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ये रावण के ‘विभीषण’ से स्मार्ट थे, अरुण गोविल अपनों को पहचान नहीं पाए!

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से धारावाहिक रामायण में राम बने अरुण गोविल की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई। मेरठ की सीट पर राजेंद्र अग्रवाल, अमित अग्रवाल, सुधीर अग्रवाल और तमाम तरह की धींगा-मुश्ती से बचते हुए भाजपा ने मेरठ में अरुण गोविल को प्रत्याशी बना दिया। अरुण गोविल ने भी इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी। मतदान से पहले दीपा चिखालिया (सीता), सुनील लहरी (लक्ष्मण) आ गए। अरुण गोविल को बड़ा झटका तब लगा, जब उन्हें अपनी ही सेना में तमाम ‘विभीषण’ दिखाई दिए। ये रावण के ‘विभीषण’ से स्मार्ट थे। इन्होंने पाला नहीं बदला। पाले में रहकर अरुण गोविल को भीतर तक हिलाकर रख दिया। अरुण गोविल को यही समझ आया कि चुनाव की लंका से जान बचे तो लाखों पाए। मतदान खत्म हुआ नहीं कि बोरिया बिस्तर समेट मुंबई चले गए। वहां जाकर ट्वीट भी किया कि उन्हें दु:ख है, ऐसे अपनों को पहचान नहीं पाए। बात आलाकमान तक पहुंची, तो लोगों ने मनाया। फिर अरुण गोविल को यह ट्वीट भी हटाना पड़ा। अब चार जून का इंतजार है।