विशेष

हालीवुड द्वारा बनाई जाने वाली छवि : छोटी सोच और नर्वस का शिकार एशियन, अफ्रीकी ख़तरनाक़, लैटिन अमेरिकन अय्याश और रूसी बेरहम!

हालीवुड की फ़िल्में, लैटिन मूल के लोगो के कामुक होने पर अधिक ध्यान केन्द्रित करती हैं

हालीवुड किस तरह से अपनी सोच को दुनिया पर थोप रहा है।

संयुक्त राज्य अमरीका में सबसे बड़े अल्पसंख्यक लैटिन मूल के लोग हैं। यह अमरीका की जनसंख्या का लगभग 18 प्रतिशत हैं। सन 2000 से बनने वाली 2682 फ़िल्में बताती हैं कि लैटिन मूल के लोगों पर बनी फ़िल्मों की कहानियां उनके कामुक होने पर अधिक ध्यान केन्द्रित करती हैं।

हालीवुड में बनने वाली फ़िल्मों के विषय, पश्चिम के मन में पाए जाने वाले तअस्सुब को बताते हैं। इनके अन्तर्गत सामान्यतः एशियन्स को नर्वस लोगों के रूप में, काले रंग वालों को बहुत ही ख़तरनाक और लैटिन मूल के लोगों को बुरे इंसानों के रूप में दिखाया जाता है।

इस रिपोर्ट में सन 1928 से बनने वाली 6000 से अधिक आस्कर योग्य फ़िल्मों की ओर संकेत किया गया है।

छोटी सोच और नर्वस का शिकार एशियन

एशियन के विरुद्ध हालीवुड द्वारा बनाई जाने वाली छवि
एशिया की आबादी, संसार की जनसंख्या की लगभग आधी है। सन 2017 से 2018 तक की फ़िल्मों में 3 प्रतिशत एशियन्स की भूमिका रही है। कई अवसरों पर यह छविया पूरी तरह से ख़राब रही हैं। वहां पर एशियन्स को सामान्यतः छोटी सोच वाले और नर्वसनेस का शिकार दिखाया जाता है।

पहले काली चमड़ी वाले मरते हैं

सारी भूमिकाओं में अश्वेतों की भूमिका लगभग 12.5 प्रतिशत है। एशियन लोगों की ही तरह हालीवुड के आरंभिक दिनों में काले लोगों की भूमिकाओं को गोरे लोग ही निभाते थे। काले चेहरों में गोरे अभिनेताओं द्वारा निभाए गए व्यंग चित्रों को छोड़कर वे मुश्किल से ही दिखाई देते थे।

आज भी काले लोगों को बहुत ही ख़तरनाक इंसान के रूप में और काले रंग की महिलाओंको हिंसक प्रवृति की महिला दिखाया जाता है। अगर फ़िल्म में कोई मरता है तो संभवतः पहले काले रंग वाले की मौत दिखाई जाती है। यहां तक कि नस्ली रूढ़ीवाद के बारे में जागरूकता के बावजूद हालीवुड अब भी अपने इसी व्यवहार को आगे बढ़ा रहा है।

अफ्रीकन ख़तरनाक

हालीवुड में अफ्रीकियों के बारे में विचित्र सोच
अफ्रीकियों के बारे में हालीवुड में जो सोच है वह अजीब या विचित्र है। हालीवुड की फिल्मों में काले लोगों के बारे में जो दिखाया जाता है वह अधिक्तर अमरीका में रहने वाले कालों की ओर संकेत करता है। वहां की बहुत ही कम फ़िल्मों में अफ्रीकी कैरेक्टर देखने को मिलते हैं। हालीवुड की फ़िल्में, अफ्रीका महाद्वीप को बहुत ही रहस्यमई और ख़तरनाक क्षेत्र के रूप में पेश करती हैं जहां पर सभ्यता बहुत की कम है।


लैटिन अमरीकी, अपनी सेक्स अपील के कारण

हालीवुड की निगाह में लैटिन मूल की महिलाएं बहुत आकर्षक होती हैं
अमरीका में सबसे बड़े अल्पसंख्यक लैटिन मूल के लोग हैं। यह अमरीका की जनसंख्या का लगभग 18 प्रतिशत हैं। सन 2000 से बनने वाली 2682 फ़िल्में बताती हैं कि लैटिन मूल के लोगों पर बनी फ़िल्मों की कहानियां उनके कामुक होने पर अधिक ध्यान केन्द्रित करती हैं। वे हमेशा ही आकर्षक दिखाई देती हैं।

इसके अतिरिक्त हालीवुड की फ़िल्में, लैटिन संस्कृतियों की विविधता को अनदेखा करना चाहती हैं।

रूसी बेरहम और हिसंक

रूसियों की भूमिका हालीवुड में ग़ैर रूसी ही निभाते हैं
हालीवुड में रूसियों की भूमिका सामान्यतः ग़ैर रूसी ही निभाते हैं। हालीवुड में आज भी रूसियों को शीत युद्ध के दौरान के लोगों की भांति दिखाया जाता है। उनको अधिकतर बहुत कठोर और शराबी के रूप मे पेश किया जाता है। विचित्र बात तो यह है कि उनकी भूमिकाओं को हालीवुड में ग़ैर रूसी निभाते हैं। कोल्ड वार के ज़माने में वास्तव में हालीवुड में रूस के अभिनेताओं की बहुत कमी थी। हालांकि अब नई फ़िल्मों में भी उनकी भूमिका ग़ैर रूसी लोग ही निभाते हैं।