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“नाजुक डोर…..!!पार्ट-1!!
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ============ “नाजुक डोर…..!! मां…..बस अब बहुत हुआ …मैंने फैसला कर लिया है मुझे मोहनजी के साथ नहीं रहना बस…!! सुधा…. पागलों जैसी बातें मत कर …ये क्या पागलपन है अच्छा खासा परिवार बन रहा है तेरा मोहन एक अच्छा लडका है और तेरी एक बेटी भी है तू कैसे भूल सकती है […]
अधूरेपन में जो ख़लिश है, सच्चे इश्क़ की वो तपिश है…By-रीमा सिन्हा ‘संवेदना
रीमा सिन्हा ‘संवेदना ============ अधूरेपन में जो ख़लिश है, सच्चे इश्क़ की वो तपिश है। हाल पर हँसता है ज़माना, ज़माने की हमसे रंजिश है। ख़्वाब से पूरी होती खुशियां, हक़ीक़त की अपनी बंदिश है। अधूरा तो हर कोई है दुनियां में, अधूरापन पूर्णता की कोशिश है। पूरे होकर रुक जायेंगे राह में, अधूरापन क़ल्ब […]
मजबूरी में मैं आपके पास आई हूँ””
रात तक़रीबन 9 बजे दफ़्तर से लौटने के क्रम में प्रफुल्ल बाबू की चमचमाती मर्सिडीज कार जैसे ही उनके घर के मुख्य फाटक में घुसी,ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी तेज़ी से दौड़कर उनके पास पहुंचा औऱ उन्हें सैल्यूट करते हुए कहा…“साहब, एक महिला आपके लिए लिखी गई किसी व्यक्ति की एक चिट्ठी लेकर न जाने कब […]