https://www.youtube.com/watch?v=UOp2kIfia5k
प्रदर्शनकारी मुसलमानों के साथ पुलिस और मीडिया का रवैया क्या तर्कसंगत है?
भारत में पैग़म्बरे इस्लाम की शान में गुस्ताख़ी का मुद्दा लगातार सुर्खियों में है और देश के अनेक इलाक़ों में तनाव है, वहीं कई जगहों पर पुलिस की कार्यवाही भी सवालों के घेरे में बताई जाती है।
जुमे की नमाज़ के बाद कई शहरों में प्रदर्शन हुए और हालात बहुत ख़राब हो गए झारखंड में तो दो लोगों की जानें भी चली गईं जबकि सैकड़ों गिरफ़तारियां हुई हैं। उत्तर प्रदेश में कुल मिलाकर 255 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
जिन ज़िलों में शुक्रवार को हिंसा भड़की वहां पर शनिवार को सुरक्षा के कड़े इन्तेज़ाम दिखे और पुलिस और प्रशसन के अधिकारियों ने सड़कों पर निकल कर सुरक्षा इन्तेज़ाम का जायज़ा लिया।
https://www.youtube.com/watch?v=3VNfoZHo2fU
प्रयागराज में पुलिस का कहना है कि 29 गंभीर धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया है और उनका दावा है कि उन्होंने घटना की मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है जिसका नाम वो मोहम्मद जावेद उर्फ़ जावेद पंप बता रही है, पुलिस का कहना है कि जावेद के मोबाइल फ़ोन से मिली जानकारी के मुताबिक़- उन्होंने भारत बंद का आह्वान किया और टाला, जहाँ हिंसा भड़की वहां पहुँचने का भी आह्वान किया गया था।
वहीं भारत के भीतर कई गलियारे पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठा रहे हैं और साथ ही मीडिया की रिपोर्टिंग की शैली की भी निंदा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूर्व मीडिया सलाहकार और देवरिया से भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें पुलिस एक बंद कमरे में हिरासत में कुछ लोगों पर लाठियां बरसा रही है।
कुछ जगहों पर मुसलमानों की इमारतों पर बुलडोज़र चलाए जाने की ख़बरें हैं।
https://www.youtube.com/watch?v=2lr_xg6yHCg
ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने का हमसे यह बदला लिया गया है, घर पर बुलडोज़र चलने के बाद आफ़रीन फ़ातिमा
एक युवा मुस्लिम कार्यकर्ता कि जिसका घर दक्षिणपंथी योगी सरकार के अधिकारियों ने गिरा दिया, कहा है कि उन्हें और उनके परिवार को पैग़म्बरे इस्लाम के अपमान के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की सज़ा दी गई है।0
रविवार को आफ़रीन फ़ातिमा के घर को पुलिस की भारी भीड़ की मौजूदगी में बुलडोज़र से ज़मींदोज़ कर दिया गया, जिसे दर्जनों पत्रकारों ने अपने क़ैमरे में क़ैद कर लिया।
देखते ही देखते दो मंज़िला इमारत को मलबे में बदल दिया गया और फ़र्निचर, किताबों और कुछ तस्वीरों को उठाकर नज़दीक के ख़ाली प्लॉट में फेंक दिया गया। इनमें एक ऐसा पोस्टर भी था, जिस पर लिखा हुआ थाः जब अन्याय क़ानून का रूप धारण कर ले, तो प्रतिरोध कर्तव्य बन जाता है।
https://www.youtube.com/watch?v=39G3HvqYKec
यह विध्वंसक कार्यवाही सत्ताधारी बीजेपी पार्टी के दो नेताओं द्वारा पैग़म्बरे इस्लाम के अनादर के कुछ दिन बाद भारतीय मुसलमानों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों के कुछ दिन बाद की गई है।
पैग़म्बरे इस्लाम के ख़िलाफ़ बीजेपी के प्रवक्ताओं की टिप्पणी के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके विरुद्ध आवाज़ उठी थी, जिसके बाद बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं को निलबिंत और निष्कासित कर दिया था।
पिछले शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद भारत के विभिन्न शहरों में मुसलमानों ने प्रदर्शनों का आयोजन किया था, जो कुछ जगहों पर हिंसक भी हो गया था।
https://www.youtube.com/watch?v=3b4XLTR92iA