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न्यूयॉर्क की अदालत ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पोर्न स्टार मामले में दोषी क़रार दिया!

एक ऐतिहासिक फ़ैसले में न्यूयॉर्क की अदालत ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी मामले में दोषी क़रार दिया है.

पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई पूर्व या मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति किसी अपराध में दोषी क़रार दिया गया हो.

वो ऐसे पहले व्यक्ति हैं, जो एक बड़ी पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भी हैं.

हालांकि हश मनी ममले में ट्रंप अपनी अपील के बारे में योजना बना रहे हैं और 11 जुलाई को सज़ा सुनाए जाने का इंतज़ार कर रहे हैं, जिसमें जेल के साथ ही भारी जुर्माना लगाया जा सकता है. लेकिन इससे होने वाले राजनीतिक असर का आकलन करना जल्दबाज़ी नहीं होगी.

ये मामला अपने आप में अनोखा है क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था.

साउदर्न मेथोडिस्ट यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर प्रेजिडेंशियल हिस्ट्री के डायरेक्टर जेफ़्री एंजेल ने कहा, “इस मामले में क्या होगा, इसके बारे में पता करने के लिए हम अक्सर इतिहास का पन्ना पलटते हैं. लेकिन ऐसा या इस जैसा भी कोई मामला रिकॉर्ड में नहीं है.”

इसी साल रिपब्लिकन पार्टी की ओर से ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल की थी और सज़ा सुनाए जाने से कुछ दिन पहले ही पार्टी का कन्वेंशन निर्धारित है.

पोल्स में संकेत मिलता है कि उनके और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच कांटे की टक्कर है और कुछ स्विंग स्टेट्स में उन्हें हल्की सी बढ़त भी हासिल है, जो कि चुनाव के नतीजे पर असर डाल सकता है.

लेकिन इन सर्वेक्षणों में ये भी पता चलता है कि दोषी क़रार दिए जाने से चुनावी समीकरण प्रभावित भी हो सकता है.

पिछली सर्दियों में रिपब्लिकन प्राइमरी चुनावों के दौरान कराए गए पोल्स में कुछ मतदाताओं का कहना था कि अगर ट्रंप दोषी ठहराए जाते हैं तो वो पूर्व राष्ट्रपति को वोट नहीं करेंगे.

अप्रैल में इप्सास और एबीसी न्यूज़ की ओर से कराए गए सर्वे में पता चला कि ट्रंप का समर्थन करने वाले 16% ने कहा कि ऐसी हालत में वो अपने समर्थन के बारे में दोबारा सोचेंगे.

हालांकि तब ट्रंप दोषी क़रार नहीं दिए गए थे और उस समय वो चार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे थे.

इनमें 2020 के चुनावी नतीजों को पलटने की कथित साज़िश और व्हाइट हाउस छोड़ते समय गोपनीय दस्तावेज़ों के रख-रखाव का मामला भी था.

अब वे मतदाता हक़ीक़त में बदल चुके हालात के आधार पर अपना निर्णय ले सकते हैं.

दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद जब ट्रंप ने कोर्टरूम छोड़ा तो उन्होंने कहा, “असली फ़ैसला पांच नवंबर को जनता करेगी.”

डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के साथ काम कर चुके चुनावी विशेषज्ञ डाउ शोएन कहते हैं कि हश मनी को लेकर मतदाताओं में तब तक कोई गहरी प्रतिक्रिया रहेगी, इसमें शक है, क्योंकि यह मामला आठ साल पहले का है.

उन्होंने कहा, “किसी अपराध के लिए सज़ायाफ़्ता होना कोई अच्छी बात नहीं है. नवंबर में मतदाता महंगाई, दक्षिणी सीमा, चीन और रूस के साथ प्रतिद्वंद्विता, यूक्रेन और इसराइल में खर्च किए जा रहे डॉलर के बारे में सोच रहे होंगे.”

हालांकि ट्रंप के सपोर्ट में थोड़ी सी भी गिरावट, इस कांटे की टक्कर वाली राष्ट्रपति चुनावों के नतीजे पलट सकती है.

अगर विस्कॉन्सिन और पेनसिल्वेनिया जैसे प्रमुख राज्यों में पूर्व राष्ट्रपति के समर्थक कुछ हज़ार वोटर भी ‘साइलेंट’ हो जाते तो इसका बहुत बड़ा असर पड़ सकता है.

