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मोदी सरकार ने कॉर्पोरेट करों में कटौती कर अरबपतियों की जेब में दो लाख करोड़ रुपये डाल दिए गए, मध्यम वर्ग भारी टैक्स का बोझ उठा रहा है!!कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा!!

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने हालिया कर (टैक्स) संग्रह के आंकड़ों को लेकर रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोग कंपनियों की तुलना में अधिक कर चुका रहे हैं और मध्यम वर्ग भारी कराधान का बोझ उठा रहा है। जबकि कॉर्पोरेट करों में कटौती कर अरबपतियों की जेब में दो लाख करोड़ रुपये डाल दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल से 1 जुलाई 2024 तक आयकर संग्रह 3.61 लाख करोड़ रुपये और सकल कोर्पोरेट कर संग्रह 2.65 लाख करोड़ रुपये था। रमेश ने ‘एक्स’ पर लिखा, “जैसा कि हम 23 जुलाई को बजट की ओर बढ़ रहे हैं, अभी आंकड़े जारी किए गए हैं कि 1 अप्रैल से 1 जुलाई के दौरान सकल व्यक्तिगत आयकर संग्रह 3.61 लाख करोड़ रुपये था। जबकि कोर्पोरेट कर संग्रह 2.65 लाख करोड़ रुपये था। यह उस बात की बात की पुष्टि करता है, जो हम काफी समय से कह रहे हैं कि लोग कंपनियों की तुलना में ज्यादा कर का भुगतान कर रहे हैं।”

कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान व्यक्तिगत आयकर कुल कर संग्रह का 21 फीसदी था। जबकि आज यह बढ़कर 28 फीसदी हो गया है। जबकि कंपनियों पर कॉर्पोरेट कर 35 फीसदी से गिरकर 26 फीसदी हो गया है। उन्होंने कॉर्पोरेट कर की दरों को कम करने के केंद्र के 2019 के कदम की आलोचना की और कहा इससे निजी निवेश को गति नहीं मिली, जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा था। इसके बजाय निजी निवेश यूपीए शासन के तहत 35 फीसदी से गिरकर आज 29 फीसदी से नीचे आ गया है।

उन्होंने कहा, जब मनमोहन सिंह ने पद छोड़ा था, उस वक्त व्यक्तिगत आयकर कुल कर संग्रह का 21 फीसदी था। जबकि कॉर्पोरेट कर 35 फीसदी था। आज कुल कर संग्रह में कॉर्पोरेट करों का हिस्सा एक दशक में अपने सबसे निचले स्तर पर तेजी से गिरकर केवल 26 फीसदी हो गया है। इस बीच कुल कर संग्रह में व्यक्तिगत आयकर का हिस्सा बढ़कर 28 फीसदी हो गया है।