Manu Bairwa
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ये हैं करौली के महाराजा शूरवीर्य परम वीर्य चंद्रपाल सिंह…
जिनका कद था 11 फुट साढ़े दस इंच , वजन 802 किलो,
छाती 96 इंच, भुजाएं 74 इंच,
तलवार का भार 268 किलो, ढाल 306 किलो, विद्युत की गति से दौड़ते, 95 फुट ऊंची छलांग…
एक बार शेरों के झुंड में घिरे तो 30 शेरों को निहत्था ही फाड़ डाला, फिर कुछ दिनों बाद हाथियों के झुंड में घिर गए तो 20 हाथियों को सूंढ पकड़ कर उछाल कर दूर फेंक दिया, 🙏
फिर कुछ दिनों बाद मगरमच्छों के झुंड में घिरे तो 80 मगरमच्छों को निहत्था चीर दिया…
मुगल इनके नाम से घबराते थे, ये बहुत बड़े राजा थे .
और इनका सेनापति भी परंपरा के अनुसार 95 वर्ष का बूढ़ा होता…
महाराजा चंद्रपाल भी हर युद्ध में सर कटवा बैठते और बिना सर के ही शत्रु को हज़ारों किलोमीटर तक दौड़ा दौड़ा कर पेलते थे..
शूरवीर्य परम वीर्य चंद्रपाल सिंह जी जो थे उनकी आंखो से ही खूंखार मुगल अपने हथियार डाल कर हार मान लेते थे…
किसी ने खूब लिखा है: 🚩
चंद्रपाल लड़ियो एसो लड़ियो मुगल पठान से
जैसो सुबह-सुबह जाए लोटा ले के कोई मैदान में 🚩
Manu Bairwa
करौली के एक ऐसे राजा जो अदृश्य होकर करते हैं अपनी प्रजा की रक्षा, जानें पूरी डिटेल
शर्मा/करौली. राजस्थान के करौली के महाराजाओं में गोपाल सिंह का नाम काफी महत्वपूर्ण रहा है. गोपाल सिंह के द्वारा करौली में कई विकास कार्य कराए गए जो आज भी यहां की ऐतिहासिकता को दर्शाते हैं. करौली के लोग आज भी गोपाल सिंह को लोक देवता के रूप में पूछते हैं. गोपाल सिंह के देहावसान के बाद उनकी याद में एक विशाल स्मारक बनाया गया, जिसे गोपाल सिंह की छतरी के नाम से जाना जाता है. यह विशाल छतरी एक ऊंचे चबूतरे और 20 मजबूत खंभों पर बनी हुई है. छतरी में की गई बारीक नक्काशी और चित्रकारी भी अद्भुत है.
छतरी के पुजारी श्याम बाबू भट्ट बताते हैं कि महाराज गोपाल सिंह निधन के बाद भी अदृश्य होकर अपनी प्रजा की रक्षा करते हैं. सोमवार के दिन और दिवाली और दशहरे के अवसर पर महाराज गोपाल सिंह की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. दीपावली के अवसर पर करौली नरेश कृष्ण चंद्र पाल और युवराज विवसवत पाल द्वारा श्रद्धालुओं के लिए प्रसादी वितरित की जाती है.
जानते हैं इनकी मान्यताओं के बारे में
छतरी की सबसे खास बात यह है कि गोपाल सिंह की प्रतिमा के साथ ही छतरी में पंचमुखी महादेव और नंदी महाराज विराजमान हैं. ऐसी मान्यता है कि करौली में जब भी नव दंपत्ति की शादी होती है तो उनके द्वारा महाराज गोपाल सिंह की छतरी में श्रद्धा अनुसार विवाहित जोड़ों को भोजन कराया जाता है. ऐसा करने से नव दांपत्य जीवन सुख व कल्याणकारी रहता है.
मान्यताओं के अनुसार ऐसा भी माना जाता है यदि किसी घर में सर्प, बिच्छू और लाल चीटियां निकलती हैं तो यहां के लोग हाथ में मिट्टी लेकर गोपाल सिंह को ध्यान में रखकर प्रार्थना करते हैं, जिससे वह उनकी जहरीले कीटों से रक्षा करते हैं.
जानिए कहां पर है यह छतरी :
नदी गेट के पास ढोलीखार मोहल्ला