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हिंदी फ़िल्मों में शैतान और दरिंदों की निभाने वाले विशालकाय ”शमशुद्दीन” के बारे में जानिए

हिंदी फ़िल्मों में शैतान और दरिंदों की निभाने वाले एक्टर्स की बात होती है तो उसमें से एक नाम आता है ऐक्टर शम्सुद्दीन का। कभी हॉरर फ़िल्मों की पहले पसंदीदा ऐक्टर रह चुके शम्सुद्दीन हर निर्देशक की पहली पसंद हुआ करते थे। 7 फीट की ऊंचाई वाले शम्सुद्दीन सबसे पहले नज़र आये थे 1981 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘कातिलों के कातिल’ में। धर्मेंद्र, ऋषि कपूर और जीनत अमान अभिनीत इस फ़िल्म में शम्सुद्दीन एक कैमियो ‘रीचा’ के किरदार में नज़र आये थे जो कि एक राक्षसी थी जो बाहर जंगल में रहती थी। शम्सुद्दीन द्वारा निभाये रीचा के इस असामान्य किरदार को इतना पसंद किया गया कि इसके बाद ऐसे किरदारों के लिये उनके पास ऑफर्स की बाढ़ आ गयी।

अपने वक़्त की बहुत मशहूर फिल्म थी ग़ज़ब, फिल्म में ध्र्मेंद्र के आलावा रेखा थीं, इस फिल्म में शमशुद्दीन ने जो रोल निभाया था वो गज़ब था, प्रमोद चक्रवर्ती की फिल्म जागीर में जंगो नाम का किरदार हमेशा के लिए याद रहने वाला है

एक दरिंदे के रूप में उनका अगली फिल्म थी 1986 में आयी तहखाना। इस फिल्म में शम्सुद्दीन ने एक विशालकाय राक्षसी जानवर की भूमिका निभाई, जो काफी हद तक हॉलीवुड की हॉरर फिल्मों से प्रेरित था।इस फिल्म के बाद आयी शमसुद्दीन की अगली हॉरर फिल्म डाक बंगला जो कि भारत की पहली ए रेटेड हॉरर फिल्मों में से एक थी। बेहद डरावनी इस फ़िल्म में शम्सुद्दीन ने सफेद धारीदार कपड़ों में ढकी ममी के किरदार को निभाया था जिससे हमेशा ख़ून टपकता रहता था। इन फ़िल्मों के बाद शम्सुद्दीन ने वीराना, शैतानी इलाक़ा, कराटे और कौन करे कुर्बानी जैसी ढेरों फ़िल्मों में नज़र आये। शैतान के किरदारों के अलावा शम्सुद्दीन अन्य छोटे छोटे निगेटिव किरदारों में भी नज़र आते रहे और बाद में उन्होंने इश्क़ जैसी फिल्मों में कॉमेडी करते भी दिखे। शम्सुद्दीन ने अपने करियर में 50 से भी अधिक फिल्मों में अभिनय किया। दोस्तों शम्सुद्दीन शायद अभी तक दर्शकों का मनोरंजन करते ही रहते लेकिन अफसोस कि 5 दिसम्बर 2016 को उनका देहान्त हो गया।