

Related Articles
ये काफ़ी है कि हम दुश्मन नहीं हैं…वफ़ा-दारी का दावा क्यों करें हम!!
कश्मीरा शाह चतुर्वेदी ========= नया इक रिश्ता पैदा क्यों करें हम बिछड़ना है तो झगड़ा क्यों करें हम ख़मोशी से अदा हो रस्म-ए-दूरी कोई हंगामा बरपा क्यों करें हम ये काफ़ी है कि हम दुश्मन नहीं हैं वफ़ा-दारी का दावा क्यों करें हम वफ़ा इख़्लास क़ुर्बानी मोहब्बत अब इन लफ़्ज़ों का पीछा क्यों करें हम […]
कामरेड शशि प्रकाश की ताज़ा कविता … हमारे लहूलुहान समय का एक दृश्य-चित्र!
* स्टिललाइफ़ 2023 तिपहरी उदास, सुनसान। एकाकी उचाट आत्मा पर ग्लानिग्रस्त गुलाब की छाया गिरती हुई अनमनी। पुराने बरगद की लटकती बरोहें डोलती हुई हवा में जिन्हें फिर से मिट्टी तक पहुँच कर नयी जड़ें बनना था। मनहूसी भरे आसमान में पुच्छल तारे सी उगी एक बन्दूक। नीचे कंसंट्रेशन कैम्प जैसी किसी आतंककारी इमारत के […]
रोशनाबाद कविता श्रृंखला….रामलौट हँसते हैं
Kavita Krishnapallavi ================== रोशनाबाद कविता श्रृंखला रामलौट रामलौट लगाते हैं चाय का ठेला सिडकुल, हरिद्वार में I सोलह की उम्र में सिवान जिला के बड़कागाँव से गये थे दिल्ली I अब चालीस का होने को आये I शादी हुई बीस की उमर में I पाँच साल बाद बीवी मरी डेंगू से तीन साल का बेटा […]