साहित्य

मधु कांकरिया संवेदना की कहानीकार हैं

जयचंद प्रजापति ·
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मधु कांकरिया संवेदना की कहानीकार हैं
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हिंदी साहित्य की प्रतिष्ठित लेखिका मधु कांकरिया का जन्म 23 मार्च 1957 में कोलकाता के एक मध्यवर्गीय राजस्थानी परिवार में हुआ था। मधु कांकरिया एक लेखिका हैं। उपन्यासकार हैं। कहानीकार हैं। यात्रावृत भी लिखती हैं। बहुचर्चित लेखिका हैं। आज इनका जन्मदिन है।

बचपन में पढ़ने लिखने का शौक था। पिता ध्यानचंद मैटल कारोबारी थे। अर्थशास्त्र से एमए किया है। कम्प्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा किया है। साधारण लुक में रहती हैं। कोई ताम झाम नहीं। सादगी भरा जीवन। संवेदना से भरी महिला हैं। रचनाओं के माध्यम से आम जन के लिए जूझती मिलती हैं।


विचार संवेदना पर आधारित रचनाएं लिखती हैं। नवीनता से भरी होती है। समाज में ज्वलंत समस्याओं पर लिखती हैं। संस्कृति पर लिखती हैं। महानगर की घुटन भरी जिंदगी के बारे में कलम चलती रहती है। नारी चेतना तथा इलाकों की पीड़ा पर आवाज उठाती हैं।

इनकी कहानी ..चिड़िया ऐसे मरती है, कालीचील, फाइल तथा उपन्यास ..खुले गगन के लाल सितारे, सूखते चिनार हैं। यात्रावृतांत बुद्ध,बारूद है। कथाक्रम सम्मान, हेमचंद्र आचार्य साहित्य सम्मान और कई सम्मान भी मिले हैं। विश्वविद्यालय में इनकी रचनाओं को शामिल किया गया है

…….. जयचन्द प्रजापति ’जय’
प्रयागराज