाहिए।’

‘युवाओं को छोटी-छोटी दिक्कतों के लिए सरकार को चिट्ठी लिखनी चाहिए। सरकारें संवेदनशील है और वे जरूर कदम उठाएंगी। विकसित भारत के सपने के लिए हमें जोर लगाकर आगे बढ़ना होगा। नागरिकों के जीवन में सम्मान मिले। कभी ये कहने की नौबत न आए कि लोग कहें कि ये उसका हक था और उसे मिला नहीं।’

‘जब हम देश में सुधारों की बात करते हैं तो देश में आज तीन लाख संस्थाएं जिनमें पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम और केंद्र शासित प्रशासन जैसी तीन लाख ईकाइयां हैं। मैं आज उनसे अपील करता हूं कि अगर वे एक साल में दो सुधार करें तो हम देखते ही देखते एक साल में 25-30 लाख सुधार कर सकते हैं। इससे सामान्य मानविकी का स्तर कितना अच्छा हो जाएगा। हम हिम्मत के साथ आगे आएं। अगर हम लोगों को छोटी छोटी मुसीबतों से मुक्ति दिलाएं तो हम देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। आज देश आकांक्षाओं से भरा हुआ है। हमारा नौजवान नई ऊंचाइयों को छूना चाहता है। नए क्षेत्रों में सफलता पाना चाहता है।’

‘नीति और नीयत सही हो तो निश्चित परिणाम मिलता है’
‘जब नीति सही होती है और नीयत सही होती है तो हम निश्चित परिणाम पाकर रहते हैं। आज देश में नए अवसर बने। दो चीजें हैं जिसने विकास को छलांग दी है। पहला है आधुनिक बुनियादी ढांचा और दूसरी तरफ सामान्य मानविकी की बाधाओं को दूर करने पर भी बल दिया है। पिछले एक दशक में अभूतपूर्व बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है। गांव-गांव में स्कूल बनाने की बात हो, रोड, बंदरगाह, रेल हो, मेडिकल कॉलेज हो, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, अमृत सरोवर हो, नहरों का जाल बिछाया जा रहा है। चार करोड़ गरीबों को पक्के घर बनाने की कोशिश हो, हमारा पूर्वी भारत का इलाका बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जाना जाने लगा है। इसका सबसे बड़ा लाभ समाज के उन वर्गों को लाभ मिला है, जिनकी तरफ कोई नहीं देखता था।’

‘दुनिया में भारत को देखने का नजरिया बदला’
’10 साल के भीतर युवाओं के सपनों को उड़ान मिली है और उसकी चेतना में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। आज विश्व भर में देश को देखने का नजरिया बदला है। रोजगार के नए अनगिनत अवसर मिले हैं। संभावनाएँ बढ़ती गई हैं और नए मौके बन रहे हैं। मेरे देश के युवाओं को अब धीरे धीरे चलने का इरादा नहीं है। मेरे देश का नौजवान छलांग मारने के मूड में है। मैं कहना चाहूंगा कि भारत के लिए यह स्वर्णिम कालखंड है। मेरे देशवासियों को हमें यह अवसर जाने नहीं देना चाहिए और इसे पकड़कर अपने सपने को लेकर चल पड़ेंगे। हमें 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य लेकर रहेंगे।’

‘मैं एक छोटा सा उदाहरण देना चाहता हूं। पहले बैंकिंग क्षेत्र का न विस्तार होता था ना विकास होता था। बैंकिंग सेक्टर संकट में था। हमने बैंकिंग सेक्टर को विकसित बनाने के लिए कई सुधार किए। आज हमारा बैंकिंग सेक्टर मजबूत है। जब बैंक मजबूत होते हैं तो संगठित अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है। देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने की सबसे बड़ी ताकत बैंकिंग सेक्टर में होती है। किसान, युवा, पशुपालक, रेहड़ी-पटरी वाले लाखों लोग बैंकों से जुड़कर नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहे हैं। हमारे एमएसएमई, लघु उद्योगों के लिए बैंक सबसे सहायक होते हैं।’

‘साथियों से दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी तो मिली लेकिन लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से जूझना पड़ा। सरकार से मांगते रहे, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो। आज हमने गवर्नेंस के मॉडल को बदला है। आज सरकार खुद जनता के पास जाती है। सरकार खुद गैस, बिजली पानी, पहुंचाती है। सरकार खुद नौजवान के स्किल डेवलपमेंट के लिए कदम उठा रही है।’

‘विकसित भारत के लिए एक सुविचारित प्रयास हो रहा है। जब राजनीतिक नेतृत्व का दृढ़ विश्वास हो और सरकारी मशीनरी उस सपने को पूरा करने के लिए जुट जाता है और इसमें जनभागीदारी हो जाए तो निश्चित परिणाम मिलता है। जब चलता है वाली सोच होती है तो लोग जो है उसी से गुजारा कर लो। यही माहौल बन गया था। हमें इस मानसिकता को तोड़ना होगा। हमें विश्वास से भरना था। हमने उस दिशा में प्रयास किया है। लोग कहते थे कि अगली पीढ़ी का हम इंतजार क्यों करें हम तो आज का देखें। हमें जिम्मेदारी दी गई और हमने बड़े सुधार जमीन पर उतारे। गरीब हो, मिडिल क्लास हो, हमारी बढ़ती शहरी आबादी हो, युवाओं के सपने और आंकाक्षाएं हों। हमने सुधार की राह चुनी। हम देशवासियों को यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि हमारे सुधार चार दिन की वाहवाही के लिए नहीं है। ये किसी मजबूरी में नहीं हैं, देश को मजबूती देने के लिए है।’