रिपब्लिकन वुमन फॉर प्रोग्रेस की सह संस्थापक एलिये हिल-डेविस ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि इसका कोई असर पड़ेगा और उनकी उम्मीदवारी को नुकसान पहुंचाएगा.” इस ग्रुप ने ही ट्रंप से दूर होने के लिए पार्टी से आग्रह किया था.

वो कहती हैं कि नौजवान मतदाता, कॉलेज शिक्षित और नगरों में रहने वाले लोग ट्रंप के आचरण और प्रशासन के उनके तरीक़े से ख़ुश नहीं हैं.

वो कहती हैं, “इन मतदाताओं में डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई वाली रिपब्लिकन पार्टी के साथ खड़ा होने के लेकर हिचक है. दोषी क़रार दिए जाने का मामला इस अनिश्चितता को और बढ़ाएगा.”

लेकिन अग्रणी रिपब्किन नेता, जिनमें से अधिकांश ने पार्टी के उम्मीवार के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए सुनवाई में मौजूद थे, फ़ैसला आने के तुरंत बाद उनके समर्थन में आ गए.

हाउस स्पीकर माइक जॉन्सन ने इसे अमेरिकी इतिहास में एक शर्मनाक दिन क़रार दिया, “यह विशुद्ध राजनीतिक कार्यवाही थी, न कि क़ानूनी.”

आठ सालों से विशेषज्ञ और विरोधी ट्रंप के आसन्न राजनीतिक पतन की भविष्यवाणी करते रहे हैं लेकिन ये ग़लत साबित हुआ है.

2016 में राष्ट्रपति चुनाव अभियान में कई स्कैंडल की चर्चा हुई जो किसी भी राजनेता के लिए भारी पड़े होते, जिसमें ट्रंप की वो रिकॉर्डेड बातचीत भी शामिल हैं, जिसमें वो महिलाओं के बारे में कथित अपमानजक बातें कर रहे थे. इस सुनवाई में उसका भी बार-बार ज़िक्र आया.

ट्रंप के कार्यकाल में रिपब्लिकन पार्टी ख़ुद को बँटी हुई दिखी, जब दो बार महाभियोग लाया गया और कैपिटल हिल पर ट्रंप समर्थकों के हमले के साथ ट्रंप की व्हाइट हाउस से अराजक विदाई हुई.

इन सब बातों ने भी पूर्व राष्ट्रपति को राजनीतिक पुनर्जीवन से रोक नहीं पाईं और आख़िरकार नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में वो ऐसी स्थिति में आ गए हैं कि वो जीत भी सकते हैं.

एंजेल कहते हैं, “अमेरिकी इतिहास में इससे पहले किसी और उम्मीदवार पर स्कैंडल के ऐसे आरोप उसे तबाह कर दिया होता लेकिन ट्रंप को मिल रहा लगातार समर्थन वास्तव में आश्चर्यजनक है.”

यह ऐतिहासिक आपराधिक सज़ा बिल्कुल अलग भी साबित हो सकती है. ख़ासकर तब जब ट्रंप की अपील ख़ारिज हो गए और उनके जेल जाने की नौबत आ गई.

या ये रुकावट डालने वाली घटनाओं की श्रृंखला की एक ताज़ा कड़ी हो सकती है, जो कि सत्ता तक पहुंचने के ट्रंप के रास्ते में बाधा ही रही हैं.

अमेरिकन यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर एलन लिचमैन ने एक पॉलिटिकल मॉडल तैयार किया है, जिसने 1984 के बाद से ही राष्ट्रपति रेस में शामिल रहे उम्मीदवारों की जीत की सफल भविष्यवाणी की है.

हालांकि, वो भी मानते हैं कि ट्रंप की सज़ा एक अभूतपूर्व मामला हो सकता है, जिसके बारे में यह पॉलिटिकल मॉडल काम नहीं भी कर सकता है.

वो कहते हैं, “इतिहास की किताबें इसे वाक़ई अभूतपूर्व घटना के रूप में दर्ज करेंगी लेकिन बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि बाद में क्या होता है.”

ट्रंप के सज़ा मिलने के महत्व पर अंतिम फ़ैसला नवंबर में मतदाताओं के हाथ से होगा. अगर पूर्व राष्ट्रपति हार जाते हैं, तो उनकी सज़ा को उनकी हार का कारण माना जाएगा.

अगर वो जीतते हैं तो यह ट्रंप के राजनीतिक करियर में फुटनोट के तौर पर दर्ज होगा.

एंजेल कहते हैं, “हम जानते हैं कि इतिहास विजेताओं द्वारा लिखा जाता है.”

एंथनी ज़र्चर
पदनाम,उत्तरी अमेरिका संवाददाता