

Related Articles
क्या मुझे रोता देख तुम्हारा मन पिघलता नहीं….
Geeta Baisoya · =============== क्या मुझे रोता देख तुम्हारा मन पिघलता नहीं…. मेरा मुरझाए चेहरे को देख, क्या तुम्हें बुरा लगता नहीं… क्यों तुम पत्थर दिल हो जाते हो… कैसे मुझे रोता छोड़, तुम सो जाते हो… रात अक्सर निकल जाती है मेरी,यही सोच में… क्या तुम्हें मेरी फिक्र नहीं, या तुम्हें अब मेरी जरूरत […]
इन वजहों से मर्दों को हार्ट अटैक ज़्यादा आता है…तो हमें औरतों मर्दों की तुलना नही करनी चाहिए!
कश्मीरा एण्ड शहरयार =========== · ताबिश भाई का तर्क है कि औरतों ने मर्दों की ज़िंदगी नर्क कर रखी है, अपने शोषण की ज़िम्मेदार भी औरतें हैं। उनके हिसाब से औरतें अगर खाना बनाती है तो मर्द उससे ज़्यादा मेहनत का काम करते हैं जैसे सड़क बनाना, दिन रात ट्रक चलाना वगैरह वगैरह। वो तर्क […]
लेखक, संजय नायक ‘शिल्प’ की====कहानी “मरीज़” क़िश्त- 3, पढ़िये!
संजय नायक ‘शिल्प’ ============== · कहानी”मरीज” किश्त- 3 उस दिन फुटबाल के इंटर कॉलेज टूर्नामेंट का फाइनल मैच था । मैच उनके कॉलेज और उस कॉलेज की चिर प्रतिद्वंदी कॉमर्स कॉलेज के बीच था । पिछले दो साल से कॉमर्स कॉलेज हारता रहा था और इस बार भी उस फाइनल मैच का रोमांच पूरे शहर […]