‘हर परिवार के बीच जब स्वच्छता वातावरण बन जाए तो ये भारत के अंदर आई नई चेतना का प्रतिबिंब है। आज हमारे देश में तीन करोड़ परिवार ऐसे हैं, जिन्हें नल से जल मिल रहा है। आज 15 करोड़ परिवार इसके लाभार्थी बन रहे हैं। कौन वंचित थे, इन व्यवस्थाओं से। इनमें दलित, आदिवासी, गरीब लोग इन चीजों के अभाव में जी रहे थे। हमने प्राथमिक आवश्यकताओं के लिए जो प्रमाण दिया, उसका लाभ जनता को मिल रहा है। हमने वोकल फॉर लोकल का मंत्र दिया। वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट का विचार दिया। इसका प्रभाव दिखने लगा है।’

‘2047 सिर्फ शब्द नहीं हैं। इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है। लोगों को सुझाव लिए जा रहे हैं। इसके लिए लोगों ने अनगिनत सुझाव दिए हैं। हर देशवासी का सपना उसमें प्रतिबिंबित हो रहा है। युवा हो, बुजुर्ग हो, गांव के लोग हों, शहर में रहने वाले, किसान, आदिवासी, दलित, महिलाएं, हर किसी ने 2047 में जब देश विकसित भारत की आजादी का पर्व मनाएगा तो हर व्यक्ति का उसमें योग्यता होगा। किसी ने स्किल कैपिटल बनाने का सुझाव रखा, किसी ने भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का, किसी ने विश्वविद्यालयों को वैश्विक स्तर बनाने का सुझाव दिया। हमारा स्किल युवा दुनिया की पहली पसंद बनना चाहिए।’

‘प्यारे देशवासियों इस वर्ष और पिछले कुछ वर्षों से प्राकृतिक आपदाओं में अनेक लोगों ने अपने परिवारों को खोया है। संपत्ति खोई है। राष्ट्र निधि का नुकसान हुआ है। मैं आज उन सबके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि देश इस संकट की घड़ी में उन सबके साथ खड़ा है। मेरे प्यारे देशवासियों हम जरा आजादी के पहले के उन दिनों को याद करें। सैकड़ो साल की गुलामी। हर कालखंड संघर्ष का रहा है। महिला हो, युवा हो, आदिवासी हो, वे सब गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व ही हमारे कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जाती रही थी। आजादी की जंग इतनी लंबी थी। अपरंपार यातनाएं, जुल्मी शासन सामान्य मानवी का विश्वास तोड़ने की तरकीबें, फिर भी उस समय की संख्या के करीब 40 करोड़ देशवासियों ने वो जज्बा दिखाया, वो सामर्थ्य दिखाया। एक संकल्प लेकर चलते रहे, एक सपना लेकर चलते रहे। जूझते रहे। एक ही सपना था वंदे मातरम, एक ही सपना था देश की आजादी का। हमें गर्व है कि हम उन्हीं के वंशज हैं। 40 करोड़ लोगों ने दुनिया की महान सत्ता को उखाड़ फेंका था। अगर हमारे पूर्वज जिनका खून हमारी रगों में है, आज हम 140 करोड़ हैं। अगर 40 करोड़ गुलामी की बेड़ियों को तोड़ सकते हैं, आजादी लेकर के रह सकते हैं तो 140 करोड़ मेरे नागरिक, मेरे परिवारजन अगर संकल्प लेकर चल पड़ते हैं, एक दिशा निर्धारित कर चल सकते हैं, कदम से कदम मिलाकर, कंधे से कंधा मिलाकर, तो चुनौतियां कितना ही क्यों न हो, संसाधनों के लिए जूझने की नौबत हो तो भी हम स्मृद्धि पा सकते हैं। हम 2047 तक विकसित भारत बना सकते हैं।’

देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले आजादी के मतवालों को किया नमन
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘आज वो शुभ घड़ी है जब हम देश के लिए मर मिटने वाले अपना जीवन समर्पित करने वाले, आजीवन संघर्ष करने वाले, फांसी के तख्त पर चढ़कर भारत माता की जय के नारे लगाने वाले, अनगिनत भारत माता के सपूतों के स्मरण करने का दिन है। आजादी के दिवानों ने आज हमें आजादी के इस पर्व में स्वतंत्रता में सांस लेने का मौका दिया। ऐसे हर महापुरुष के प्रति हम अपना श्रद्धा भाव व्यक्त करते हैं। आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए और राष्ट्र निर्माण के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं औऱ देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। चाहे वह हमारा किसान हो, हमारा जवान हो या हमारे नौजवानों का हौसला हो, हमारी माताओं बहनों का योगदान हो। शोषित पीड़ित, वंचित हो। स्वतंत्रता के प्रति उसकी निष्ठा, लोकतंत्र के प्रति उसकी श्रद्धा। ये पूरी दुनिया के लिए प्रेरक घटना है। मैं ऐसे सभी को नमन करता हूं।’

बांग्लादेश के हालात पर जताई चिंता
पीएम ने कहा, ‘बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है। पड़ोस देश होने के नाते हम हालात को लेकर चिंतित हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वहा हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें। शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है, हमारे संस्कार हैं। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा के लिए हमेशा हमारी शुभेच्छा रहेगी, क्योंकि हम मानव जाति की भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं।’

मणिपुर पर क्या बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में मणिपुर हिसा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर और मणिपुर, देश के अन्य हिस्सों में हिंसा का दौर चला। कई लोगों को जान गंवानी पड़ी। पीएम ने कहा कि बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ हुआ। देश मणिपुर के साथ है। अब शांति की खबरें आ रही है। शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। राज्य और केंद्र सरकार मिलकर समस्या का समाधान खोजने के लिए काम कर रही हैं। घटना मणिपुर में होती है तो देश को भी दुख होता है। हम एक हैं। हम सब मिलकर काम करेंगे।