Jairam Ramesh
@Jairam_Ramesh
आज प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के इटावा और धौरहरा के दौरे पर हैं। उनसे आज के हमारे सवाल:
1. सीतापुर अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर 7 सालों से बंद क्यों है?
2. क्या टमाटर-प्याज-आलू (TOP) को प्राथमिकता देने का प्रधानमंत्री का वादा भी जुमला था?
3. यूपी में गन्ने की क़ीमतें बेहद कम क्यों हैं?
जुमलों का विवरण:
1. सीतापुर जिला अस्पताल का ट्रॉमा सेंटर 7 साल से बेकार पड़ा हुआ है। यह भवन पिछली राज्य सरकार के कार्यकाल में बनाया गया था लेकिन भाजपा ने सत्ता में आने के बाद से इसकी उपेक्षा की है। नतीजा यह है कि मरीज़ों को इलाज़ के लिए अक्सर लखनऊ जाना पड़ता है। भाजपा सरकार ने लोगों की जान को ख़तरे में क्यों डाल रखा है? पिछले 7 सालों से ट्रॉमा सेंटर क्यों बदहाल स्थिति में?
2. यूपी में आलू किसानों को पिछले कुछ वर्षों में क़ीमतों में भारी उतार-चढ़ाव के कारण तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा है। उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है। पिछले साल ऐसी रिपोर्ट आई थी कि इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज और औरैया जैसे क्षेत्रों में आलू उत्पादक बंपर उत्पादन के कारण राज्य सरकार की न्यूनतम क़ीमत से भी कम दरों पर अपनी उपज बेचने को मजबूर हुए। किसानों के केवल 500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से ही पैसा मिल पाया, जो कि उनकी उत्पादन लागत 1200-1400 रुपए प्रति क्विंटल के आधे से भी कम है। 2018 में, पीएम ने बड़ा वादा किया था कि टमाटर, प्याज और आलू (TOP) उनकी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता हैं। इस TOP वादे का क्या हुआ? क्या यह एक और जुमला था? भाजपा सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कर रही है कि यूपी के आलू किसानों को उनकी उपज के लिए लगातार, लाभकारी मूल्य मिले?
3. कृषि मंत्रालय के अनुसार उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है। फिर भी, भाजपा सरकार ने गन्ने की क़ीमत बढ़ाने के लिए किसानों की मांग को लगातार नज़रअंदाज़ किया है। यूपी में क़ीमतें सिर्फ़ 360 रुपए प्रति क्विंटल हैं, जो पंजाब में 386 रुपए प्रति क्विंटल और हरियाणा में 391 रुपए प्रति क्विंटल से काफ़ी कम है। दाम में जो बढ़ोतरी हुई भी है, वो महंगाई के हिसाब से बहुत कम है। किसान उर्वरक और कीटनाशकों की बढ़ती लागत के कारण संघर्ष कर रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में खेती का रकबा भी लगभग 4000 हेक्टेयर कम हो गया है, जो अब यूपी की चीनी मिलों के लिए समस्या का कारण बन रहा है। गन्ने की कमी के बीच, मिलें किसानों को समय पर भुगतान नहीं कर पा रही हैं। कई लोगों को डर है कि मिलें कहीं स्थायी रूप से बंद न हो जाए। यह दुष्चक्र गन्ना किसानों और मिल श्रमिकों की आजीविका को ख़तरे में डाल रहा है लेकिन भाजपा सरकार कुछ करती हुई नहीं दिख रही है। क्या प्रधानमंत्री हमें बता सकते हैं कि भाजपा ने यूपी के कभी फलते-फूलते चीनी उद्योग की दुर्दशा को क्यों नज़रअंदाज़ किया है?
यूपी के अमेठी में स्मृति ईरानी और BJP के कार्यकर्ता बुरी तरह डरे हुए हैं।
सामने दिख रही हार से बौखलाए BJP के गुंडे लाठी-डंडों से लैस होकर अमेठी में कांग्रेस कार्यालय के बाहर पहुंचे और वहां खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की।
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और अमेठी के लोगों पर भी जानलेवा… pic.twitter.com/Knv7BBN8bk
— Congress (@INCIndia) May 5, 2024
Ranvijay Singh
@ranvijaylive
यूपी के अमेठी में कांग्रेस कार्यालय के बाहर गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई. कई लोगों पर हमला भी हुआ है.
BJP के कार्यकर्ताओं पर आरोप है.
https://twitter.com/i/status/1787194113080930710